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गर्भवती महिलाओं पर कोरोना का कहर, गुजरात के अस्‍पतालों में सैकड़ों भर्ती, जिंदगी बचाना मुश्किल

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अहमदबाद। गुजरात में कोरोना महामारी का असर दिनों दिन ज्‍यादा होता जा रहा है। एक दिन में यहां 9,541 कोरोना पॉजिटिव मिले और रिकॉर्ड 97 मौतें हुईं। युवा, वयस्‍क, बुजुर्ग और यहां तक कि प्रेग्‍नेंट महिलाएं भी वायरस से संक्रमित हो रही हैं। गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने की दर काफी ज्‍यादा है। कोरोना के कहर के चलते ऐसी महिलाएं आईसीयू में भर्ती कराई जा रही हैं। अहमदाबाद स्थित सरदार वल्‍लभभाई पटेल अस्पताल में मेडिसिन प्रोफेसर डॉ मोनिला पटेल ने कहा, ''हम ये मानते थे कोरोना से माताएं बची रहेंगी, लेकिन अब देख रहे हैं कि हालत बहुत भयावह हो गए हैं।"

pregnant women Covid-positive

एसवीपी अस्पताल (सरदार वल्‍लभभाई पटेल अस्पताल) में लगभग 700 कोविड-पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराई, लेकिन एक की जान नहीं बचाई जा सकी। कोरोना के नए स्‍ट्रेन के चलते जानें ज्‍यादा जा रही हैं। सरकारी अधिकारी श्वेता मेहता साहू की मौत भी ऐसे समय में ही हुई, जो नौ महीने की गर्भवती थीं। डॉक्टरों ने 35 वर्षीय महिला को बचाने के लिए उसकी बच्‍ची की डिलीवरी कराई, लेकिन बेटी और मां दोनों की एक दो दिन में मृत्यु हो गई।

डॉ शाह ने कहा, "वर्तमान में, हमारे पास तीन गर्भवती महिलाएं हैं जो कोरोना से जूझ रही हैं और वेंटिलेटर पर हैं। जिनमें एक गर्भवती महिला ऐसी है, जिसे जुड़वा बच्चे हुए। डॉक्‍टरों पर डिलीवरी कराने और मां के जीवन को बचाने का दवाब है, लेकिन वे हालत के आगे मजबूर भी हैं। माताओं और उनके परिवारों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है और यहां तक ​​कि वर्तमान में संक्रमित होने से बचने के लिए उन्हें घर क्‍वारंटाइन करने का सहारा भी ले सकते हैं। ऐसा कदम ही सबसे अच्छा इलाज है।"

लापरवाही- उत्तराखंड के कोविड केयर सेंटर से 20 कोरोना मरीज भाग गए, 5 राज्‍यों के रहने वाले थेलापरवाही- उत्तराखंड के कोविड केयर सेंटर से 20 कोरोना मरीज भाग गए, 5 राज्‍यों के रहने वाले थे

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में, दो गर्भवती महिलाओं ने फेफड़ों की कमजोरी से जूझते हुए कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई खो दी। इसी प्रकार सूरत में, डॉक्टरों ने कहा कि 20-30 साल की युवा गर्भवती महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। डॉ दीप्ति पटेल ने कहा, "पिछले साल, संक्रमित गर्भवती महिलाएं बिना किसी जटिलता के ठीक हो रही थीं, लेकिन इस बार, गर्भवती महिलाओं को ऑक्सीजन सपोर्ट और इनवेसिव थेरेपी जैसी सहायता से 30% से 40% फेफड़ों की क्षति के साथ भर्ती किया जा रहा है।"

राजकोट में, पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ नीरज मेहता ने कहा कि, हमारे यहां दस गर्भवती महिलाएं आईं। हमने देखा कि गर्भवती महिलाओं और बाल रोगियों पर कोरोना बहुत बुरी तरह असर डालता है। उन्‍हें देखकर विचलन होती है।"

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English summary
gujarat: hundreds of pregnant women Covid-positive In the current wave of covid pandemic
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