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गुजरात चुनाव में अबतक कैसे बदलता गया बीजेपी का नारा ? जिसके सामने सारी पंचलाइन हुई फेल

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गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: भारतीय जनता पार्टी चुनावों के दौरान नारे और उसकी पंचलाइन पर बहुत दिमाग खपाती है। आमतौर पर यह काम हर राजनीतिक पार्टियां करती हैं। लेकिन, बीजेपी इसे बहुत ही अहमियत देती है। गुजरात में भाजपा 1995 के चुनावों के बाद से सत्ता में है और तभी से हर चुनाव में उसने शब्दों से खेलकर तैयार किए गए अपने नारों से वोट बटोरने का काम किया है। इस बार भी बीजेपी ने एक खास नारा उठाया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियों में अक्सर बोलते हैं- आ गुजरात अमे बनायू छे। 'इस गुजरात को हमने बनाया है'।

'इस गुजरात को हमने बनाया है'

'इस गुजरात को हमने बनाया है'

गुजरात चुनाव में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कही जाने वाली लाइन 'इस गुजरात को हमने बनाया है' (आ गुजरात अमे बनायू छे) को बीजेपी ने अपनी पंचलाइन बना ली है। सोमवार को बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान की शुरुआत इसी नारे के साथ की है। इसके अलावा पार्टी 'भरोसे वाली बीजेपी सरकार' (भरोसा नी बीजेपी सरकार) को भी अपना नारा बनाया है, जिसके आधार पर वह मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में है। गुजरात में भाजपा की पहली सरकार 1995 में केशुभाई पटेल के नेतृत्व में बनी थी। गुजरात में यह बदलाव अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन और बाबरी मस्जिद ढांचे के विध्वंस के बाद आया। तब पार्टी ने नारा दिया था, 'भय, भूख, भ्रष्टाचार मुक्त गुजरात'। भारतीय जनता पार्टी 121 सीटें जीत गई थी।

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गुजरात में नारे बदलते रहे, बीजेपी जीतती रही

गुजरात में नारे बदलते रहे, बीजेपी जीतती रही

भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता जो कि पार्टी के लिए नारा गढ़ने में भी माथा खपाते रहे हैं, उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, 'यह उस समय (1995 का नारा) की परिस्थितियों, सांप्रदायिक दंगे और अहमदाबाद में अब्दुल लतीफ (उस समय का गैंगस्टर) की मौजूदगी पर आधारित था।' तीन साल बाद ही शंकरसिंह वाघेला की बगावत के चलते बीजेपी को फिर से चुनावों में जाना पड़ा। तब पार्टी ने नारा दिया- 'बीजेपी का संकल्प: सलामत, समृद्ध, स्वाभिमानी, समरस गुजरात'। इसके बारे में भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, 'लेकिन, वाघेला प्रकरण के बाद बीजेपी के पक्ष में भावना इतनी मजबूत थी कि किसी जोरदार नारे की जरूरत नहीं थी।'

'पांच करोड़ गुजरातियों के हितरक्षक'

'पांच करोड़ गुजरातियों के हितरक्षक'

2002 में गुजरात विधानसभा चुनाव गोधरा में ट्रेन में निहत्थे कारसेवकों को जिंदा जला दिए जाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के बाद की परिस्थितियों में हुआ था। उन्होंने बताया 'लोगों की भावना में दंगों का बहुत ज्यादा प्रभाव था, जिससे चुनाव की दिशा तय हो रही थी। तब पार्टी का नारा था- 'पांच करोड़ गुजरातियों के हितरक्षक'। लेकिन, तब के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लॉन्च की गई गौरव यात्रा इतना लोकप्रिय था कि चुनावों में किसी भी चीज से ज्यादा इसकी चर्चा हो रही थी। '

'जीतेगा गुजरात'

'जीतेगा गुजरात'

फिर, 2007 का गुजरात चुनाव आया। बीजेपी सीएम मोदी की अगुवाई में फिर से चुनाव मैदान में थी। यह वो दौर था, जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। तब की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुजरात के नेतृत्व के लिए विवादास्पद 'मौत का सौदागर' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया। भाजपा की ओर से चुनावों में नारा दिया गया- 'जीतेगा गुजरात'। इसके माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई कि केंद्र की कथित नाइंसाफी के बावजूद, प्रदेश तरक्की करेगा।

'सबका साथ, सबका विकास'

'सबका साथ, सबका विकास'

2012 के गुजरात चुनाव को बीजेपी तीसरी बार नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में लड़ रही थी। मोदी की लोकप्रियता गुजरात ही नहीं, पूरे देश में बढ़ चुकी थी। तब बीजेपी ने जो चुनावी नारा दिया था, उसका श्रेय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को ही दिया जाता है। यह नारा था- 'सबका साथ, सबका विकास'. यह नारा 2014 के चुनावों और उसके बाद भी भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बन गया और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव से और शब्द बढ़ते चले गए।

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'मैं हूं गुजरात, मैं हूं विकास'

'मैं हूं गुजरात, मैं हूं विकास'

2017 का गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए सबसे मुश्किल चुनाव साबित हुआ। पाटीदार आंदोलन की वजह से कांग्रेस की ऊर्जा चरम पर थी। तब बीजेपी सरकार विरोधी लोगों ने एक नारा दिया था, जिसकी काफी चर्चा हो रही थी- 'विकास पगला गया है।' इसके जवाब में बीजेपी की ओर से नारा दिया गया- 'मैं हूं गुजरात, मैं हूं विकास'. आखिरकार एकबार फिर से भाजपा का ही नारा अंतिम रूप से सफल माना जा सकता है।

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English summary
Gujarat Election 2022:Since 1995, BJP has been coining best slogans in Gujarat. The party has been getting benefit in every elections. This time's punchline is – we have made this Gujarat
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