गुजरात न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

गुजरात सरकार ने बजट में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को दिए 387 करोड़, कमाई कम खर्च ज्यादा

Google Oneindia News

गांधीनगर. गुजरात में डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने 8वीं बार बजट पेश किया। वर्ष 2020-21 के बजट में उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए 387 करोड़ का प्रावधान रखा। यह राशि प्रतिमा की साफ-सफाई पर खर्च की जा सकती है। साथ ही रंगाई-पुताई एवं अन्य जरूरी कार्य भी किए जा सकते हैं। बता दें कि, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उद्घाटन के पहले साल में 100 करोड़ की भी कमाई नहीं कर पाई थी। जबकि, इसके लिए बजट में 300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा दे दिए गए हैं। इस प्रतिमा को बनाने में करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च हुए।

हर रोज सरदार पटेल की मूर्ति पर खर्च हो रहे 12 लाख

हर रोज सरदार पटेल की मूर्ति पर खर्च हो रहे 12 लाख

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के रख-रखाव में हर रोज 12 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके पास ही सफारी पार्क भी डेवलप किया गया है। जहां चिड़ियाघर भी है, जिसे 1300 एकड़ जमीन पर तैयार किया गया है। हाल ही शेर, बाघ, तेंदुए, 12 प्रकार के हिरण और मृग, जिराफ, जेब्रा, गैंडे, बाइसन और अन्य विदेशी जानवर 17 देशों से सफारी पार्क में लाए गए हैं।

सालभर में 27 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे

सालभर में 27 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल प्रतिमा के उद्घाटन के बाद से अब तक 27 लाख लोग 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देखने पहुंचे। इन दिनों यहां रोजाना करीब 8,500 पर्यटक आ रहे हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण के पहले 11 दिनों में 1,28,000 से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। शुरुआती दिनों के दौरान वीकेंड पर लगभग 50,000 पर्यटक आए थे। रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में न्यूयॉर्क हार्बर पर लिबर्टी द्वीप पर 133 साल पुरानी 92 मीटर लंबी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को देखने के लिए लगभग 10,000 पर्यटक जाते हैं। वहीं, अक्टूबर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए भी 10 हजार से ज्यादा लोग रोज आए।

1 नवंबर-2018 से आम लोगों के लिए खुली

1 नवंबर-2018 से आम लोगों के लिए खुली

लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) 597 फीट ऊंची है। दुनिया में यह सबसे ज्यादा ऊंची प्रतिमा है। पहले स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का नाम चर्चित था, अब लोगों की जुबां पर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' ज्यादा होती है। अक्टूबर-2018 में इसका अनावरण हुआ था। 1 नवंबर-2018 से यह आम लोगों के लिए खुली हुई है।

पटेल के 143वें जन्मदिन के मौके पर हुआ था अनावरण

पटेल के 143वें जन्मदिन के मौके पर हुआ था अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में 31 अक्टूबर को सरदार सरोवर डैम के निकट 'साधू बेट' स्थान पर इस मूर्ति का अनावरण किया। देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री "लौह पुरूष" सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की ये प्रतिमा उन्हीं के 143वें जन्मदिन के मौके पर पब्लिक को सौंपी गई।

2013 में काम शुरू हुआ, 33 महीने में बन गई

2013 में काम शुरू हुआ, 33 महीने में बन गई

31 अक्‍टूबर, 2013 के दिन इस प्रतिमा की रूपरेखा तैयार हुई. भारत की ही एक बहुराष्‍ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Tubro) ने सबसे कम बोली लगाकर इसके निर्माण कार्य व रखरखाव की जिम्‍मेदारी ली। 33 माह (लगभग ढाई साल) के कम समय में इस प्रतिमा का बुनियादी ढ़ांंचा बना, जो भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा।

7 किलोमीटर दूर से नजर आ जाती है यह

7 किलोमीटर दूर से नजर आ जाती है यह

यह प्रतिमा 597 फीट ऊंची है, जो 7 किलोमीटर दूर से नजर आती है। यह इतनी विशाल है कि 30 फीट का तो चेहरा ही बनाया गया। इसमें 3डी टेक्नीक यूज की गई।

70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट

70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट

प्रतिमा के होंठ, आंखें और जैकेट के बटन 6 फीट के इंसान के कद जितने बड़े हैं। 70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट से ज्यादा है।

4 धातुओं के मिश्रण से बनी, 85% तांबा

4 धातुओं के मिश्रण से बनी, 85% तांबा

यह प्रतिमा 4 धातुओं के मिश्रण से बनी है, लेकिन सबसे ज्यादा 85% तांबा इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में इसमें जंग लगने का भी डर नहीं है। एक लिफ्ट भी लगाई है, जिससे प्रतिमा के हृदय तक जा सकेंगे।

17 KM लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी

17 KM लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी

यहां से लोगों को सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नजारा दिख सकता है। अपनी तरह की पहली और सबसे बड़ी प्रतिमा के लिए मटेरियल जुटाने पर भी बहुत मेहनत हुई।

6 लाख लोगों को लोहा-तांबा जुटाने में लगाया गया

6 लाख लोगों को लोहा-तांबा जुटाने में लगाया गया

जब ये तय हुआ कि सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा बनेगी तो सवाल ये था कि इतना लोहा कहां से जुटाएं? इसके लिए गुजरात सरकार ने "सरदार वल्‍लभ भाई पटेल राष्‍ट्रीय एकता ट्रस्‍ट" बनाया, जिसके तहत देशभर में 36 दफ्तर खुले और करीब 6 लाख लोगों को लोहा-तांबा इकट्ठा करने में लगा दिया गया।

5 हजार मैट्रिक टन लोहा किसानों से मिला

5 हजार मैट्रिक टन लोहा किसानों से मिला

किसानों से ही लगभग 5 हजार मैट्रिक टन लोहा दान में मिला। 57,00,000 किलो तो स्टील ही था। मटेरियल मिलते रहने पर इस मूर्ति को बनाने में 3400 मजदूरों, 250 इंजीनियरों ने कम से कम 42 महीने काम किया। लागत 2990 करोड़ रुपए आई।

पटेल से जुड़े 2000 दुर्लभ फोटो देख सकेंगे

पटेल से जुड़े 2000 दुर्लभ फोटो देख सकेंगे

यह प्रतिमा तैयार होने के साथ ही सरदार म्यूजियम भी बन रहा है। इस म्यूजियम में पटेल से जुड़े 40,000 दस्तावेज और उनके करीब 2000 दुर्लभ फोटो देख सकेंगे। अब चहुंओर इसी मूर्ति के चर्चे हो रहे हैं।

प्रतिमा के पास ही ये सुविधाएं भी हैं

प्रतिमा के पास ही ये सुविधाएं भी हैं

सरकार ने पर्यटकों को लुभाने के लिए कई नई सुविधाएं शुरू की हैं। हाल ही 5 किलोमीटर तक रिवर राफ्टिंग के अलावा बटरफ्लाई पार्क, जंगल सफारी पार्क और चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क आदि की सुविधा शुरू हुई। साथ ही गुजरात पर्यटन निगम पर्यटकों को रहने के लिए टेंट प्रदान करने लगा।

30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

प्रतिमा बनने में ही 3000 करोड़ खर्च हो गए थे। मगर, अब भी यहां हजारों करोड़ खर्चेंगे। दुनिया का प्रतिष्ठ पर्यटन स्थल बनाने के लिए सरकार ने यहां 30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स शुरू कराए हैं। यहां कई और गार्डन, रास्ते, होटल्स, सफारी पार्क एवं अन्य मनोरंजक पार्क स्थापित होने हैं। नर्मदा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी तैयारियां हो गई हैं, आदिवासियों को अपनी जमीन छोड़ने ही होगी।

टाइम की टॉप—100 ग्रेट साइट्स में मिली जगह

टाइम की टॉप—100 ग्रेट साइट्स में मिली जगह

विगत महीने मशहूर अमेरिकी पत्रिका टाइम ने विश्व के महानतम स्थानों की सूची में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को भी शामिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए इस पर ट्वीट भी किया था। बीते दिनों मोदी ने यह भी बताया कि रोजाना कितने पर्यटक 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देखने आ रहे हैं।

कैसे पहुंचें? ये हैं जाने के लिए रास्ते

कैसे पहुंचें? ये हैं जाने के लिए रास्ते

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक पहुंचने के लिए एयरपोर्ट और रेल लाइन के लिए वडोदरा सबसे नजदीक है। यहां से केवड़िया 89 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से भी केवड़िया पहुंचा जा सकता है। साथ ही भरूच भी नजदीकी रेलवे स्टेशन है।

अहमदाबाद से 200 किमी है इसकी दूरी

अहमदाबाद से 200 किमी है इसकी दूरी

अहमदाबाद से आने वाले लोगों को 200 किमी की दूरी तय करनी होगी। इसके अलावा साबरमती रीवरफ्रंट से पंचमुली लेक तक सीप्लेन सेवा चलाए जाने की योजना है।

केवड़िया पहुंचने पर प्रतिमा तक ऐसे जाएं

केवड़िया पहुंचने पर प्रतिमा तक ऐसे जाएं

केवड़िया पहुंचने के बाद साधु-बेट आइलैंड तक आना होगा। केवड़िया से साधु आइलैंड तक 3.5 किमी तक लंबा राजमार्ग भी बनाया गया है। इसके बाद मेन रोड से 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक 320 मीटर लंबा ब्रिज लिंक भी बना हुआ है।

यह भी पढ़ें: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का तमगा खो देगी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, देश में ही बन रही हैं 2 ऐसी प्रतिमाएंयह भी पढ़ें: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का तमगा खो देगी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, देश में ही बन रही हैं 2 ऐसी प्रतिमाएं

Comments
English summary
gujarat budget 2020: Rs 387 crore announced for the World's tallest 'Statue of Unity'
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X