flashback 2020: गुजरात की प्रमुख घटनाएं, जिनकी वजह से याद रखा जाएगा यह साल
गांधीनगर. वर्ष 2020 खत्म हो रहा है और नए साल 2021 की आहट सुनाई देने लगी है। मौजूदा वर्ष यूं तो मार्च के महीने से ही कोरोना वायरस के प्रकोप की जद में रहा। मगर, कुछ ऐसी भी घटनाएं घटीं जिनकी काफी दिनों तक चर्चा हुई। कुछ ऐसी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हुआ, जिनसे विकास और पर्यटन में बढ़ोतरी का खाका खिंच गया। सी-प्लेन और रो-पैक्स फेरी जैसी सुविधाएं पहली बार देखने को मिलीं। दुनिया की सबसे उूंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुडी दर्जनों फैसेलिटीज शुरू हुईं, जिन्होंने इस साल सुखद अहसास कराया। वहीं, यह साल काफी दुखद भी रहा, क्योंकि महामारी ने हजारों जिंदगियां लील लीं। वहीं कई हस्तियां यह दुनिया छोड़ गईं।
इस साल लॉकडाउन के चलते करोड़ों लोगों का जीवन बंदिशों से घिर से गया। जहां लोग महीनों तक घरों में ही रहे, वहीं, लाखों प्रवासी मजदूरों पर भी गहरा संकट छा गया। इस दौरान हजारों लोग तो पैदल ही घरों के लिए भूखे-प्यासे निकले। ऐसे तड़पकर भी काफी लोगों को जान से हाथ धोना पडा। वहीं, साल की शुरूआत में और साल खत्म होने के दौरान बेमौसम बारिश से हजारों किसानों की फसलें भी खराब हुईं। यही वजह रही कि, साल 2020 अधिकांश लोगों के लिए अच्छा नहीं रहा।
2020 कोरोना वाला साल: गुजरात के 21.8% घरों में नहीं जल पाया एक वक्त का चूल्हा, भुखमरी से तड़पे गरीब
सूबे की सियासत की बात करें तो मौजूदा वर्ष, गुजरात के लिहाज से राजनीनिक-कूटनीतिक तौर पर भी काफी उठा-पटक वाला रहा। कांग्रेस को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। Oneindia.com आज आपको यहां 'ईयर एंडर 2020' सीरीज के तहत बता रहा है, गुजरात के टॉप इवेंट्स के बारे में -
सी-प्लेन
की
इस
साल
हुई
शुरूआत
गुजरात
के
टूरिज्म
एवं
डेवलप्मेंट
के
लिहाज
से
यह
साल
काफी
अच्छा
रहा।
देश
के
पहला
सी-प्लेन
इसी
साल
गुजरात
में
दौड़ा।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
केवडिया
से
साबरमती
के
बीच
सी-प्लेन
में
सफर
करके
इस
सेवा
का
शुभारंभ
किया।
इसके
लिए
खास
तरह
के
प्लेन
मालदीव
से
मंगवाए
गए।
जो
कि
वहां
से
उड़कर
रविवार
सुबह
केरल
के
कोच्चि
तक
पहुंचे
थे,
जहां
से
रीफ्यूलिंग
के
बाद
अहमदाबाद
लाया
गया।
इस
तरह
के
विमान
को
स्पाइसजेट
कंपनी
ने
किराए
पर
लिया
और
वही
इसे
आॅपरेट
करवाने
लगी।
गुजरात
में
सी-प्लेन
की
सेवा
के
लिए
स्पाइसजेट
टेक्निक
का
ट्विन
ओटर-300
सीप्लेन
लाया
गया,
जिसमें
अठारह
से
भी
से
ज्यादा
यात्री
सवार
हो
सकते
हैं।
ये
सी-प्लेन
स्टैच्यू
ऑफ
यूनिटी
से
साबरमती
तक
उड़ाए
जा
रहे
हैं,
इन
दोनों
स्टॉपेज
के
बीच
दूरी
करीब
205
किलोमीटर
है।
करीब
आधे
घंटे
की
इस
उड़ान
के
लिए
यात्रियों
को
एक
तरफ
से
लगभग
1,500
रुपए
खर्च
करने
होंगे।
दोनों
स्टेशनों
के
बीच
का
टूर
3000
रुपए
में
पूरा
होगा।
इसी
तरह
गुजरात
में
रो-पैक्स
फेरी
की
शुरूआत
२०२०
में
ही
की
गई
है।
ये
दोनों
चीजें
देश
में
पहली
बार
गुजरात
में
देखी
गईं।
कांग्रेस
ने
हार्दिक
पटेल
को
सौंपी
कमान
राजनीति
की
बात
करें
तो
इस
साल
गुजरात
में
काफी
कुछ
बदलाव
हुए।
कांग्रेस
ने
पाटीदार
आंदोलन
के
अगुआ
रहे
हार्दिक
पटेल
को
गुजरात
में
कार्यकारी
अध्यक्ष
नियुक्त
किया।
सोनिया
गांधी
के
आदेश
से
वह
तत्काल
प्रभाव
से
कार्यकारी
अध्यक्ष
नियुक्त
कर
दिए
गए।
हालांकि,
सत्ताधारी
पार्टी
भाजपा
से
इस
साल
भी
कांग्रेस
को
बड़ा
नुकसान
हुआ।
पहले
तो
कांग्रेस
के
आठ
विधायकों
ने
इस्तीफा
दे
दिया।
फिर
राज्यसभा
चुनाव
में
भाजपा
ने
सीटें
कब्जा
लीं।
उसके
बाद
खाली
विधानसभा
सीटों
पर
उपचुनाव
हुए।
नवंबर
में
वोटिंग
हुई।
चुनाव
के
परिणाम
आए
तो
कांग्रेस
को
करारी
हार
झेलनी
पड़ी।
आठों
सीटेां
पर
भाजपा
जीत
गई।
जिन
5
कांग्रेस
विधायकों
ने
इस्तीफा
देकर
भाजपा
की
तरु
से
चुनाव
लड़ा
वो
पांचों
जीत
गए।
वहीं,
उपचुनाव
में
कांग्रेस
आठों
सीटें
हार
गई।
साल
जाते-जाते
कांग्रेस
में
और
बड़ा
बदलाव
हुआ,
कि
कांग्रेस
के
प्रदेश
प्रभारी
और
मैनेजमेंट
देख
रहे
दोनों
नेताओं
ने
इस्तीफा
दे
दिया।
जिसकी
वजहउपचुनाव
में
मिली
हार
बताई
गई।
जंगल
सफारी,
एकता
क्रूज
जैसी
सुविधाएं
शुरू
इस
साल
सरदार
पटेल
की
प्रतिमा
के
आस-पास
१७
से
ज्यादा
परियोजनाओं
का
लोकार्पण
हुआ।
खुद
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
इन
सबके
लिए
गुजरात
आए।
उन्होंने
30
अक्टूबर,
2020
को
गुजरात
के
केवड़िया
में
सरदार
पटेल
प्राणी
उद्यान
और
'जिओडेसिक
एवियरी
डोम'
का
उद्घाटन
किया।
बता
दिया
जाए
कि,
यह
जंगल
सफारी
एक
अत्याधुनिक
प्राणी
उद्यान
है,
जो
समुद्र
तल
से
29
मीटर
से
लेकर
180
मीटर
तक
की
ऊंचाई
पर
स्थित
है।
यह
375
एकड़
क्षेत्र
में
फैला
हुआ
है।
इसमें
1100
से
अधिक
पशु-पक्षी
हैं
और
तकरीबन
5
लाख
पौधे
हैं।
सरकार
का
दावा
है
कि,
यह
जंगल
सफारी
बहुत
तेज
गति
से
निर्मित
किए
जाने
वाले
जंगल
सफारी
में
से
एक
है।
वनकर्मियों
ने
बताया
कि,
इस
प्राणी
उद्यान
में
दो
अलग-अलग
पक्षी
अभयारण्य
हैं,
जिसमें
एक
घरेलू
पक्षियों
के
लिए
है
तो
दूसरा
विदेश
से
आने
वाले
पक्षियों
के
लिए।
यह
दुनिया
का
सबसे
बड़ा
पक्षी
उद्यान
है।
मोदी
ने
इसी
साल
स्टैच्यू
ऑफ
यूनिटी
के
लिए
'एकता
क्रूज
सेवा'
को
भी
हरी
झंडी
दिखाई।
सबसे
बड़े
बांध
पानी
से
पूरा
भर
गया
गुजरात
में
इस
साल
भी
रिकॉर्ड
तोड़
बारिश
हुई।
राज्य
के
लगभग
सभी
बांध
व
ताल,
तलैया
नाले
पानी
से
लबालब
हो
गए।
देश
के
सबसे
बड़े
सरदार
सरोवर
डैम
ने
उच्चतम
जलस्तर
छुआ।
जिसके
बाद
मुख्यमंत्री
ने
वहां
पूजा
करवाई।
मानसूनी
बारिश
के
अलावा
राज्य
में
बेमौसम
बारिश
भी
हुई,
जिससे
हजारों
किसानों
की
फसल
खराब
हो
गई।
मसलन,खुले
में
रखीं
प्याज,
मूंगफली
एवं
दलहन
और
कपास
की
हजारों
टन
फसलें
भीग
गई।
कोरोना
से
कई
हस्तियों
की
जान
चली
गई
इस
साल
सियासत
के
कई
बड़े
सूरमा
हमेशा
के
लिए
हमारे
बीच
से
चले
गए।
कांग्रेस
के
वरिष्ठ
नेता
अहमद
पटेल
व
गुजरात
के
बीजेपी
सांसद
अभय
भारद्वाज
का
कोरोना
संक्रमण
से
निधन
हो
गया।
अहमद
पटेल
तो
कई
बार
सांसद
व
विधायक
रह
चुके
थे।
इनके
अलावा
भी
कई
नेताओं
की
कोरोना
से
जान
गई।
ये
ऐसी
घटनाएं
थीं,
जिनसे
लोगों
को
बड़ा
दुख
पहुंचा।
पीएम
मोदी
ने
भी
शोक
जताया।
कोरोना
से
राज्य
में
4
हजार
से
ज्यादा
लोगों
की
जान
चली
गई।
हालांकि,
रिकवर
होने
वाले
लोगों
की
तादाद
भी
यहां
काफी
रही।
2
लाख
से
ज्यादा
लोग
ठीक
हो
गए।
एक
बुजुर्ग
तो
113
दिन
बाद
कोरोना
से
जंग
जीतकर
घर
लौटे।
सबसे
बड़ी
सौर
परियोजना
की
शुरूआत
इसी
साल
गुजरात
में
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
गुजरात
के
कच्छ
में
समुद्री
पानी
को
पीने
के
पानी
में
बदलने
वाले
(डिसैलिनेशन)
प्लांट,
देश
की
सबसे
बड़ी
सौर
परियोजना
और
एक
ऑटोमैटिक
मिल्क
प्रोसेसिंग
यूनिट
का
भी
शिलान्यास
किया।
बता
दिया
जाए
कि,
डिसैलिनेशन
प्लांट
कच्छ
के
मांडवी
में
तैयार
किया
जा
रहा
है,
जिसकी
मदद
से
हर
दिन
10
करोड़
लीटर
समुद्र
के
पानी
को
पीने
के
पानी
में
बदला
जा
सकेगा।
अधिकारियों
का
दावा
है
कि,
इससे
करीब
क्षेत्र
के
8
लाख
लोगों
को
पीने
के
पानी
की
सप्लाई
की
जा
सकेगी।
यह
गुजरात
में
पानी
की
कमी
को
दूर
करने
में
अहम
भूमिका
निभाएगा
और
अभी
यहां
बनाए
जा
रहे
पांच
डिसैलिनेशन
प्लांट
में
से
एक
होगा।
वहीं,
इसी
साल
121
करोड़
की
लागत
से
तैयार
हो
रहे
मिल्क
प्रोसेसिंग
प्लांट
का
भी
शिलान्यास
हुआ
है।
बंद
हो
गई
107
साल
पुरानी
ट्रेन
सेवा
गुजरात
में
107
साल
पुरानी
रेल
सेवा
को
इस
साल
बंद
कर
दिया
गया।
कोविड19
महामारी
के
आने
के
बाद
यह
छोटी
लाइन
ट्रेन
सेवा
प्रभावित
हुई
थी।
यह
लाइन
बिलीमोरा-वाघई
का
हेरिटेज
रेलवे
रूट
थी,
जो
कि
वेस्टर्न
रेलवे
जोन
की
उन
11
ब्रांच
रेल
लाइन्स
और
छोटी
लाइन
वाले
सेक्शंस
में
से
एक
है।
बता
दें
कि,
बिलीमोरा-वाघई
छोटी
लाइन
ट्रेन
सेवा
को
अंग्रेजों
ने
1913
में
शुरू
किया
था।
ज्यादातर
आदिवासी
इसका
इस्तेमाल
करते
थे।
मगर,
इस
साल
रेल
मंत्रालय
ने
हमेशा
के
लिए
इसे
बंद
करने
का
आदेश
दे
दिया।
एस
जयशंकर
और
चुडास्मा
कानूनी
लड़ाई
में
फंसे
इस
साल
भाजपा
के
कई
बड़े
नेताओं
की
मुसीबतें
बढ़ती
रहीं।
शिक्षामंत्री
भूपेंद्र
चुडास्मा
जहां
चुनाव
जीतने
की
धंाधली
के
आरोप
में
घिर
गए,
वहीं
राज्यसभा
चुनाव
को
लेकर
विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
कानूनी
लड़ाई
में
फंस
गए।
दोनेां
मामलों
में
कांग्रेस
ने
सुप्रीम
कोर्ट
की
शरण
ली
और
इन
नेताओं
की
मुश्किलें
बढ़ती
रहीं।
राज्य
में
और
भी
काफी
ऐसीघटनाएं
थीं,
जो
कई-कई
दिनेां
तक
चर्चा
में
रहीं।