कांग्रेस का दावा- कोरोना से गुजरात में चली गई 2 लाख लोगों की जानें, भाजपा सरकार छिपा रही है आंकड़े
अहमदाबाद। गुजरात में कोरोना के अब तक 1,94,22,086 टेस्ट हो चुके हैं। हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, यहां अब तक 7 लाख मरीज भी नहीं मिले हैं। सक्रिय मरीजों की तादाद 1,36,158 बताई जा रही है। सरकार मौत के भी जो आंकड़े जारी कर रही है..उसमें और कोविड प्रोटोकॉल के तहत श्मशानों में हो रहे दाह संस्कारों की संख्या में बड़ा अंतर दिखाई पड़ रहा है। श्मशानों में रोज सैकड़ों लाशें जलाई जा रही हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की डेली-रिपोर्ट में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या कम बताई जाती है। इस पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है।
गुजरात कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमित चावडा समेत कई नेताओं ने दावा किया है कि, कोरोना से गुजरात में अब तक 2 लाख मौतें हो चुकी हैं। उनका कहना है कि, सरकार आंकड़े छिपा रही है। कांग्रेसी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात की राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए आंकड़ों में गड़बड़झाला कर रही है। प्रदेश सरकार बता रही है कि, कोरोना से अब तक 8,511 मौतें ही हुई हैं...वहीं कांग्रेस द्वारा 2 लाख मौतें की बात कही जा रही है। इन दोनों आंकड़ों में तो बहुत बड़ा अंतर है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमित चावडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, गुजरात मॉडल का उदाहरण देने वाली भाजपा सरकार लोगों के लिए वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन तक की व्यवस्था नहीं कर सकी। हम कह रहे हैं कि, किसी भी जिले में कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं, अब गांवों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। कांग्रेसी नेता ने कहा, "सरकार भले ही आंकड़े छिपा ले, लेकिन जनता के सामने वर्तमान हालातों की स्पष्ट तस्वीर है। अब तो इस महामारी से देहात में भी हाहाकार मचने लगा है। गांवों में शहरों से ज्यादा जानें जा रही हैं।"
गांवों में कोरोना से हाहाकार मचने के कांग्रेस के दावे को राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए मौत के आंकड़ों से भी बल मिलता है। सरकार के मौत के आंकड़ों में आधे से ज्यादा मौतें देहात से ही दर्ज की गईं। रविवार को राज्यभर में 121 कोरोना मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 56 यानी 46% मौतें आठ प्रमुख शहरों जैसे अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, भावनगर, जामनगर, जूनागढ़ और गांधीनगर में दर्ज हुईं जबकि 65 यानी 54% मौतें 'गैर-शहरी' क्षेत्रों में दर्ज की गईं।
साथ ही जिलों के विश्लेषण से पता चलता है कि शहरी आबादी वाले चार प्रमुख जिले- अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में मृत्यु दर 0.8% थी, जबकि पिछले एक सप्ताह में राज्य के औसत के मुकाबले अन्य जिलों में 1.3% थी।
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एक हेल्थ एक्सपर्ट ने हफ्तेभर में बढ़े नए कोरोना मरीजों व कोरोना से हुई मौतों का विश्लेषण (26 अप्रैल से 2 मई और 3 मई से 9 तक) कर अहमदाबाद व सूरत का उदाहरण दिया, कहा कि दोनों जिलों में नए कोरोना मामलों में क्रमश: 26% और 34% की गिरावट दर्ज की गई है और मौतों में भी क्रमशः 20% और 44% की गिरावट दर्ज की गई है। इसके उलट, आणंद में (33.5%), अरवल्ली में (35.7%), पंचमहल में (55%) भावनगर में (40%), पोरबंदर में (200%) खेड़ा (300%), तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।