बर्ड फ्लू के खतरे के बीच गुजरात में 100 मुर्गियां, 10-10 कबूतर-टिटहरी और मोर मृत मिले
पोरंबदर। गुजरात के पोरबंदर शहर में 100 मुर्गियां, 10 कबूतर, 10 टिटहरी और 8 मोर मृत पाए गए हैं। इन पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच पिछले चौबीस घंटों में हुई। अलग-अलग तरह के पक्षियों की अकाल मौत से संबंधित विभागों में खलबली मच गई है। इनकी जान आखिर कैसे गई, यह पता लगाने के लिए नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भेजे गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि, इनकी जान बर्ड-फ्लू से गई।
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गुजरात में अब तक काफी पक्षी मरे
इससे पहले 5 जनवरी को भी मृत मिले कई तरह के पक्षियों की रिपोर्ट जांच के लिए भोपाल भेजी गई थी। जहां जांच में पता चला कि इन्हीं पक्षियों में से एक टिटहरी की मौत बर्ड फ्लू से हुई थी। खबरों के मुताबिक, 5 जनवरी को जूनागढ़ जिले के बांटवा गांव से 53 पक्षी मृत मिले थे। जिसके चलते गुजरात के सभी पक्षी अभयारण्य को तत्काल बंद करने के निर्देश दे दिए गए। बता दें कि, बांटवा गांव में पक्षियों के मृत मिलने के बाद से ही पूरे जूनागढ़ में अलर्ट जारी कर दिया गया था। बहरहाल, सूरत में भी मृत मिले 13 कौवों में से एक की मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि हुई है।
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच एक और महामारी फैलने की जताई जा रही है आशंका
8
राज्यों
में
'बर्ड-फ्लू'
के
लक्षण
मिले
राजस्थान,
मध्य
प्रदेश,
हिमाचल
और
झारखंड
समेत
करीब
8
राज्यों
में
'बर्ड-फ्लू'
के
लक्षण
मिल
चुके
हैं।
इन
दिनों
गुजरात
में
भी
बतख,
कबूतर,
मोर,
मुर्गियां,
टिटहरी,
बगुला
और
कौए
जैसे
पक्षी
मृत
पाए
जा
रहे
हैं,
तो
ऐसे
में
यहां
भी
बर्ड
फ्लू
फैलने
की
आशंका
बढ़
गई
है।
हालांकि,
सरकार
ने
अभी
गुजरात
में
बर्ड-फ्लू
फैलने
की
बात
नहीं
मानी।
इस
राज्य
में
14
साल
पहले
बर्ड
फ्लू
के
मामले
सामने
आए
थे।
बर्ड फ्लू का खतरा: गुजरात में मृत मिले 40 कौए और बगुले, जांच के लिए भोपाल भेजे गए सैंपल
एक पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2006 में सूरत जिले की उच्छल तहसील में बर्ड फ्लू का पाजिटिव केस मिला। तब काफी पक्षियों की जान गई। हालांकि, उसके बाद प्रदेश में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया।