चंदा जुटाने में भाजपा लगातार 7वें साल टॉप पर, कांग्रेस से 5 गुना ज्यादा, तीसरे-चौथे नंबर पर कौन?
अहमदाबाद। राजनीतिक दलों को मिलने वाले कॉर्पोरेट और इंडीविजुअल डोनेशन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तूती बोल रही है। इस मामले में यह पार्टी लगातार 7वें साल टॉप रही है। 2019-20 के दौरान भाजपा को 750 करोड़ डोनेशन मिला था। यह रकम कांग्रेस को मिले डोनेशन की (139 करोड़) की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। यह जानकारी पार्टी के एनुअल कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट से सामने आई है, जो कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंपी गई थी।
भाजपा को 2019-20 में 785 करोड़ का फंड मिला
वर्ष 2019-20 के लिए भाजपा की एनुअल कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट, हालांकि 12 फरवरी को दायर की गई थी, जिसे भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मंगलवार रात को पब्लिश किया गया। रिपोर्ट में चेक और बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किए गए ₹20,000 या उससे अधिक के सभी कंट्रीब्यूशन शामिल हैं। पार्टी द्वारा घोषित कंट्रीब्यूशन में कुल ₹785.77 करोड़ में से, ₹217.75 करोड़ प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से आए, जिसमें पार्टी ने डीएलएफ लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड, जीएमआर एयरपोर्ट डेवलपर्स और अन्य प्रमुख कॉर्पोरेट घरानों से धन प्राप्त किया। आईटीसी लिमिटेड से लेकर हल्दीराम स्नैक्स तक, बड़ी और छोटी कंपनियों की ओर से भी पार्टी को करोड़ों मिले।
लगातार 7वें साल टॉप पर रहा कमल-दल
रिपोर्ट से यह बात भी उजागर हुई कि, भाजपा के मुख्य चंदा-दाताओं में भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर की ज्यूपिटर कैपिटल, लोढा डेवलपर्स, बीजी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नालॉजी, द प्रुडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट मुख्य हैं। भाजपा को 45.95 करोड़ जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट से भी मिले, जिसमें विशेषकर जेएसडब्ल्यू सीमेंट, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और जेएसडब्ल्यू एनर्जी सहित जेएसडब्ल्यू ग्रुप की कंपनियों से फंड मिला। वहीं, समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट और एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट, जिसे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा वित्त पोषित किया गया था, ने पार्टी को क्रमशः ₹3.75 करोड़ और ₹9 करोड़ दिए।
कांग्रेस दूसरे नंबर पर, लेकिन आय घटी
चुनाव आयोग द्वारा पब्लिश की गई इसी रिपोर्ट के अनुसार, अन्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों में, कांग्रेस को ₹139.01 करोड़ रुपए मिले। इससे पहले एक समय में कांग्रेस ही सर्वोपरि होती थी। मगर, जब से भाजपा सत्ता में आई, कांग्रेस की आय घटती चली गई। कांग्रेस के अलावा आप, माकपा, राकांपा ने 2019-20 में चंदा-प्राप्तियों में वृद्धि दर्ज की। भाजपा-कांग्रेस के बाद जिस पार्टी ने तीसरा स्थान हासिल किया, वो है एनसीपी यानी कि 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी'।
इलेक्टोरल ट्रस्ट से राजनीतिक पार्टियों को मिला बंपर चंदा
चुनाव आयोग की रिपोर्ट में तीसरे नंबर पर एनसीपी
तीसरे नंबर पर रही शरद पवार की पार्टी एनसीपी को इस अवधि में 59 करोड़ मिले। इस दौरान सीपीएम को 19.6 करोड़, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 8 करोड़ मिले। वहीं, सीपीआई को केवल 1.9 करोड़ ही मिले। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की रिपोर्ट में बताया गया कि, 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड से अच्छी कमाई की।