गुरु की भूमिका में नजर आए सीएम योगी,कहा सकारात्मक सोच से हर समस्या का समाधान संभव
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गुरु गोरक्षनाथ व अपने गुरुजनों की पूजा अर्चना की। इन सब का आशीर्वाद लेकर मुख्यमंत्री महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित हुए और एक गुरु की भूमिका मे
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गुरु गोरक्षनाथ व अपने गुरुजनों की पूजा अर्चना की। इन सब का आशीर्वाद लेकर मुख्यमंत्री महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित हुए और एक गुरु की भूमिका में नजर आए।इस दौरान उन्होंने जीवन में सफल होेने के कई मंत्र दिए। किसी अवसर को अनुकूल कैसे बनाना है,सकारात्मक सोच का जीवन में क्या महत्व है,संतो व महापुरुषों से कैसे प्रेरणा लें इन सब प्रश्नों पर पीठाधीश्वर योगी ने विस्तार से चर्चा की।
जैसी
दृष्टि,वैसी
सृष्टि-
कार्यक्रम
को
संबोधित
करते
हुए
सीएम
योगी
ने
कहा
कि
जीवन
में
अवसर
सबको
मिलता
है।
उन
अवसरों
को
सकारात्मकता
के
साथ
अपने,
समाज
व
देश
हित
के
अनुकूल
बनाकर
आगे
बढ़ने
वाला
ही
सफल
होता
है।
यदि
किसी
समस्या
का
समाधान
करना
है
तो
सकारात्मकता
यानी
अच्छी
सोच
होनी
चाहिए।
जो
नकारात्मक
हैं,
अच्छा
सोच
नहीं
सकते
तो
वे
अच्छा
कर
भी
नहीं
सकते।
सकारात्मक
व्यक्ति
समाधान
का
रास्ता
बनाता
है
जबकि
नकारात्मक
व्यक्ति
समाधान
न
होने
के
बहाने
गिनाता
है।
जैसी
दृष्टि
होगी
वैसी
ही
सृष्टि
होगी।
पर्व
व
त्यौहारों
से
मिलती
है
प्रेरणा-
सीएम
योगी
ने
कहा
कि
हमारे
सनातन
संस्कृति
में
पर्व-त्योहारों
की
विशिष्ट
परंपरा
किसी
न
किसी
विशिष्ट
व
युगांतकारी
घटना
से
जुड़कर
हमें
प्रेरणा
देती
है।
श्रीरामनवमी,
वासंतिक
नवरात्रि,
शिवरात्रि,
शारदीय
नवरात्रि,
विजयादशमी,
दीपावली,
मकर
संक्रांति,
श्रीकृष्णजन्माष्टमी,
सावन
में
पावन
ज्योतिर्लिंगों
का
जलाभिषेक,
नाग
पंचमी
आदि
पर्वों
से
जुड़ी
युगांतकारी
घटनाओं
की
जीव
सृष्टि
के
संरक्षण
तथा
मानव
कल्याण
में
बड़ी
और
स्मरणीय
भूमिका
रही
है।
ऐसा
ही
प्रमुख
व
पावन
पर्व
गुरु
पूर्णिमा
भी
है।
जीवन
में
इन
पांच
गुरुओं
का
होता
है
महत्व-
गोरक्षपीठाधीश्वर
ने
आदि
गुरु
वेदव्यास
को
नमन
करते
हुए
कहा
कि
महर्षि
वेदव्यास
जी
की
जयंती,
व्यास
पूर्णिमा
ही
गुरु
पूर्णिमा
के
रूप
में
प्रतिष्ठित
है।
हमारे
वैदिक
ज्ञान
को
लिपिबद्ध
कर
कर
सर्वसुलभ
बनाने
में
युगांतकारी
ऋषि
वेदव्यास
जी
का
अनिर्वचनीय
योगदान
है।
उनके
ग्रन्थ
मानव
सृष्टि
पर
बड़ी
कृपा
हैं।
गुरु
के
रूप
में
वेदव्यास
जी
के
प्रति
श्रद्धा
व
सम्मान
में
किसी
भी
आयोजन
में
व्यास
की
गद्दी
सर्वोच्च
गद्दी
मानी
जाती
है।
उन्होंने
हर
व्यक्ति
के
जीवन
में
पांच
श्रेणी
के
गुरुओं
का
उल्लेख
किया।
ये
गुरु
हैं
माता-पिता,
भाई-बहन,
बड़े-बुजुर्ग,
शिक्षा
गुरु
व
दीक्षा
गुरु।
ये
सभी
किसी
न
किसी
रूप
में
हमारा
मार्गदर्शन
कर
हमें
जीवन
पथ
पर
आगे
बढ़ाते
हैं।
आने
वाली
शदी
भारत
की
-
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
हम
सौभाग्यशाली
हैं
कि
आजादी
के
अमृत
महोत्सव
वर्ष
में
गुरु
पूर्णिमा
के
पावन
पर्व
से
जुड़
रहे
हैं।
आजादी
के
75
वर्ष
पूर्ण
होने
के
अवसर
पर
हमें
शताब्दी
वर्ष
अर्थात
अगले
25
वर्ष
के
लिए
लक्ष्य
बनाने
और
उसके
अनुरूप
कार्ययोजना
बनानी
होगी।
हमारा
लक्ष्य
आजादी
के
शताब्दी
वर्ष
तक
भारत
को
वैभवशाली
और
समृद्धतम
देश
बनाने
का
होना
चाहिए।
जैसे
हम
अभिभावक
के
रूप
में
अपने
बच्चे
के
लिए
लक्ष्य
को
लेकर
सजग
रहते
हैं,
वही
भावना
देश
के
प्रति
भी
होनी
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
सामूहिक
प्रयास
से
आने
वाली
सदी
भारत
की
होगी।
भारत
दुनिया
का
नेतृत्व
करेगा।
हर घर पर लहराएं तिरंगा-
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 11 से 17 अगस्त तक हर घर पर आन, बान, सम्मान का प्रतीक तिरंगा लहराएगा। इस दौरान सप्ताह भर सेनानियों की याद में अनेक आयोजन भी होंगे।
स्वदेशी
को
दें
बढ़ावा-
मुख्यमंत्री
ने
अपने
संबोधन
में
आजादी
की
लड़ाई
में
स्वदेशी
आंदोलन
की
चर्चा
करते
हुए
कहा
कि
वर्तमान
में
परंपरागत
उद्यमों
को
बढ़ावा
देकर
हम
आत्मनिर्भर
भारत
की
पीएम
मोदी
की
संकल्पना
को
साकार
करने
में
योगदान
दे
सकते
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
प्रदेश
के
सभी
जनपदों
के
परंपरागत
उद्यमों
को
रोजगार
के
व्यापक
फलक
पर
ले
जाने
को
राज्य
सरकार
ने
ओडीओपी
की
शुरुआत
की
है।
गोरखपुर
की
ओडीओपी
में
शामिल
टेराकोटा
आज
एक
गांव
से
निकलकर
वैश्विक
पहचान
बना
रहा
है।
तकनीकी
से
जुड़कर
स्वदेशी
स्वावलंबन
का
बड़ा
बनाए।
इस अवसर पर सीएम योगी ने संतों व आचार्यों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, देवीपाटन के महंत मिथिलेश नाथ, चचाई राम मठ के महंत पंचानन पुरी, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो यूपी सिंह शामिल हैं।