बेहोश नहीं यहां हाथ-पैर बांधकर किया जाता है ऑपरेशन,कुछ ऐसा है बीआरडी मेडिकल कॉलेज का हाल
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक ऐसा मामला सामने आया है,जहां डॉक्टरों ने एक महिला का ऑपरेशन बिना उसे बेहोश किए कर दिया है। महिला की शिकायत पर मामले की छानबीन की जा रही है।
Gorakhpur News: गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इस कॉलेज की छवि खराब करने की मानो कसम खा रखी हो। आए दिन ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं जो संस्थान के प्रति लोगों के विश्वास को खत्म करते नजर आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व गर्भवती महिला की इलाज में लापरवाही की वजह से मौत हो गयी थी। इस मामले में सीएमएस को निलंबित भी किया गया था। इसके बाद भी यहां कोई सुधार नहीं दिख रही है। एक महिला ने यहां के डॉक्टर पर हाथ-पैर बांधकर जबरन ऑपरेशन करने का आरोप लगाया है। डॉक्टर ने उसे बिना बेहोश किए ही आपरेशन कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, माया बाजार की नीलम गुप्ता को पेशाब की नली में 8.6 एमएम की पथरी थी। उन्होंने मेडिकल कालेज के यूरोलाजिस्ट डॉ. पवन कुमार से संपर्क किया। नीलम के अनुसार डाक्टर ने बताया कि मेडिकल कालेज में दूरबीन नहीं है, इसे बाहर से मंगाना पड़ेगा, जिसका किराया आठ हजार रुपये है। वह देने को राजी हो गईं। 21 नवंबर को डाक्टर ने उन्हें बेहोश कर उनका आपरेशन किया। इसके बाद भी उनका दर्द बढ़ता गया। दवा के बाद भी जब आराम नहीं मिला तो उन्होंने पुन: अल्ट्रासाउंड कराया। उसमें 8.1 एमएम की पथरी नजर आई।
महिला ने डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन थियेटर में बेड पर मेरा हाथ-पैर बांध दिया। पूछने पर डॉक्टर ने कहा कि यह जांच का हिस्सा है । हाथ-पैर बांधना जरुरी है। इसके बाद बिना बेहोश किए पेशाब की नली में दूरबीन डालकर पथरी तोड़ने लगे। बाहर आकर महिला ने पति से इसकी शिकायत की। उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया और घर चले आए। इसके बाद भी दर्द कम नहीं हुआ और पेशाब रुक गया। पुन: अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि पथरी तो नहीं है लेकिन पेशाब की नली के पास घाव हो गया है और वहां मवाद बन रहा है। दोबारा महिला मेडिकल कालेज जाने को राजी नहीं हुई। उसका उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है।
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डॉक्टर पवन कुमार ने बताया कि महिला के हाथ पैर बांधने की बात गलत है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। हां ऑपरेशन से पूर्व बेहोश नहीं किया गया था।
बीआरडी मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि यह मेरी जानकारी में नहीं है। अगर डॉक्टर के खिलाफ लिखित शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।