गाजियाबाद पुलिस की कार्रवाई पर बुजुर्ग के बेटे ने उठाए सवाल, कहा- मेरे पिता से जबरन धार्मिक नारे लगवाए गए
गाजियाबाद, 15 जून: गाजियाबाद में बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई के मामले में पीड़ित के बेटे का बड़ा बयान सामने आया है। बुजुर्ग के बेटे सैफ ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कई आरोप लगाए हैं। सैफ का कहना है कि ताबीज विवाद का आरोप बेबुनियाद है। सैफ ने ये भी कहा उसके पिता आरोपियों को पहले से नहीं जानते थे। सैफ ने कहा, ''पुलिस ने अपनी मर्जी से तहरीर लिखी है। मेरे पिता से जबरन धार्मिक नारे लगवाए गए। वीडियो में जो लड़के दिख रहे हैं, क्या पुलिस ने उनको उठाया है?''
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, गाजियाबाद के लोनी के एक बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। वीडियो में दावा किया गया कि कुछ युवकों ने अब्दुल की पिटाई की और उससे जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाए। इसके अलावा उसकी दाढ़ी भी काट ली गई। हालांकि, पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया। पुलिस ने कहा कि बुजुर्ग शख्स ने कुछ युवकों को ताबीज दिए थे। ताबीज के काम ना करने पर उसकी पिटाई की गई। पुलिस ने ये भी बताया कि मामला पांच जून का है, तब ही इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद इसमें धाराएं बढ़ाई गईं। पुलिस इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है।
राहुल ने किया ट्वीट, सीएम योगी ने कहा- शर्म आनी चाहिए
इधर, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने सियासी रुख ले लिया। विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''मैं ये मानने को तैयार नहीं हूँ कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।'' राहुल के इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा, ''प्रभु श्री राम की पहली सीख है-"सत्य बोलना" जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।''
ट्विटर, पत्रकार और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज
बता दें, इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने अब ट्विटर, पत्रकार और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है। इन सभी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब द्वारा ट्वीट करने पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद और मसकूर उस्मानी, लेखक सबा नकवी, द वायर और ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 505 (शरारत), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है।
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