गुजरात में ST वर्कर्स की 'स्ट्राइक', शिक्षक भी सड़कों पर, मांगें मानते हुए सरकार ने दोनों कराए शांत
Gujarat News, गांधीनगर। एसटी कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा मांगों को लेकर सूबे में जारी हड़ताल अब समाप्त हो गई है। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने उनके मुद्दों को सुनने का और हल निकालने का आश्वासन दिया है। इसके लिए मंत्रियों की कमेटी गठित की गई है, दूसरी ओर एसटी कोर्पोरेशन ने भी कोओर्डिनेशन कमेटी तैयार कर ली है। अब दोनों संगठनों के बीच वार्ता के जरिए मुद्दों को सुलझाया जाएगा।
इससे पहले विधानसभा सत्र के अंतिम दिन शिक्षकों ने विधानसभा घेराव कर के पुलिस और एसटी कर्मचारियों ने एसटी बस के यात्रियों की राह रोक दी। कई जगह जाम लग गया और कामकाज बाधित हो गए। जिसके बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में एसटी कर्मचारियों और प्राथमिक शिक्षकों के चल रहे आंदोलन के संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए 3 मंत्रियों की एक समिति का गठन करने का ऐलान कर दिया।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत कई मंत्रियां समिति में
सरकार की इस समिति में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, कृषि मंत्री आर.सी. फलदु और शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा को नियुक्त किया गया है। ये सदस्य आंदोलनकारियों और कर्मचारियों से बातचीत करेंगे। सरकार की प्रतिक्रिया के बाद शिक्षक संगठनों ने अपना विरोध प्रदर्शन रोक दिया है। वहीं, सरकार ने शिक्षकों के शिक्षक अध्यक्षों के साथ एक बैठक आयोजित की है। यह बैठक राज्य सरकार द्वारा गठित समिति के साथ की जाएगी।
2000 से ज्यादा शिक्षक हिरासत में लिए गए थे
बता दें कि 2000 से ज्यादा शिक्षक आंदोलनकारी को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जा चुका था।गांधीनगर को दिनभर पुलिस छावनी में बदलता हुआ देखा गया। यह एसटी कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरा दिन था। राज्य भर के कई शहरों में एसटी कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उधर, सूरत में एसटी कर्मचारी निजी वाहनों के खिलाफ सड़क पर उतर आए। सूरत के पास कइ कर्मचारी रोड पर कपड़े उतारकर सो गए थे।
चुनावों में सबक सिखाने की बात करने लगे थे कर्मी
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम निजी वाहनों को भी रोकेंगे। एसटी कर्मचारी संगठन के लिडर ने चेतावनी दी थी कि, हम लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट देंगे। जिसके बाद सरकार मान गई और संगठनों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया।
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