जिस कांग्रेसी विधायक पर हैं 35 करोड़ घूस लेने के आरोप, उसने गुजरात में ज्वॉइन कर ली बीजेपी
Gujarat News in Hindi , गांधीनगर। गुजरात में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वॉइन करने वाले विधायकों की लाइन-सी लग गई है। जवाहर चावड़ा, आशाबेन पटेल, वल्लभभाई धरविया और कुंवरजी बावलिया के बाद धांग्रधा-हलवद सीट के विधायक पुरुषोत्तम साबरिया भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।
35 करोड़ रुपये घूस लेने का आरोपी है यह विधायक
गौरतलब है कि पुरुषोत्तम पर 35 करोड़ रुपये घूस लेने के आरोप हैं। इसी वजह से उन्हें तीन महीने जेल भी काटनी पड़ी थी। न्यायालय ने उन्हें जमानत पर बाहर निकलने दिया। दो दिन पहले पुरुषोत्तम ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। सोमवार को उन्होंने गुजरात भाजपा के प्रवक्ता आईके जाडेजा और भरत पंडया की उपस्थिति में अपने 500 कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में एंट्री ली।
कांग्रेस बोली- डराकर हमसे विधायकों को छीन रही भाजपा
पुरुषोत्तम के भाजपा में शामिल होने पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा, ''पुरुषोत्तम साबरिया पर 35 करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप हैं, पकड़े जाने के डर से ही वह भाजपा की ओर भागे हैं। यह सचाई किसी से छिपी नहीं है कि भाजपा हमारे विधायकों डर-धमकाकर अपनी ओर ले जा रही है।'
घटकर 71 रह गई कांग्रेस के विधायकों की संख्या
एक के बाद एक विधायकों के टूटने के बाद गुजरात में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 77 से घटकर अब महज 71 रह गई है। वहीं, विगत विधानसभा चुनाव में 99 सीटें जीत पाई भाजपा के विधायकों की संख्या बढ़कर 100 हो गई। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, अभी भी कांग्रेस के करीब 9 विधायक पार्टी छोड़ने की मूड में हैं। भाजपाई नेतृत्व विपक्षी दल के कम से कम 6 विधायकों से संपर्क में हैं। खाली हुई कई सीटों पर अब आगामी 23 अप्रैल को उपचुनाव होंगे।
कांग्रेसमुक्त का नारा कांग्रेसयुक्त भाजपा में बदल रहा
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले विधायकों की वजह से लगता है कि गुजरात में यह सत्ताधारी दल कांग्रेसयुक्त हो गया है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को कांग्रेसमुक्त का नारा दिया, वहीं दूसरी ओर भाजपा खुद कांग्रेसी विधायकों को लगातार अपनी तरफ खींच रही है। आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से लेकर अब तक कांग्रेस के 35 विधायक और सांसद भाजपा में शामिल हुए हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े इन 35 नेताओं में से भाजपा में 17 को पद का सीधा लाभ दे दिया गया। अब इनमें से कोई मंत्री है तो कोई सांसद-विधायक और निगमों के चेयरमैन हैं।