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गुजरात में बालश्रम के केस बढ़े, श्रम विभाग ने 3 हजार छापे मारकर 1300 बच्चों को बचाया

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गांधीनगर। बाल मजदूरी को लेकर गुजरात में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं। प्रदेश में पिछले पांच सालों में छापेमारी करके 1300 बच्चों को बाल मजदूरी की कैद से आजाद कराया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में सबसे अधिक बाल मजदूरी की घटनाएं सूकत जिले से सामने आई हैं। यहां कुल बचाए गये बच्चों में अकेले 38 फीसदी से ज्यादा बच्चे मिले हैं।

5 साल में 3 हजार छापे मारकर 1300 बच्चों को बचाया

5 साल में 3 हजार छापे मारकर 1300 बच्चों को बचाया

श्रम विभाग के सूत्रों ने कहा कि, पिछले पांच वर्षो में राज्य भर में बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम (1986) के तहत कुल 3000 छापे मारे गए। इस अवधि के दौरान अहमदाबाद में 137, सूरत में 129 और वडोदरा में 146 छापे मारे गये थे।

यह हैं नियम, बच्चों से कोई काम नहीं करा सकता

यह हैं नियम, बच्चों से कोई काम नहीं करा सकता

वैसे नियम यह हैं कि भारत में 14 साल के कम उम्र का कोई भी बच्चा किसी फैक्टरी या खदान में काम करने के लिए नियुक्त नहीं किया जायेगा और न ही किसी अन्य खतरनाक नियोजन में नियुक्त किया जायेगा। राज्य अपनी नीतियां इस तरह निर्धारित करेंगे कि श्रमिकों, पुरुषों और महिलाओं का स्वास्थ्य तथा उनकी क्षमता सुरक्षित रह सके और बच्चों की कम उम्र का शोषण न हो तथा वे अपनी उम्र व शक्ति के प्रतिकूल काम में आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रवेश करें। ऐसे कानून होने के बावजूद बच्चे श्रमिक संस्थानों में पाये जाते हैं।

किस शहर से कितने बच्चे मुक्त कराए?

किस शहर से कितने बच्चे मुक्त कराए?

सूरत के छापे में 490 बच्चों को श्रम से बहार निकाला गया, जबकि अहमदाबाद में 157 बच्चों को श्रम से बचाया गया। राजकोट के 117 बच्चे थे, जिनको श्रम से निकाला गया है। राज्य के हर जिले में एक सेल है, जो समय-समय पर छापेमारी करती हैं। गुजरात सरकार के श्रम और रोजगार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विपुल मित्रा ने कहा कि, हाईवे पर भोजनालयों में आमतौर पर बड़ी संख्या में बाल श्रमिकों को रोजगार मिलता है, वहां भी विभाग के कर्मचारीयों ने छापेमारी की है। छापेमारी में देखा गया है कि, कुछ बच्चे कपड़ा इकाइयों में कार्यरत हैं और हमने उन्हें घरेलू मदद के रूप में नियोजित किया है।

14 साल से कम उम्र के बच्चों से करा रहे काम

14 साल से कम उम्र के बच्चों से करा रहे काम

राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 2015 में बाल श्रम का सफाया करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया था। फिर भी गुजरात में बाल श्रमिकों को रोजगार मिलता रहा है। गुजरात में बाल अधिकारों के लिये काम कर रही संस्थान गंतर के सुखदेव पटेल ने कहा कि, राज्य सरकार के प्रयासो के बावजूद, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को रोजगार में लगाया जाता है।

गुजरात में एक लाख से ज्यादा बच्चे मजदूरी में फंसे

गुजरात में एक लाख से ज्यादा बच्चे मजदूरी में फंसे

सुखदेव पटेलने कहा कि, सरकार द्वारा दिया गया डेटा सही नहीं है, क्योंकि सरकार के प्रयासो के बावजूद गुजरात की विभिन्न जगहों पर श्रमिकों के रूप में बच्चें काम कर रहे हैं। हमारे आंकलन के हिसाब से गुजरात में एक लाख से ज्यादा बच्चे काम कर रहे है। हालांकि, सरकार बताती है कि, उसके कर्मीयों ने राज्यभर में 2997 छापे मारे हैं औऱ 1269 बच्चों को बचाया है।

गांधीनगर में भी मुक्त कराए गए 13 बच्चे

गांधीनगर में भी मुक्त कराए गए 13 बच्चे

उन्होंने कहा कि, सरकारी अधिकारियों ने सार्वजनिक मंचों पर बोलते हुए दावा किया है कि, गुजरात में बाल श्रमिकों का रोजगार कम हो रहा है। हालांकि, हमें लगता है कि बाल श्रम अब भी जारी है। बच्चों को कढ़ाई इकाइयों, निर्माण इकाइयों, पारिवारिक व्यवसायों, कृषि व्यवसाय, होटल बिजनेस, बीड़ी व्यवसाय में नियोजित किया जाता है। गुजरात के गांधीनगर में जहां राज्य के लिये कानून बनता है। वहीं से सरकार ने छापे में 13 बच्चों को बचाया है।

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English summary
child labour in Gujarat: labour department saved 1300 children across state in last 5 years
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