कैसे पता करें कि आपको स्वाइन फ्लू है या साधारण फ्लू?
देश के कई राज्यों में एच1एन1 वायरस से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मौत का खौफ ही है, जिसके चलते थोड़ा सा बुखाार होते ही लोग सीधे डॉक्टर के पास जा रहे हैं? यह सवाल लेकर कि कहीं उन्हें स्वाइन फ्लू तो नहीं! खैर अच्छा भी है, सावधानी तो बरतनी चाहिये। लेकिन फिर भी इस लेख को पढ़ने के बाद आप साधारण फ्लू और स्वाइन फ्लू में फर्क समझ लेंगे।
साधारण फ्लू लगने पर सबसे पहले कमर व पीठ में दर्द होता है, फिर हलका बुखार, फिर जुकाम, खांसी, उसके बाद बदन दर्द होता है। नाक भी बहने लगती है। छींकें भी आती हैं।
वहीं जब कोई इंसान स्वाइन फ्लू की चपेट में आता है तब सबसे पहले उसे तेज बुखार आता है। खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, गला बैठ जाता है। बेचैनी होती रहती है, डायरिया जैसा होने लगता है और उलटी-दस्त शुरू हो जाते हैं। सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। हाफ ब्रीदिंग यानी सांस आधी होने लगती है। छोटे बच्चे खाना खाना छोड़ देते हैं, बड़ों को भूख लगना बंद हो जाती है।
स्वाइन फ्लू और साधारण फ्लू दोनों कैसे फैलते हैं?
इंफ्लुएंज़ा वायरस एक साधारण मौसमी फ्लू की तरह इंसान की नाक, फेफड़ों और गले पर प्रहार करता है। फैलता भी ठीक उसी प्रकार से है, जैसे साधारण फलू। यानी छूने, छींकने, खांसने, आदि से।