Women Referees: पुरुषों के मैचों में रेफरी, अंपायर और कोच बन इन महिलाओं ने तोड़े मिथक
स्टेफनी फ्रैपार्ट, पुरूषों के फुटबॉल विश्व कप में रेफरी की भूमिका निभाने वाली पहली महिला बनी हैं। क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, कबड्डी जैसे अन्य खेलों में भी महिला रेफरी, अंपायर, कोच बनने का सिलसिला शुरू हो चुका है।
Women Referees: एक वक्त था जब दुनिया के सभी खेलों में पुरूषों का बोलबाला हुआ करता था लेकिन अब यह बीते जमाने की बात हो गयी है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी खेलों से जुड़े कई मिथकों को तोड़ा है। एक तरफ दुनियाभर की महिलायें खेलों में नए मुकाम हासिल कर रही हैं और दूसरी तरफ पुरुषों के खेलों में कोच, रेफरी और अंपायर बन कर वे नयी भूमिका भी निभाने के लिए तैयार हैं।
कतर फीफा वर्ल्डकप 2022 में पहली बार महिला रेफरी मैदान पर दिखाई दी और इसी के साथ महिलाओं के खाते में एक नया मुकाम जुड़ गया। दरअसल, इससे पहले पुरुषों के किसी भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलें में महिला रेफरी को नियुक्त नहीं किया गया था। यह उपलब्धि फ्रांस की महिला रेफरी स्टेफनी फ्रैपार्ट (Stephanie Freppart) को मिली है जोकि जर्मनी और कोस्टारिका के बीच मुकाबले में रेफरी की भूमिका निभाने वाली पहली महिला बन गई। फीफा ने फ्रैपार्ट के सहायक के रूप में भी दो और महिलाओं को चुना है जो ब्राजील की नुएजा बैक और मैक्सिको की कारेन डियाज मेडिना हैं।
फ्रैपार्ट को पोलैंड और मैक्सिको के बीच खेले गए मुकाबले में फोर्थ ऑफिशियल बनाया गया था। इसी के साथ वह इस टूर्नामेंट में शामिल होने वाली पहली महिला रेफरी बनी थीं। गौर करने वाली बात यह है कि फीफा के इस निर्णय का हरतरफ स्वागत किया जा रहा है।
कौन हैं स्टेफनी फ्रैपार्ट
38 साल की फ्रैपार्ट लंबे समय से पुरुषों के खेलों में रेफरी की भूमिका निभाती आई हैं। फ्रैपार्ट यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (UEFA) मैच में भी रेफरी बनने वाली पहली महिला हैं। दरअसल साल 2019 यूईएफए सुपर कप (UEFA Super Cup) फाइनल के दौरान लिवरपूल और चेल्सी के बीच खेले गए मैच में रेफरी की भूमिका निभाई थी। वहीं उन्होंने यूरोपियन लीग में अक्टूबर में रेफरी के तौर पर डेब्यू किया।
पुरुष फुटबॉल में महिला रेफरी
सलीमा मुकानसांगा - साल 1988 में जन्मी सलीमा मुकानसांगा रवांडा की एक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल रेफरी हैं। साल 2012 से फीफा की सूचीबद्ध अंतरराष्ट्रीय रेफरी श्रेणी में उनका नाम शामिल है। फ्रांस में 2019 में आयोजित फीफा महिला विश्वकप में उन्होंने एक मैच ऑफिशियल की भूमिका निभाई थी। सलीमा मुकानसांगा 2022 में अफ्रीकी कप ऑफ नेशंस में रेफरी बनने वाली पहली महिला बनी थी।
यामाशिता योशिमी - साल 1986 में जापान में जन्मी यामाशिता योशिमी एक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल रेफरी हैं। 2019 में फ्रांस में आयोजित फीफा महिला विश्वकप में वे एक मैच ऑफिशियल थीं। उन्होंने पिछले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अमेरिका और स्वीडन के बीच एक मैच में भी रेफरी की भूमिका निभाई थी। कतर फीफा विश्वकप 2022 में अंपायरिंग के लिए चुनी गई तीन महिला रेफरी में उनका भी एक नाम शामिल हैं।
नूज़ा बैक - ब्राजील की रहने वाली नूज़ा बैक, कतर फीफा विश्वकप 2022 में अन्य सहायक रेफरी है। रेफरी बनने से पहले वे एक पेशेवर फुटबॉलर रह चुकी है। साल 2014 से फीफा के लिए काम रही, नूज़ा को CONMEBOL रेफरी कमीशन द्वारा चिली में कोपा अमेरिका फेमेनिना में काम करने के लिए बुलाया गया था।
डियाज मेडिना - मैक्सिको की रहने वाली कारेन डियाज मेडिना, कतर फीफा विश्वकप 2022 में फ्रैपार्ट की सहायता करेंगी और एक सहायक रेफरी की भूमिका में रहेंगी। वे पुमास और लियोन के बीच लीगा एमएक्स गार्ड1एन्स 2020 फाइनल ( Liga MX Guard1anes 2020 final) के दूसरे चरण में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला रेफरी बनीं थी। उन्हें 2018 में फीफा सहायक रेफरी के रूप में भी पहचान मिली थी। मानागुआ, निकारागुआ में महिला अंडर-17 चैंपियनशिप, स्कोटियाबैंक कोंकाकाफ लीग, और ब्रैडेंटन, फ्लोरिडा में पुरुषों की अंडर-20 चैंपियनशिप सहित कई टूर्नामेंटों में वे अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। डियाज, टेक्सास में 2020 महिला ओलंपिक क्वालीफाइंग में कार्यवाहक टीम का भी हिस्सा थीं।
क्लेयर पोलोसाक बनी पुरुष क्रिकेट में पहली महिला अंपायर
जनवरी 2021 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में तीसरा टेस्ट मैच खेला गया। चार मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थी। उसी दौरान ICC (International Cricket Council) ने क्लेयर पोलोसाक नाम की एक महिला को तीसरे मैच के लिए चौथे अंपायर के रूप में चुन लिया। इसी के साथ, क्लेयर पोलोसाक का नाम पुरूष क्रिकेट में पहली बार महिला अंपायरिंग के नाते जुड़कर इतिहास बन गया। इससे पहले क्लेयर को साल 2019 में नामीबिया और ओमान के बीच वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीज़न टू के मैच में अंपायरिंग करने का मौका मिला था। लेकिन, भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के बड़े मैच में टेस्ट क्रिकेट की अंपायरिंग करना अभूतपूर्व था।
ICC मैच रेफरी पैनल में शामिल हुईं जीएस लक्ष्मी
साल 2019 में भारत की जीएस लक्ष्मी आईसीसी मैच रेफरी के अंतरराष्ट्रीय पैनल में शामिल होने वाली पहली महिला बनी थी। वे इससे पहले घरेलू महिला क्रिकेट (राष्ट्रीय) में 2008-09 से मैच रेफरी की भूमिका निभा रही थी। लक्ष्मी अब तक महिलाओं के तीन वनडे और तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय में मैच रेफरी रह चुकी थी।
कबड्डी में जमुना वेंकटेश ने रचा है इतिहास
जमुना वेंकटेश भारत की पहली महिला कबड्डी रेफरी हैं और कर्नाटक की रहने वाली है। उन्होंने कई दफा जूनियर और सीनियर प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व किया है। गौरतलब है कि वे अब सिर्फ महिलाएं के लिए नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी एक प्रेरणा बन गयी हैं। जमुना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर बड़े आयोजन का हिस्सा होती हैं। उन्होंने लगभग 30-35 टूर्नामेंटों में रेफरी के तौर पर भाग लिया हैं, जिसमें पुरुष कबड्डी विश्वकप, महिला कबड्डी विश्वकप, दुबई मास्टर्स, प्रो कबड्डी लीग, फेडरेशन कप, सीनियर नेशनल, जूनियर नेशनल, सब-जूनियर नेशनल जैसी प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
इन महिलाओं के अलावा भी अनेक महिलाएं टेनिस, बैडमिंटन, हॉकी इत्यादि खेलों में मैच ऑफिशियल, रेफरी एवं अंपायर की भूमिका पूरी योग्यता के साथ निभाती आई हैं।
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