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सैनिटरी पैड की जगह रुई बनी जानलेवा, चली गई युवती के शरीर में

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नई दिल्ली। हम भले ही कंप्यूंटर युग में हैं लेकिन आज भी हमारे गांवों-शहरों में महिलाएं और लड़कियां खुलकर महावारी के बारे में बातें नहीं करती हैं जिसके कारण वो गंभीर रोगों की शिकार हो रही है और इन रोगों के बारे मे उन्हें पता तब चलता है जब स्थिति बद से बदतर हो चुकी होती है और तब उनके पास उन रोगों से लड़ने की ना तो शक्ति होती है और ना ही पैसे।

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देश की बहुत सारी महिलाएं ऐसी हैं जो अपने पीरियड्स में आज भी सेनैटरी पैड की जगह कपड़ों और रूई का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन शायद उन्हें इस बात का एहसास नहीं कि वो खुलेआम बीमारियों को दावत दे रही हैं।

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फेसबुक पर Lauren Richardson (19) नाम की एक महिला ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें साफ तौर पर उन चीजों को बहिष्कार करने की बात कही है जो महिलाएं अपने नीचे के अंगों के लिए प्रयोग करती हैं क्योंकि यह उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है।

इस जरूरी खबर पर और बातें करेंगे लेकिन नीचे की स्लाइडों में...

शेयर किया वीडियो

वीडियो में साफ है कि महिलाएं अगर उन दिनों में रूई का इस्तेमाल करती हैं तो ये उनके लिए घातक हो सकता है क्योंकि रूई गीलेपन से भीग जाती है और शरीर के निजी अंगों के अंदर घुस सकती है। रूई का अगर एक कतरा भी बॉडी के अंदर गया तो यह महिला के लिए जानवेला साबित हो सकता है।

निजी अंग

निजी अंग

महिलाओं के निजी अंग काफी सेंसटिव होते हैं ऐसे में उनमें गंदगी के कारण एलर्जी या संक्रमण हो जाये तो समझिये यह गंभीर रोगों की दावत है और ये समस्या उस समय और बढ़ जाती है जब पीरियड्स के दौरान महिलाएं गंदे कपड़े, गीले कपड़े या रूई जैसी चीजों का प्रयोग करती हैं।

अफसोस है

अफसोस है

हमारे देश के लगभग 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाले भारत में आधे से ज़्यादा घरों में माहवारी के वक्त सूती या सिंथेटिक कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे धोकर किसी ऐसी जगह सुखाया जाता है जहां किसी की नज़र ना पड़े।

खतरे से अंजान हैं?

खतरे से अंजान हैं?

रूई निजी अंगों के अंदर घुस सकती हैं जिससे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसके जरिये कभी-कभी महिलाओं का यूटर्स भी खराब हो सकता है।

फंगल इंफ़ेक्शन का ख़तरा

फंगल इंफ़ेक्शन का ख़तरा

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर किरण खरे के मुताबिक ठीक से धूप में ना सुखाए गए हल्के गीले अंडरगार्मेंट्स को पहनने से फंगल इंफ़ेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है जो भारतीय महिलाओं में आम सी बात मानी जाती है लेकिन ये इंफ़ेक्शन उनके अंगों को खराब कर सकता है, ये उन्हें नहीं पता।

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English summary
Women who use cotton instead of pads are at the risk of Toxic Shock Syndrome. This is a lethal disease which could even destroy Uterus.
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