यादें: फूहड़ नहीं स्वस्थ मनोरंजन देते थे जसपाल सिंह भट्टी...
जसपाल भट्टी आज भी हमारे जिक्र में, हमारे ख्यालों में और हमारे जेहन में जिंदा है। आज भी लोग उनके किस्सों को और उनके जुमलों को याद करते हैं।
चंडीगढ़। आज देश के मशहूर कॉमेडी किंग जसपाल भट्टी को हम से बिछड़े चार साल हो गए हैं लेकिन आज भी वो हमारे जिक्र में, हमारे ख्यालों में और हमारे जेहन में जिंदा है। उनके जैसे लोग धरती पर कम ही पैदा होते हैं।
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आज उनकी पुण्यतिथि पर भी लोग उन्हें अपने अंदाज में याद कर रहे हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि भट्टी की कॉमेडी में फूडड़ता नहीं बल्कि स्वस्थ मनोरंजन होता था। वो कभी भी अपनी चीजों को बनाने के लिए दोअर्थी संवाद और अश्लीलता का सहारा नहीं लेते थे।
इससे पहले राष्ट्रकवि और व्यंगकार अशोक चक्रधर ने भी भट्टी को भारतीय चार्ली चैपलिन कहा था। चक्रधर ने लिखा था कि भट्टी व्यंग के पुरोधा थे। वो आम आदमी के दर्द को समझते थे इसलिए उनके कार्यक्रम लोग पसंद करते थे। गौरतलब है कि कार्टूनिस्ट,हास्य लेखक,अभिनेता,फिल्मकार व टीवी की मशहूर हस्ती जसपाल सिंह भट्टी की 25 अक्टूबर 2012 को एक दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
मालूम हो कि अस्सी और नंबे के दशक में शानदार टीवी शो जैसे 'उल्टा-पुलटा' और 'फ्लाप शो' बनाकर लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले जसपाल भट्टी ने कई पंजाबी और हिंदी फिल्मों में कॉमेडियन की भूमिका निभायी थी।
समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ जसपाल भट्टी
वो समाजसेवी अन्ना हजारे के अनशन के दौरान दिल्ली की सड़को पर भी देखे गये थे। वो चले गए लेकिन अपने पीछे छोड़ गए हैं ऐसी यादों का समंदर जो कभी खत्म नहीं हो सकता है।
नमन...