Birthday Special: रील के इस अकबर ने फिल्मी 'पृथ्वी' पर किया एकछत्र 'राज'
आज सिने जगत के महानतम कलाकारों में से एक पृथ्वीराज कपूर का जन्मदिन है।
मुंबई। आज सिने जगत के महानतम कलाकारों में से एक पृथ्वीराज कपूर का जन्मदिन है। 3 नवंबर 1901 में पाकिस्तान की सरजमीं पर जन्में इस महान एक्टर ने अभिनय की एक नई दास्तां फिल्मी कैनवस पर लिखी।
दौलत, शोहरत, दो शादी और लिवइन रिलेशन के बाद भी तन्हा क्यों हैं कमल हासन?
हम में से बहुत लोग ऐसे होंगे जो पृथ्वीराज कपूर को ही अकबर समझते होंगे, इसके पीछे कारण सिर्फ ये है कि मां सरस्वती के इस महान पुत्र ने सिने पटल पर ऐसे किरदारों को जीवंत किया जिससे कि वो लोगों को सजीव लगने लगे।
आईये जानते हैं उनके व्यक्तित्व के बारे में खास बातें...
- पृथ्वीराज कपूर ने पेशावर पाकिस्तान के एडवर्ड कालेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी।
- उन्होंने एक साल तक कानून की शिक्षा भी ली थी लेकिन उसके बाद उन्होंने थियेटर की दुनिया में प्रवेश किया।
- 1928 में उनका मुंबई आगमन हुआ।
- कुछ एक मूक फिल्म में काम करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बोलनेवाली फिल्म 'आलम आरा' में मुख्य भूमिका निभाई।
- पृथ्वीराज कपूर को कला क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- 1972 में उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है।
रोचक किस्से
अभिनय के इस महान उपासक के बारे में कहा जाता है कि इन्हें थियेटर की स्थापना के लिए पैसे चाहिए थे जिसके लिए इन्होंने इलाहाबाद कुंभ में गमछा फैलाकर लोगों से पैसे मांगे थे।
यादगार फिल्में
पृथ्वीराज कपूर ने फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में शंहशाह जलालुद्दीन अकबर के किरदार को अमर कर दिया था, इनके बोले संवाद आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इसके अलावा उनकी यादागार फिल्मों में 'आवारा' 'विद्यापति', 'सिकंदर', 'दहेज', 'जिंदगी', 'आसमान महल' और 'तीन बहूरानियां' शामिल हैं।