मणिपुर विधानसभा चुनाव 2017 के बारे में जानें हर बात, 3 बार से हैं यहां कांग्रेस की सरकार
इस बार मणिपुर की राजनीति में एक बड़ा नाम जुड़ने वाला है। संभावना जताई जा रही है ये बड़ा नाम कांग्रेस की 3 साल की सत्ता को टक्कर दे सकता है।
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीख तय कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि यहां दो चरणों में मतदान संपन्न कराया जाएगा। मणिपुर में मौजूदा कांग्रेस की सरकार मियाद 18 मार्च 2017 को खत्म हो जाएगी। यहां उससे पहले चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा। प्रेस वार्ता में जैदी ने जानकारी दी कि मणिपुर में 60 विधानसभा सीटे हैं जिसमें से 34 आरक्षित हैँ। जानकारी दी गई कि यहां 18,07,843 मतदाता हैं। साथ ही कहा कि मणिपुर में 100% मतदाताओं को फोटो आइडेंटिटी कार्ड जारी कर दिए गए हैं।
बताया
गया
कि
इस
विधानसभा
चुनाव
में
मतदाताओं
की
सुविधा
के
लिए
2,794
पोलिंग
बूथ
बनाए
जाएंगे
जो
2012
में
संपन्न
कराए
गए
चुनाव
से
20.1
फीसदी
ज्यादा
है।
जैदी
ने
वार्ता
में
जानकारी
दी
मणिपुर
में
चुनाव
दो
चरणों
में
कराए
जाएंगे।
पहले
चरण
में
38
सीटों
के
लिए
मतदान
4
मार्च
को
संपन्न
कराया
जाएगा।
इसके
लिए
8
फरवरी
को
अधिसूचना
जारी
की
जाएगी,
साथ
ही
नामांकन
की
आखिरी
तारीख
15
फरवरी
होगी।
नामांकनों
की
जांच
16
फरवरी
तक
पूरी
कर
ली
जाएगी।
यदि
कोई
अपना
नामांकन
वापस
लेना
चाहता
है
तो
उसके
लिए
18
फरवरी
का
समय
है।
वहीं
दूसरे
चरण
में
22
विधानसभा
सीटों
के
लिए
मतदान
8
मार्च
को
कराया
जाएगा।
इस
चरण
में
11
फरवरी
को
अधिसूचना
जारी
की
जाएगी,
साथ
ही
नामांकन
की
आखिरी
तारीख
18
फरवरी
होगी।
नामांकनों
की
जांच
20
फरवरी
तक
पूरी
कर
ली
जाएगी।
यदि
कोई
अपना
नामांकन
वापस
लेना
चाहता
है
तो
उसके
लिए
22
फरवरी
का
समय
है।
मणिपुर
में
दोनों
चरणों
की
मतगणना
11
मार्च
को
संपन्न
कराया
जाएगा।
साथ
ही
चुनाव
की
पूरी
प्रक्रिया
15
मार्च
को
समाप्त
हो
जाएगी।
बात
अगर
प्रदेश
में
मौजूदा
हालात
कि
करें
तो
यहां
फिलहाल
ओकराम
इबोबी
सिंह
के
नेतृत्व
में
भारतीय
राष्ट्रीय
कांग्रेस
की
सरकार
है।
2012
में
संपन्न
कराए
गए
चुनावों
में
यहां
कांग्रेस
को
42,
ऑल
इंडिया
तृणमूल
कांग्रेस
को
7,
लोक
जनशक्ति
पार्टी
को
1,
मणिपुर
स्टेट
कांग्रेस
पार्टी
को
,
नागा
पीपुल्स
फ्रंट
को
5
और
नेशनलिस्ट
कांग्रेस
पार्टी
को
1
सीट
मिली
थी।
इस
बार
यहां
की
राजनीति
में
एक
बड़ा
नाम
जुड़ने
वाला
है।
वो
है
ईरोम
शर्मिला
का।
शर्मिला
मणिपुर
से
कठोर
कानून
सशस्त्र
बल
अधिनियम
(एएफएसपीए)
को
हटाने
की
मांग
को
लेकर
लगातार
16
वर्षों
तक
अनशन
कर
चुकीं
इरोम
शर्मिला
ने
राज्य
के
मुख्यमंत्री
ओकराम
इबोबी
सिंह
के
खिलाफ
विधानसभा
चुनाव
लड़ने
की
घोषणा
की
है।
शर्मिला
ने
यह
घोषणा
मंगलवार
(3
जनवरी
)
को
किया
है।
बीते
साल
अक्टूबर
में
अपना
अनशन
खत्म
कर
पीपुल्स
रिसर्जेस
एंड
जस्टिस
अलायंस
का
गठन
करने
वाली
शर्मिला
ने
कहा
कि
बीते
15
सालों
में
राज्य
सरकार
ने
एएफएसपीए
हटाने
के
लिए
कुछ
नहीं
किया
है।
कहा
कि
जब
उन्हें
इस
बात
का
एहसास
हुआ
कि
अब
यह
काम
कोई
और
नेता
नहीं
कर
सकता
तो
उन्होंने
चुनाव
लड़ने
का
फैसला
किया।
शर्मिला
ने
कहा
कि
वो
सीएम
बनेंगी
तो
एएफएसपीए
हटाएंगी।
वहीं
इस
मसले
पर
मुख्यमंत्री
इबोबी
सिंह
ने
कहा
कि
इंफाल
नगर
निगम
के
सात
विधानसभा
क्षेत्रों
से
एएफएसपीए
हटा
दिया
गया।
अगर
हालात
सामान्य
और
सकारात्मक
रहे
तो
बाकी
जगहों
से
भी
इसे
हटा
दिया
जाएगा।
लगातार
3
बार
से
मुख्यमंत्री
इबोबी
सिंह,
राज्य
के
थुगल
विधानसबा
क्षेत्र
से
चुनकर
आते
हैं।