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Adi Shankaracharya Jayanti 2021: आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचार

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नई दिल्ली, 17 मई। आज हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती है। वैशाख शुक्ल की पंचमी के दिन जन्मे शंकराचार्य ने हिंदू धर्म की पुनरूस्थापना की थी। देश के चार कोनों में शक्तिपीठ की स्थापना करके उन्होंने हिंदू धर्म के बारे में लोगों को अवगत कराया था। माना जाता है कि आदि शंकराचार्य साक्षात शिव के अवतार थे, जिन्होंने 8 वर्ष की अवस्था में गृहत्याग किया था और 32 वर्ष की उम्र में मोझ प्राप्त कर लिया था। अपने मूल्यवान विचारों से उन्होंने ना केवल भारतवासियों को प्रभावित किया बल्कि उन्होंने विदेश में भी लोगों के दिलों पर अपने विचारों कि अमिट छवि छोड़ी थी । इसी वजह से उनकी जयंती केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है।

Adi Shankaracharya Jayanti: आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार

आइए एक नजर डालते हैं धर्मगुरु आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचारों पर

क्या है आत्मसंयम?

अपने मन और आंखों पर नियंत्रण रखना, अपने नेत्रों को दुनिया की चीजों से आकर्षित ना होने देना।

जब तक आप अर्थ में हैं तब ही महत्वपूर्ण है?

स्वामी जी ने कहा था कि जब तक आप सक्रिय हैं और सांसे चल रही हैं तब तक ही आप महत्वपूर्ण हैं। सांसों के रूकते ही आपके आपने साथ छोड़ देते हैं।

Adi Shankaracharya Jayanti: आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार

अज्ञान का अंधेरा मिटाकर ज्ञान का दीपक जलाएं

जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है इसलिए अज्ञान का अंधेरा मिटाकर ज्ञान का दीपक जलाएं।

Adi Shankaracharya Jayanti: आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार

सिद्धि तो विचार से ही होती है

कर्म चित्त की शुद्धि के लिए है, सिद्धि तो विचार से ही होती है, इसलिए विचारों को ऊंचा रखें।

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प्राणियों के लिए चिंता ही ज्वर है

प्राणियों के लिए चिंता ही ज्वर है, ये एक चिता है, जिससे दूर रहना ही उचित है।

ज्ञान ही मुक्ति का कारण है

ज्ञान ही मुक्ति का कारण है इसलिए ज्ञान बढ़ाइए और प्रगति के मार्ग पर चलिए।

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English summary
Shankaracharya Jayanti falls on the 5th day of Shukla Paksha during the Vaishakh month.Today his Jayanti.Let’s celebrate Adi Shankracharya Jayanti with these quotes.
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