30 साल बाद भी कम नहीं हुआ SMS का महत्त्व, जानें Text Message से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स
आज से 30 साल पहले 3 दिसंबर 1992 को दुनिया का पहला SMS भेजा गया था। पिछले 30 सालों से SMS के जरिए हम अपने दोस्तों, साथियों के साथ चैट करते हैं। 1990 और 2000 के दशक में SMS काफी लोकप्रिय था।
आज के डिजिटल युग में हम किसी से कम्युनिकेट करने के लिए डायरेक्ट मैसेज (DM) या इंस्टैंट मैसेज का इस्तेमाल करते हैं। ये मैसेज इंटरनेट के जरिए रिसीवर तक पहुंचता है। क्या आप जानते हैं कि पहला SMS (शॉर्ट मैसेज सर्विस) कब भेजा गया था?
किसे भेजा गया पहला SMS?
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, पहला SMS टेलीकॉम कंपनी Vodafone के सॉफ्टवेयर इंजीनियर नील पापवर्थ (Neil Papworth) ने अपने बॉस रिचर्ड जार्विस को भेजा था। नील ने SMS के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर को टेस्ट करने के लिए टेक्स्ट (Text) मैसेज भेजा था। हालांकि, रिचर्ड जार्विस उस समय एक क्रिसमस पार्टी में थे, उन्होंने नील का SMS नहीं देखा और न ही उस पर रिप्लाई कर पाए।
पहले SMS में क्या लिखा था?
वोडाफोन इंजीनियर नील पापवर्थ को पता था कि रिचर्ड उस समय क्रिसमस पार्टी अटेंड करने गए थे, इसलिए उन्होंने अपने बॉस को पहले SMS के तौर पर 'Merry Christmas' लिखकर भेजा था। रिपोर्ट के मुताबिक, जार्विस के पास उस समय नया Orbital 901 फोन था, जिसका वजन 2.1 किलोग्राम था।
वोडाफोन इंजीनियर नील को 1992 में शायद यह अंदाजा भी नहीं होगा कि उसकी यह टेक्नोलॉजी आगे चलकर इतनी लोकप्रिय हो जाएगी। हालांकि, आज के डिजिटल युग में SMS के जरिए अब इमोजी भी भेजे जाने लगे हैं। यही नहीं, गूगल ने इंटरनेट पर भेजे जाने वाले मैसेज की तरह ही SMS के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी भी रोल आउट करनी शुरू कर दी है।
SMS की कैरेक्टर लिमिट
शुरुआत के दिनों में SMS भेजने के लिए कैरेक्टर लिमिट 160 की थी। 1990 के दशक में 1G मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल होता था, जो एनालॉग टेक्नोलॉजी पर काम करता था। इस टेक्नोलॉजी के जरिए SMS भेजना मुमकिन नहीं था।
2G यानी सेकेंड जेनरेशन के मोबाइल नेटवर्क के आने के बाद SMS सर्विस को कॉमर्शियली इस्तेमाल किया जाने लगा। हालांकि, SMS भेजने के लिए पैकेट डेटा का इस्तेमाल होता था, जो एक सीमित साइज को ही ट्रांसफर कर सकता था। इसलिए शुरुआती दिनों में SMS भेजने के लिए 160 कैरेक्टर्स की लिमिट सेट की गई थी।
Texting टर्म को डिक्शनरी में मिली जगह
SMS टेक्नोलॉजी को डेवलप करने की कवायद 1980 के दशक में शुरू हो गई थी, लेकिन इसे डेवलप करने में 10 साल का समय लग गया था। वोडाफोन द्वारा जारी एक डेटा के मुताबिक, दुनियाभर में यूजर्स हर साल अरबों SMS भेजते हैं। SMS का कमर्शियली इस्तेमाल होने के बाद यह texting के नाम से लोकप्रिय हुआ। साल 2010 में इस टर्म को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में जगह मिली।
1990 और 2000 के दशक में तो नए साल या किसी खास त्योहार के मौके पर मोबाइल नेटवर्क जाम हो जाता था। लोग एक-दूसरे को बधाई देने के लिए SMS करते थे, जिसकी वजह से घंटो नेटवर्क जाम रहता था। हालांकि, 3G/4G/5G के आने के बाद यूजर्स को अब इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
86 लाख रुपये में नीलाम हुआ पहला SMS
इस डिजिटल युग में WhatsApp, Skype जैसे प्लेटफॉर्म्स के आने के बाद भी उनका उपयोग करने वाले करीब 20 प्रतिशत लोग अभी भी SMS का इस्तेमाल करते हैं। 2021 के पेरिस ऑक्शन हाउस में दुनिया के पहले Text मैसेज (SMS) को €100,000 (लगभग 86 लाख रुपये) में नीलाम किया गया। डेटा कन्युनिकेशन फर्म Infobib के मुताबिक, उनके द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 30 प्रतिशत लोग अभी भी रोजाना SMS भेजते हैं। वहीं, वो 54 प्रतिशत यूजर्स SMS के जरिए ही लोगों से कम्युनिकेट करते हैं, जिनके पास अन्य कोई मैसेजिंग प्लेटफॉर्म नहीं हैं।
हालांकि, आज के दौर में SMS की लोकप्रियता WhatsApp और Skype जैसे प्लेटफॉर्म के आने से कम हो गई है, लेकिन अभी भी लाखों यूजर्स SMS का इस्तेमाल करते हैं। Infobip UK के मुताबिक, SMS यानी शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस आजकल के युवाओं (Gen-Z) के बीच भी काफी लोकप्रिय है। नई पीढ़ी के युवाओं ने डेटा कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में बताया कि 7 प्रतिशत यूजर्स को SMS के जरिए ब्रेक-अप का मैसेज मिला है।
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