अयोध्या पर फैसला: 1659 सोशल मीडिया अकाउंट पर पैनी नजर, बंद हो सकती हैं इंटरनेट सेवाएं
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अयोध्या। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की घड़ी नजदीक है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट किया है। इसके मद्देनजर अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर आरएएफ व अन्य पैरामिलिट्री फोर्स मुस्तैद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने जिलों के साथ प्रदेश स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किए जाने की बात कही है। ये कंट्रोम रूम 24 घंटे काम करेंगे।
1659 सोशल मीडिया अकाउंट पर पैनी नजर, 450 लोग भेजे गए हैं जेल
अयोध्या विवाद के फैसले के मद्देनजर अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ, आजमगढ़ जैसे 12 जिलों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। सुरक्षा को देखते हुए कुल 40 कंपनियां मुस्तैद रहेंगी। इनमें आरएफ की 16 कंपनियां और सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और बीएसएफ की छह-छह कंपनियां हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है। डीजीपी ओपी सिंह के मुताबिक, 1659 लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगातार नजर रखी जा रही है। डीजीपी का कहना है कि जरुरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाएं भी बंद की जा सकती हैं। वहीं, शांतिभंग की आशंका में प्रदेश में 10 हजार लोगों को सीआरपीसी के तहत पाबंद किया गया है। 450 लोग जेल भेजे गए हैं।
इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए दो हेलीकॉप्टर की रहेंगे तैनात
बता दें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार रात सभी जिलों के आला अफसरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और हर जिले में 24 घंटे एक विशेष कंट्रोल रूम खोलने का आदेश दिया है। सीएम ने लखनऊ और अयोध्या दोनों जगह एक-एक हेलीकॉप्टर किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
चीफ जस्टिस ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाया
शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को मुलाकात के लिए बुलाया। बताया जा रहा है कि अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में फैसला आने के मद्देनजर यह बैठक रखी गई।
अयोध्या केस: CJI रंजन गोगोई ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को किया तलब