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Rocketry: The Nambi Effect Review: सच्ची घटना का दस्तावेज है फिल्म, वैज्ञानिक का सच जानकर छलक पड़ेंगे आंसू

आर माधवन की 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' फिल्म में एक वैज्ञानिक के जीवन को पर्दे पर उतारा गया है। फिल्म देश के साइंटिस्ट और उनके समर्पण पर है।

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मुंबई, 1 जुलाई: बॉलीवुड एक्टर आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' की इन दिनों हर तरफ चर्चा हो रही है। अभी कुछ दिनों पहले ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था। अब फिल्म रिलीज भी हो चुकी है। हालांकि, रिलीज से पहले ही फिल्म को लेकर काफी बज बना रहा। 'रॉकेट्री द नांबी इफेक्ट' हमारे देश के एक ऐसे साइंटिस्ट नांबी नारायण की कहानी है, जिसने देश को लिक्विड फ्यूल रॉकेट टेक्नॉलोजी का वरदान दिया है। फिल्म में साफ तौर पर दिखाया गया है कि कैसे नांबी नारायण पर जासूसी और देशद्रोह के झूठे आरोप लगाए गए। साथ ही उनके द्वारा झेले गए दर्द को भी दिखाया गया है।

क्या है फिल्म की कहानी?

क्या है फिल्म की कहानी?

बताते चलें कि इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस नांबी नारायण की लाइफ पर बेस्ड फिल्म की कहानी फ्लैशबैक में चलती है। यहां मुख्य किरदार नांबी नारायण एक चैनल पर इंटरव्यू के दौरान सुपरस्टार शाहरुख खान को अपनी पूरी कहानी सुनाते हुए दिख रहे हैं। फिल्म में साफ तौर पर दिखाया गया है कि कैसे नांबी नारायण पर जासूसी और देशद्रोह के झूठे आरोप लगाए गए। साथ ही उनके द्वारा झेले गए दर्द को भी दिखाया गया है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आर माधवन एक तरह से नांबी नारायण का दर्द बीते 4-5 सालों से जी रहे हैं।

अब्दुल कलाम ने भी किया साथ काम

अब्दुल कलाम ने भी किया साथ काम

फिल्म की कहानी शुरू होती है नांबी नारायण की जवानी से। विक्रम साराभाई एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक के हुनर को पहचानते हैं। इस बीच ए पी जे अब्दुल कलाम को भी साथ काम करते देखा जा सकता है। नांबी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में पढ़ने जाते हैं। नासा में नौकरी भी पा लेते हैं। लेकिन इसके बाद नासा से कहीं कम वेतन देने वाले इसरो में लौट आते हैं। नांबी उपग्रहों में ले जाने वाला रॉकेट विकसित कर रहे हैं। वे इसमें कामयाब भी हो जाते हैं। वीआई एएस नाम के इस रॉकेट की टेस्टिंग भी सफल होती है। ये रॉकेट ही आज तक इसरो में भेजे जाने वाले उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जा रहा है। अब इंटरव्यू के बहाने ये पूरी फिल्म आगे बढ़ती है।

सिस्टम से जूझ रहे थे नांबी

सिस्टम से जूझ रहे थे नांबी

बताते चलें कि फिल्म रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट फिल्म पर देश की किसी दिग्गज कंपनी ने पैसा नहीं लगाया है। फिल्म को यूएफओ मूवीज द्वारा रिलीज किया जा रहा है। जिस तरह से कभी नांबी नारायण खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए सिस्टम और न्यायपालिका से जूझ रहे थे, ठीक उसी तरह आर माधवन भी अकेले ही इस सिस्टम से जूझ रहे हैं। नांबी को झूठे केस में फंसाने वाला पुलिस अफसर अब जाकर तीस्ता सीतलवाड मामले में गिरफ्तार हुआ है।

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माधवन ने किरदार को जिया

माधवन ने किरदार को जिया

फिल्म देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिक के साथ हुए अन्याय की सच्ची घटना पर आधारित है। ये फिल्म सिर्फ फिल्म नहीं, बल्कि एक अहसास है, जिसे आर माधवन ने अपना कर्तव्य समझकर बनाया है। अ्मर उजाला की खबर के मुताबिक, कोरोना लॉकडाउन के दौरान फिल्म को सीधे ओटीटी पर न बेचकर माधवन ने इसे बड़े पर्दे पर रिलीज करने का फैसला लिया। फिल्म में नांबी नारायण की पत्नी मीरा का किरदार माधवन की हिट तमिल फिल्मों की साथी सिमरन ने निभाया है। फिल्म में नांबी नारायण की जिंदगी में आई मुसीबतों को बखूबी दिखाया गया है। ऐसे में देश के हर युवा को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।

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English summary
Actor Madhavan is making his directorial debut with the film Rocketry: The Nambi Effect. The movie has been released in theatres worldwide today on July 1.
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