Dharavi Bank: झुग्गियों के आपराधिक सिंडिकेट की वो कहानी, जिसके लिए विवेक ऑबेरॉय ने घटाया था वजन
फिल्म धारावी मुंबई की धारावी की झुग्गियों से चलाए जाने वाले एक नामी आपराधिक सिंडिकेट की कहानी है, ये जितना शक्तिशाली है, उतना ही खतरनाक भी है। उसकी जेब में सरकार से लेकर बॉलीवुड के सितारे तक हैं।
Dharavi Bank: पुलिस वाले और पावरफुल गैंगस्टर की कहानी कोई नई बात नहीं है। 'अमेरिकन गैंगस्टर' से लेकर 'विक्रम वेधा' तक... हर भाषा में ये बात हमने देखी है। किसी भी कहानी को जो बात अलग बनाती है वो है उसे प्रजेंट करने का तरीका। दुख की बात है कि सुनील शेट्टी की फिल्म 'धारावी बैंक' दोनों ही पैमानों पर खरी नहीं उतर सकी। एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई इस फिल्म में सुनील शेट्टी और विवेक ओबेरॉय अहम किरदारों में हैं। फिल्म में दोनों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली।
विवेक ओबेरॉय ने जयंत गावस्कर नाम के पलिस वाले की भूमिका निभाई है।बताते चलें कि फिल्म 'धारावी बैंक' के जरिये सुनील शेट्टी ने अपना ओटीटी डेब्यू किया। एक्टर ने कहा कि पहली बार ओटीटी पर काम करने जैसा उनके लिए स्कूल जाने जैसा अनुभव है। आज मैं ये बात कह रहा हूं कि आठ सालों बाद मुझे ढंग का किरदार मिला है, जिसे मैं निभाना चाहता था। मैं सीरीज में थलाइवन का किरदार निभा रहा हूं। असल जिंदगी में लोग मुझे अन्ना कहते हैं और इसी से मैं खुश भी हूं। अन्ना का मतलब बड़ा भाई होता है, जबकि थलाइवन एक समूह का मसीहा होता है और वो हमेशा रजनीकांत सर रहेंगे।
फिल्म धारावी मुंबई की धारावी की झुग्गियों से चलाए जाने वाले एक नामी आपराधिक सिंडिकेट की कहानी है, ये जितना शक्तिशाली है, उतना ही खतरनाक भी है। उसकी जेब में सरकार से लेकर बॉलीवुड के सितारे तक हैं।
धारावी फिल्म के कुछ सकारात्मक पहलुओं के बारे में बात की जाए, तो एक तो फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और दूसरा इसका थीम संगीत काफी अच्छा है। फिल्म में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती की कहानी को दिखाया गया है। इस सीरीज की शूटिंग भी धारावी में ही हुई है। फिल्म में सोनाली कुलकर्णी, फ्रेडी दारूवाला, शांति प्रिया, सिद्धार्थ मेनन, चिन्मय मंडलकर और समित कक्कड़ जैसे कलाकारों ने काम किया है।
सीरीज में सुनील कपूर जहां एक ओर अंडरवर्ल्ड डॉन थलाइवन के किरदार में हैं, वहीं दूसरी ओर विवेक पर अपराध को नियंत्रित करने का जिम्मा होता है। विवेक ओबेरॉय ने फिल्म के लिए अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्होंने चार महीने में 10 किलो वजन बढ़ाया था । इसके लिए उन्हें खाने-पीने में अपनी खुराक भी बढ़ानी पड़ी।
दैनिक भास्कर से बातचीत में विवेक ने बताया कि आमतौर पर मैं दिन में दो बार खाना खाता हूं, लेकिन वजन बढ़ाने के लिए उस वक्त दिन में 6 से 7 बार खाना खाता था। अपने ट्रांसफॉर्मेशन के लिए विवेक ने जिम भी ज्वाइन किया था। वे अनाज और दाल रोटी सब्जियां खाकर अपना वजन बढ़ाने की कोशिश करते थे।
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