गोधन ने बदली किस्मत, गोबर बेचकर श्रवण ने कर्ज मुक्त कराया पत्नी के गहने व जमीन
कवर्धा जिले के ग्राम पंचायत बोडला के सिंधारी निवासी श्रवण कुमार यादव ने इस योजना का लाभ लेकर अपने कर्ज में डूबी जमीन को वापस कर्ज मुक्त करा लिया है। साथ ही स्वयं को आर्थिक रूप से सक्षम बना लिया है।
कवर्धा, 14 जुलाई । छत्तीसगढ़ में सरकार की गोधन न्याय योजना पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। वहीं कई राज्यों ने इसे अपने राज्यों में अपनाने की कोशिश भी की है। सरकार 2 रुपए किलो में गोबर खरीद कर किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है। वहीं कवर्धा जिले के ग्राम पंचायत बोडला के सिंधारी निवासी श्रवण कुमार यादव ने इस योजना का लाभ लेकर अपने कर्ज में डूबी जमीन को वापस कर्ज मुक्त करा लिया है। साथ ही स्वयं को आर्थिक रूप से सक्षम बना लिया है।
दो
साल
से
साहूकार
के
पास
गिरवी
थी,
पत्नी
के
गहने
व
जमीन
श्रवण
कुमार
के
अनुसार
आर्थिक
तंगी
के
चलते
उसने
अपनी
एक
एकड़
जमीन
को
45000
रुपये
में
साहूकार
के
पास
गिरवी
रख
दी
थी
।
इसके
साथ
पत्नी
के
गहने
भी
साहूकार
के
पास
गिरवी
थे।
लेकिन
अब
छत्तीसगढ़
सरकार
की
गोधन
न्याय
योजना
से
पैसे
इकट्ठा
कर
जमीन
व
गहने
कर्ज
मुक्त
करा
लिया
है।
श्रवण
ने
दो
साल
से
गिरवी
रखे
हुए
खेत
व
गहने
को
गोबर
बेचकर
70
हजार
रुपये
की
राशि
से
छुड़ाया।
आर्थिक
रूप
से
सक्षम
बन
रहे
पशुपालक
गोधन
न्याय
योजना
से
फायदा
उठाने
वाले
श्रवण
कृषि
के
साथ-साथ
पशुपालन
का
काम
भी
करते
हैं।
गोधन
न्याय
योजना
के
आने
के
बाद
गोबर
इकट्ठा
कर
उसे
गौठान
में
बेचना
शुरू
किया।
जिससे
प्रतिदिन
500
आवक
उसे
होने
लगी।
धीरे
धीरे
इन
पैसों
को
इकठ्ठा
किया।
इन्ही
पैसों
से
श्रवण
ने
अपनी
जमीन
का
समतलीकरण
किया
व
अपनी
पत्नी
के
गिरवी
रखे
गहने
भी
छुड़ा
लिए
हैं।
अब
मैंने
अपनी
जमीन
पर
खेती
करना
शुरू
कर
दिया
है।
अपने
परिवार
की
जरूरतें
पूरी
कर
सकता
हूं।
मेरी
आर्थिक
स्थिति
अब
सुधर
रही
है।
मुझे
अब
साहूकार
के
सामने
हाथ
फैलाने
की
जरूरत
नहीं
पड़ेगी।
डेढ़
लाख
रुपये
अब
तक
मिल
चुके
हैं
खाते
में
श्रवण
यादव
के
गोबर
से
कमाई
के
बारे
में
पंचायत
सचिव
भागवत
धुर्वे
बताते
हैं
कि
अगस्त
2020
से
श्रवण
ग्राम
के
गोठन
में
गोबर
बेच
रहे
है।
इनके
द्वारा
अब
तक
75174
किलोग्राम
गोबर
विक्रय
किया
गया
है।
दो
रुपये
किलो
के
हिसाब
से
अब
तक
एक
लाख
पचास
हजार
तीन
सौ
अड़तीस
रुपए
श्रवण
के
खाते
में
आ
चुके
हैं।
श्रवण
मूल
रूप
से
गरीबी
रेखा
के
नीचे
आते
हैं,
और
इनका
गोबर
विक्रय
का
पैसा
छत्तीसगढ़
राज्य
ग्रामीण
बैंक
शाखा
सिंधारी
में
इनके
बचत
खाते
में
प्राप्त
होता
है।
श्रवण
कहते
हैं
कि
कभी
उन्हें
उम्मीद
नहीं
थी
कि
गोबर
बेचकर
वे
इतने
पैसे
कमा
पाएंगे
और
अपनी
जमीन
को
कर्ज
मुक्त
कर
पाएंगे।
लेकिन
आज
गोधन
या
योजना
से
संभव
हो
सका
है।