दुर्ग: गौठान की महिला समूह ने बनाया प्याज के पल्प वाला सेनेटरी पैड, पीरियड्स में रखेगा एनर्जेटिक
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण गौठानो के साथ-साथ शहरी गौठानो में भी महिलाओ को आजीविका के कार्यों से जोड़ा गया है। नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत शहरी गौठान में महिलाएं सेनेटरी पैड बनाने का कार्य कर रही है।
दुर्ग, 07 अगस्त। छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वकांक्षी योजना 'नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी' के तहत गांवो में गौठानो का निर्माण किया गया है। इन गौठानो में गौवंश के देखरेख के अलावा ग्रामीण महिलाओं व युवाओं को आजीविकामूलक कार्यों से भी जोड़ा जा रहा है। ग्रामीण गौठानो के साथ-साथ शहरी गौठानो में भी महिलाओ को आजीविका के कार्यों से जोड़ा गया है। नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत शहरी गौठान में महिलाएं सेनेटरी पैड बनाने का कार्य कर रही है। महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अतिरिक्त आय पाकर आत्मनिर्भर बन रही है।
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निर्धन
महिलाओं
व
बालिकाओं
तक
पहुंचना
है
उद्देश्य
भिलाई
के
कोसानाला
स्थित
शहरी
गौठान
में
पैड
निर्माण
के
लिए
महिलाओं
ने
लगभग
डेढ़
लाख
की
मशीन
स्थापित
की
है।
सेनेटरी
पैड
बनाने
के
लिए
महिलाओं
ने
काम
चालू
कर
दिया
है।
सेक्टर
2
की
जगत
जननी
महिला
स्व
सहायता
समूह
से
सुलोचना
धनकर,
रेखा
बघेल
ने
बताया
कि
समाज
में
ऐसे
परिवार
की
महिलाएं
व
किशोरी
जो
पैड
पर
अधिक
खर्च
नही
कर
सकती
उनके
लिए
समूह
ने
इस
पैड
को
पहुंचाने
का
जिम्मा
लिया
है।
जिससे
पीरियड्स
के
दौरान
पैड
के
अभाव
में
उनके
सेहत
पर
कोई
असर
न
पड़े।
प्याज
के
पल्प
का
होता
है
इस्तेमाल,
उन
दिनों
में
रखेगा
एनर्जेटिक
समूह
की
अध्यक्ष
अनामिका
सिंह
ने
बताया
कि
इस
पैड
की
खासियत
यह
है
कि
माहवारी
के
दौरान
महिलाओं
को
यह
एनर्जेटिक
रखता
है।
वह
इसलिए
क्योंकि
इसमें
ओनियन
पल्प
का
इस्तेमाल
किया
जा
रहा
है।
प्याज
पल्प
सभी
प्रकार
के
बैक्टीरिया
को
अवशोषित
करता
है।
बहुत
सारे
सेनेटरी
पैड
में
इसका
उपयोग
नहीं
होता
है।
परंतु
गौठान
में
निर्मित
पैड
में
इसका
उपयोग
किया
जा
रहा
है।
उन्होंने
आगे
इसकी
और
खासियत
के
बारे
में
बताया
कि
इस
पैड
में
जेल
सीट
का
उपयोग
किया
जा
रहा
है।
जबकि
आमतौर
पर
अन्य
पैड
में
यह
नहीं
होता
है।
2015 से काम कर रही हैं महिलाएं
अनामिका ने बताया कि मार्केट से यह सस्ती दर पर उपलब्ध होगा। इसके पीछे संस्था का उद्देश्य है कि यह पैड ऐसी महिलाओं तक पहुंचे जो पैड को लेकर ज्यादा खर्च वहन नहीं कर सकती है। महिलाओं ने बताया कि 2015 से समूह कार्य कर रही है उन्होंने पहले पापड़, अचार, बिजोरी, बड़ी बनाने के कार्य को अपनाया था। परंतु 2018 में जबसे निगम में पंजीयन हुआ इन्हें मोटिवेशन मिला और घरेलू सामग्रियों को बनाने की अपेक्षा इन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और सेनेटरी पैड बनाने का कॉन्सेप्ट मन में आया।
स्वास्थ्य की दिशा में कार्य करने का मिला प्लेटफॉर्म
महापौर नीरज पाल ने स्व सहायता समूह की महिलाओं को बेहतर प्लेटफार्म देने के लिए गौठान में ऐसी महिलाओं को स्थान दिया है जो महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में भी अग्रणी होकर कार्य कर सकती हैं और आर्थिक आय भी अर्जित कर सकती हैं। जगत जननी महिला स्व सहायता समूह में लगभग 14 महिलाएं काम कर रही है इसमें कोषाध्यक्ष फूलवती भगत और सचिव प्रमिला डडसेना का काफी अहम रोल है।
हाई
टेक्नोलॉजी
से
तैयार
हो
रहा
सेनेटरी
पैड
सेनेटरी
पैड
तैयार
करने
की
बात
करें
तो
यह
हर
उस
प्रोसेस
से
गुजरता
है
जिसकी
जरूरत
एक
बेहतर
पैड
को
होती
है।
महिलाओं
की
सुरक्षा
को
इसमें
खासा
ध्यान
रखा
गया
है।
सेनेटरी
पैड
में
वुड
पल्प,
ओनियन
सीट,
वावेल
सीट,
बैक
सीट
एवं
फ्रंट
सीट
तथा
जेल
सीट
इस्तेमाल
किया
जा
रहा
है।
महिला
अध्यक्ष
ने
बताया
कि
सेनेटरी
पैड
बनाने
के
लिए
चार
प्रोसेस
से
गुजरना
पड़ता
है,
कटिंग
बॉन्डिंग,
स्टरलाइजेशन
एवं
पैकेजिंग
इसकी
महत्वपूर्ण
प्रक्रिया
है।
उन्होंने
बताया
कि
10
दिन
के
भीतर
5000
सेनेटरी
पैड
तैयार
किये
जाते
हैं।