Durg News: छत्तीसगढ़ में संस्थागत प्रसव कराने में दुर्ग जिला बना नंबर वन, 5602 बच्चों ने लिया सुरक्षित जन्म
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार निरन्तर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनता को बीमारी के इलाज से आर्थिक बोझ से राहत दिलाने का काम कर रही है। जिसके चलते अब प्रदेश में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिला है। इस मामले में दुर्ग जिला प्रदेश में पहले स्थान पर बना हुआ है। क्योंकि दुर्ग के सभी 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध है।
संसाधनों
में
हुआ
इजाफा,
सीएचसी
को
किया
गया
अपग्रेड
दरअसल
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
के
गृह
जिले
में
स्वास्थ्य
सेवाओं
में
वृद्धि
करते
हुए
जिले
के
सभी
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्रों
को
अपग्रेड
किये
गए।
जिसके
चलते
अब
सीएससी
लेवल
पर
सीजर
की
सुविधा
होने
से
जिले
के
80%
सिजेरियन
डिलीवरी
जिले
के
ही
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंन्द्रों
में
हो
रही
है।
क्रिटिकल
मामले
होने
पर
ही
रायपुर
या
अन्य
हायर
सेंटर
रेफर
किये
जाते
हैं।
जिले
में
अप्रैल
से
अब
तक
5602
बच्चों
का
सुरक्षित
प्रसव
कराया
गया
है।
पहले
50
प्रतिशत
मामले
होते
थे
रेफर
दुर्ग
में
वर्ष
2020
तक
सिजेरियन
की
सुविधा
केवल
जिला
अस्पताल
के
मदर
चाइल्ड
यूनिट
में
थी।
जिसके
कारण
जिले
के
मध्यम
व
गरीब
परिवार
सीजर
मामलों
के
लिए
जिला
अस्पताल
पर
निर्भर
रहते
थे।
यहां
संसाधनों
की
कमी
के
कारण
50%
मामले
रायपुर
रेफर
करना
पड़ता
था।
इसमें
कुछ
मामलों
में
मातृ
मृत्यु
की
संभावना
भी
बनी
रहती
थी।
लेकिन
अब
इसमें
कमी
आई
है।
जिले
से
सभी
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र
में
सीजर
के
माध्यम
से
डिलीवरी
सुविधा
उपलब्ध
हैं।
अप्रैल
से
नवंबर
के
बीच
दुर्ग
जिले
में
कुल
डिलीवरी
में
1496
सीजर
ऑपरेशन
हुए
हैं।
जिले
में
रेफरल
के
मामलों
में
आई
कमी
दुर्ग
जिले
के
स्वास्थ्य
केंद्रों
में
अब
रेफरल
मामलों
में
कमी
आई
है।
जिले
में
80
प्रतिशत
तक
संस्थागत
प्रसव
कराए
जा
रहें
हैं।
क्योंकि
अब
यहां
रेफरल
कमेटी
बना
दी
गई
है।
जो
ऐसे
मामलों
की
जांच
करती
है।
पहले
थोड़ा
क्रिटिकल
केस
होने
पर
जिला
अस्पताल
य्या
हायर
सेंटर
रेफर
कर
दिया
जाता
था।
सीएमएचओ
दुर्ग
जे
पी
मेश्राम
ने
बताया
कि
दुर्ग
में
रेफरल
केस
के
लिए
कमेटी
बनाई
गई
है।
जिला
अस्पताल
में
रोज
डिलीवरी
औसत
15
-18
से
बढ़कर
20-25
तक
पहुंच
गई
है,
इसमें
गंभीर
सिजेरियन
भी
जिला
अस्पताल
में
ही
कराए
जा
रहे
हैं।
सीएचसी पाटन में हुए सबसे अधिक संस्थागत प्रसव
जिला अस्पताल की मदद सीएचसी स्तर पर सीजर की शुरुआत साल 2020 में की गई थी। जिसके बाद दुर्ग जिले का पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीणो के लिए वरदान साबित हो रहा है। यहां आसपास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लाए गए गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव कराए जा रहें हैं। इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच 354 संस्थागत प्रसव कराए गए हैं। वहीं दूसरे नम्बर पर बोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां 223 संस्थागत प्रसव कराए गए। सभी 8 सीएससी की बात करें तो कुल 1483 डिलीवरी अब तक कराई जा चुकी है।
इस
मामले
रायपुर
जिला
भी
रहा
पीछे
राज्य
के
आंकड़ो
की
अगर
बात
करें
तो
दुर्ग
में
सुरक्षित
संस्थागत
प्रसव
5062,
दूसरे
नम्बर
पर
सरगुजा
जिले
में
3860,
तीसरे
नम्बर
पर
रायगढ़
जिले
में
2629,
चौथे
नम्बर
पर
रायपुर
जिले
में
2542
और
पांचवे
नम्बर
पर
बिलासपुर
जिले
में
1353
सुरक्षित
प्रसव
कराए
गए
हैं।