Bhilai Steel Plant में जर्जर स्ट्रक्चर के बीच हो रहा उत्पादन, टास्क फोर्स की अनदेखी, पड़ सकती है भारी
दुर्ग, 04 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र, जहां बनी पटरियों पर देश भर में रेलगाड़ियां दौड़ती है। लेकिन इस संयंत्र में हादसे रोकने में प्रबंधन कोई ठोस कदम नही उठा रहा है। हर बार एक छोटी मोटी कार्रवाई के बाद प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता हैं। जबकि 65 साल पुराने संयंत्र के कई स्ट्रक्चर अब गिरने के कगार पर हैं। इसके लिए यूनियनों ने कई बार प्रबंधन को सुझाव दिए। लेकिन इस पर अब तक कोई अमल नही किया जा सका, नतीजा लगातार कर्मचारी हादसों में अपनी जान गंवा रहें हैं।
प्रबंधन
ने
बनाया
था
टास्क
फोर्स,
सुरक्षा
के
लिए
करोड़ों
खर्च
भिलाई
इस्पात
संयंत्र
6
महीने
पहले
ही
लगातार
हो
रहे
हादसे
को
रोकने
कर्मचारी
यूनियनों
से
सुझाव
मांगे
जिस
पर
सभी
प्रतिनिधियों
ने
टास्क
फोर्स
बनाने
का
सुझाव
दिया।
इन
हादसों
में
4
कर्मचारियों
की
मौत
भी
हुई
थी।
लेकिन
टास्क
फोर्स
के
सुझावों
को
मानने
में
बीएसपी
प्रबन्धन
को
दिलचस्पी
नही
दिखा
रही
है।
टास्क
फोर्स
ने
अपना
सुझाव
प्रबन्धन
को
सौंपा
लेकिन
उन
सुझावों
पर
अब
तक
कोई
पहल
शुरू
नही
की
जा
सकी।
वहीं
प्रबंधन
ने
सुरक्षा
के
नाम
पर
22
करोड़
रुपये
खर्च
किए।
इसके
तहत
सुरक्षा
एजेंसी
को
बीएसपी
संयंत्र
के
अंदर
सेफ्टी
और
प्रोडक्शन
के
लिए
एक
बेहतर
वातावरण
तैयार
करने
की
जिम्मेदारी
दी
गई।
बीएसपी
ने
500
से
अधिक
सीसीटीवी
कैमरे
भी
लगवाए
हैं।
लेकिन
अब
तक
इसका
कोई
लाभ
नही
मिला।
स्थापना
के
बाद
से
अब
तक
नहीं
बदला
स्ट्रक्चर
आपको
बता
दे
कि
1955
से
Bhilai
Steel
Plant
की
स्थापना
के
बाद
से
संयंत्र
के
मूलभूत
संरचना
में
कोई
बदलाव
नही
किया
गया
है।
जिसके
चलते
बीएसपी
में
50
से
अधिक
कन्वेयर
बेल्ट
गैलरियां
मेंटनेंस
के
अभाव
में
जर्जर
हो
चुकी
हैं।
जिनके
कभी
भी
गिरने
की
आशंका
बनी
हुई
है।
सेफ्टी
कमेटियां
कई
बार
प्रबंधन
से
मेंटनेंस
की
मांग
कर
चुकी
हैं,
लेकिन
अब
तक
कार्रवाई
नहीं
की
गई।
बीएसपी
में
रॉ
मटेरियल
को
एक
स्थान
से
दूसरे
स्थान
ले
जाने
के
लिए
कन्वेयर
बेल्ट
का
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
इनमें
आयरन
ओर,
लाइन
स्टोन
और
डोलोमाइट
जैसे
रॉ
मटेरियल
शामिल
हैं।
Bhilai Steel Plant में भस्म किया जाएगा, 6 हजार किलो गांजा, ड्रग डिस्पोजल के लिए बनी हाई लेवल कमेटी
जर्जर
कन्वेयर
में
मेंटेनेंस
का
अभाव,
कभी
भी
हो
सकता
है
हादसा
बीएसपी
में
रॉ
मटेरियल
को
एक
स्थान
से
दूसरे
स्थान
तक
ले
जाने
के
लिए
लगभग
150
गैलरियां
बनी
हैं।
लेकिन
मेंटनेंस
नहीं
होने
से
करीब
50
गैलरी
जर्जर
होने
की
कगार
पर
हैं।
इनमें
जंग
लग
चुके
है
तो
कहीं
घास-फूंस
उग
आए
हैं।
यही
स्थिति
संयंत्र
के
कई
विभागों
में
हैं।
स्ट्रक्चर
के
सड़ने
से
रॉ
मटेरियल
के
परिवहन
के
दौरान
कभी
भी
इनके
गिरने
की
आशंका
बनी
हुई
है।
जिसे
एक
बड़े
जन
हानि
के
साथ-साथ
उत्पादन
भी
प्रभावित
होने
की
आशंका
से
इंकार
नहीं
किया
जा
सकता।
कुछ
दिनों
पहले
ही
ओएचपी
से
सिंटर
प्लांट
2
में
लाइमस्टोन
ले
जा
रही
कन्वेयर
बेल्ट
का
स्ट्रक्चर
गिर
गया
था।