Dindori News: महिला की हथेली पर लिख दिया मोबाइल नंबर, डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा का अंदाज जुदा Video Viral
अमूमन सरकारी महकमों के कई अफसर आम जनता की झंझटो से बचने अपना मोबाइल नंबर हर किसी को नहीं देते। लेकिन मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में हाल ही में आए कलेक्टर विकास मिश्रा का अंदाज दूसरों से जुदा दिखा। ग्रामीण इलाकों के दौरे पर निकले कलेक्टर से जब पब्लिक की लंबित शिकायते सुनी, तो उन्होंने अपना मोबाइल नंबर बांटना शुरू कर दिया। इसी बीच आदिवासियों की हथेली पर अपने हाथ से नंबर लिखते एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
डिंडौरी कलेक्टर है विकास मिश्रा
पिछले दिनों सरकार ने प्रदेश एक कई जिलों के कलेक्टर का तबादला किया था, उसमें डिंडौरी जिला भी शामिल था। यहां रत्नाकर झा की जगह विकास मिश्रा को कमान सौंपी गई। पूर्व कलेक्टर का जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते से विवाद और कार्यप्रणाली से सरकार नाराज थी। विकास मिश्रा के कुर्सी संभालते ही शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक उनके निरीक्षण चर्चा में हैं। जहां सालों से आम लोगों की शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही थी, उन इलाकों में जनता का दर्द जानने नए कलेक्टर पहुंच रहे है।
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महिला की हथेली पर लिख दिया अपना मोबाइल नंबर
सिर्फ वर्किंग डे ही नहीं, छुट्टी के दिन भी विकास मिश्रा फील्ड पर नजर आए। ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचने पर आम जनता की शिकायतों का अंबार लग गया। गोपालपुर गांव की बैगा आदिवासी महिला श्याम कली बाई की जब तकलीफ जानी, तो उन्होंने अपना मोबाइल नंबर लिखने कहा। महिला पढ़ना-लिखना नहीं जानती थी। तो कलेक्टर ने उसकी हथेली पर ही अपना मोबाइल नंबर लिख दिया।
सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा था लाभ
दरअसल श्यामकली बाई को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उसका कहना था कि वह लकड़ी बीनकर किसी तरह अपना जीवन गुजर बसर करती है। सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए पंचायत और जनपद कार्यालय में कई चक्कर लगाए लेकिन अधिकारियों ने कोई मदद नहीं की। यह सुनते ही कलेक्टर ने संबंधित कार्यालय के अधिकारी को फटकार भी लगाई। इस दौरान क्षेत्र के अन्य अशिक्षित लोगों ने भी अपनी हथेली मोबाइल नंबर लिखवाने आगे बढ़ा दी। कलेक्टर बोले कि गांव में जिसके पास मोबाइल हो, उसमें मेरा नंबर सेव करवा लेना और शिकायत दूर न होने पर फ़ौरन किसी भी वक्त फोन लगाना।
सैलरी कम पड़ रही है तो चंदा कर लो
विकास मिश्रा जिस भी इलाके में पहुंच रहे है, वहां उनका अंदाज अन्य अफसरों से अलग नजर आ रहा है। एक क्षेत्र में नक्शा खसरे के काम के लिए नगर परिषद् के अधिकारी द्वारा पैसे लिए जाने की शिकायत पर वह भड़क गए। मौके से उन्होंने संबंधित अधिकारी को फोन लगाया और पूछा कि क्या सैलरी कम पड़ रही है? यदि ऐसा है तो चंदा कर लोग..लेकिन गरीब जनता के काम करने के एवज में पैसों की वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारी को नोटिस भी जारी किया हैं।
नहीं चलेगा पुराना ढर्रा, वक्त है सुधर जाओं
कलेक्टर विकास मिश्रा ने अपने अधीनस्थ विभाग प्रमुखों और कर्मचारियों को दो टूक कहा कि वक्त रहते सभी अपनी आदत में सुधार कर लें। पहले की काम करने की शैली को घर पर रखकर आए। किसी भी मामले में लापरवाही और पब्लिक को बेवजह परेशान करने की शिकायते आने पर सीधे निलंबन की कार्रवाई होगी। जरुरत पड़ेगी तो बर्खास्गी के लिए शासन स्तर तक मामला भेजा जा सकता हैं।