UP: हाथ मिलाने के बहाने बैंक खाते से निकाल लेते थे रकम, तरीका जानकर पुलिस भी हैरान
UP: हाथ मिलाने के बहाने बैंक खाते से निकाल लेते थे रकम, तरीका जानकर पुलिस भी हैरान
देवरिया, 09 सितंबर: हैरान करने देने वाली खबर उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, देवरिया पुलिस ने ठगी करने वाले एक ऐसे गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो अपने हाथ में एमसिल (M-SEAL) लगाकर लोगों से हाथ मिलाते थे। वो अंगूठे को इस प्रकार दबाते थे कि उसका एमसिल छप जाता था। उसके बाद उस छाप से अंगूठे का क्लोन बनाकर पैसा निकाल लेते थे।
यह बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लगे, लेकिन यह सच है। देवरिया पुलिस की मानें तो जिन युवकों को गिरफ्तार किया है वो अनपढ़ है। इस गिरोह में बिहार का भी एक युवक शामिल है। पुलिस के मुताबिक, साइबर ठगी का यह एक नया तरीका है। बागपत के एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड सोनू यादव बिहार के गोपलगंज जिले के थाना बैकुंठपुर ग्राम शंकरपुर का रहने वाला है, जबकि विशाल साहनी, प्रदीप साहनी और अच्छेलाल देवरिया के रामपुर थाना के ग्राम कमधेनवा के रहने वाले है।
मास्टरमाइंड सोनू ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने चेन्नई में वेल्डिंग काम करने के दौरान वहां असम के रहने वाले एक युवक से क्लोनिंग फ्रॉड करने का तरीका सीखा था। बागपत के पुलिस अधीक्षक डॉ. श्रीपति मिश्र ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य पता लगाते थे कि किस व्यक्ति के बैंक खाते में ज्यादा पैसा है। फिर उससे दोस्ती करने के बहाने अपने हाथ में एमसिल लगाकर हाथ मिलाते थे। इनके हाथ में एमसिल लगे होने के चलते सामने वाले के हाथ का छाप ठगों के हाथ में आ जाता था।
पुलिस गिरफ्त में आए ठगों ने पूछताछ में बताया कि वो अंगूठे का निशान लेने वाले व्यक्ति को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर या किसी अन्य बहाने से उनके आधार कार्ड का नंबर भी हासिल कर लेते थे। फिर आधार इनेबल बैंकिंग ऐप के माध्यम से आधार कार्ड और अंगूठे के क्लोन से उस व्यक्ति के खाते का पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देते थे। इस गिरोह ने अभी तक देवरिया में लगभग आधा दर्जन लोगों के साथ ठगी की है। पुलिस ने गिरफ्तार ठगों के पास से 17 अंगूठे के क्लोन, 18 पैकेट एमसिल, 10 डिब्बा फेवीकोल, 22 आधार कार्ड , एक थंब इंप्रेशन मशीन एवं 52 हजार भी बरामद किए हैं।
अनपढ़ों
की
बनाई
गैंग
गैंग
के
मास्टरमाइंड
सोनू
यादव
ने
बताया
उसने
स्कूल
का
मुंह
भी
नहीं
देखा
है।
कुछ
वर्ष
पूर्व
वह
असम
में
वेल्डिंग
का
काम
करने
गया
था।
जहां
असम
के
ही
एक
स्थानीय
व्यक्ति
से
ठगी
का
यह
नया
तरीका
सीखा।
वहां
से
वापस
देवरिया
आकर
उसने
अनपढ़
युवकों
की
एक
गैंग
बनाई
और
ठगी
करने
लगा।
इस
गिरोह
के
सदस्य
अपने
गांव
के
लोगों
एवं
परिचितों
को
खासकर
टारगेट
बनाते
थे,
क्योंकि
उनसे
हाथ
मिलाने
में
आसानी
रहती
थी।