ओलंपियन सुशील पहलवान को सागर धनखड़ हत्याकांड में कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत
अदालत ने जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में जेल में बंद ओलंपियन सुशील कुमार पहलवान को अंतरिम जमानत दे दी है।
Wrestler Sushil Kumar: जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में जेल में बंद ओलंपियन सुशील कुमार पहलवान को अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि सराकारी वकील की ओर से केस से जुड़ी जांच के प्रभावित होने की तमाम दलीलों के साथ इस जमानत याचिका पर आपत्ति जताई थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका पर मानवीय आधार पर विचार करते ये निर्णय दिया है। अदालत ने कहा है कि अगर शर्तों का कड़ाई से पालन नहीं किया जाता तो अंतरिम जमानत के आदेश को रद्द भी किया जा सकता है।
सुशील कुमार की जमानत याचिका का सरकारी वकील ने विरोध करते हुए कहा कि यह अपराध जघन्य प्रकृति का है और शिकायतकर्ता सागर धनखड़ की निर्मम हत्या से जुड़ा है। वर्तमान में आवेदक की पत्नी अपने माता-पिता के साथ रहती है और उसकी देखभाल करने के लिए उसके परिवार में अन्य सदस्य भी हैं। सरकारी वकील ने जमानत अर्जी खारिज करने की दलील में कोर्ट से कहा कि सुशील कुमार मामले में मुख्य आरोपी है। केस में कार्रवाई का महत्वपूर्ण चरण है। जहां भौतिक गवाहों की जांच की जानी बाकी है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट अभियुक्त की याचिका खारिज कर चुका है। वकील ने कहा कि ऐसे में जमानत देने से गवाहों को प्रभावित करने और धमकी देने की पूरी संभावना है।
मामले की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत कर रही है। पहलवान सुशील के वकील ने चिकित्सा कारणों और मानवीय आधार पर तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत देने की की मांग की थी। आवेदन में कोर्ट को बताया गया कि सुशील की पत्नी गर्दन और रीढ़ की हड्डी में गंभीर दर्द से पीड़ित है और बिना सहारे के चल पाने में सक्षम नहीं है। डॉक्टर ने उसे झुकने के लिए मना किया है। वकील ने कोर्ट को बताया कि सुशील की पत्नी को एल4-एल5-एस1 लैमिनेक्टॉमी और डिस्केक्टॉमी के बाद सर्जरी कराने की सलाह दी गई है। सर्जरी के बाद उसे कम से कम 10 दिनों के पूर्ण आराम की आवश्यकता होगी।
शिवसेना नेता की हत्या करने वाले शख्स की कार में मिली कॉमेडियन भारती सिंह की तस्वीर
याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने कहा, "आरोपी की पत्नी की चिकित्सा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि दो नाबालिग बच्चे हैं, इस न्यायालय का विचार है कि आवेदक/आरोपी की उपस्थिति की आवश्यकता होगी, उसे 12.11.2022 तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, जिसमें वह 1 लाख रुपये की राशि में दो जमानतदारों के साथ व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करता है"।