कई राज्यों में आंधी-पानी की आशंका लेकिन दिल्ली के मौसम को लेकर IMD ने दिया बड़ा अपडेट
नई दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ के चलते इस वक्त पूरे देश के मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के मौसम में बदलाव हुआ है। कहीं आंधी-पानी आया है तो कहीं पर बर्फबारी भी हुई है तो वहीं आईएमडी ने अब दिल्ली के मौसम को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। विभाग का कहना है आज से लेकर अगले 3 दिन तक राजधानी में मेघ बरस सकते हैं और होली से पहले दिल्ली की तपन थोड़ी सी कम हो सकती है, जो कि पिछले हफ्ते से बढ़ी हुई है।
दिल्ली में भी होगी तेज बारिश
केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान में भी भारी बारिश होने के आसार हैं। तो वहीं पूर्वोत्तर में भी बरसात हो सकती है। जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में भी 22 से लेकर 23 मार्च तक बारिश होने की आशंका है और इस दौरान तेज हवाएं और ओलावृष्टि संभव है। दिल्ली-NCR में भी कुछ जगहों पर तेज बारिश के आसार हैं, जिससे तापमान में कमी आएगी।
22 और 23 मार्च से बारिश की गतिविधियां
तो वहीं मध्य भारत में 22 और 23 मार्च को जमकर बरसात होने के आसार हैं, जबकि अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में कड़क बिजली के साथ बादल बरस सकते हैं।
यहां हुई हल्की से मध्यम बारिश
जबकि बीते 24 घंटों के दौरान एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड ,सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई है।
कई राज्यों में मेघों के बरसने के आसार
जबकि स्काईमेट के मुताबिक इस वक्त राजस्थान के पास एक चक्रवाती संचलन सक्रिय है, जिसका असर कश्मीर और उससे सटे राज्यों पर हो रहा है और इस कारण भारत के कई राज्यों में मेघों के बरसने के आसार बने हुए हैं।
जोरदार बारिश के आसार
विभाग ने कहा है कि हिमाचल, कश्मीर, उत्तराखंड, एमपी, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में भी जोरदार बारिश के आसार हैं।
आखिर 'मानसून' कहते किसे हैं?
मानसून मूलतः हिंद महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है।
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