मनीष सिसोदिया का अनिल बैजल पर पलटवार, आदमी ऑनलाइन अपलोड नहीं होता एलजी साहब
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नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को जवाब देते हुए कहा है, 'यह सही है कि ऑनलाइन डिलीवरी से पिज्जा डाउनलोड नहीं हो सकता, लेकिन एक जीते-जागते इंसान को भी ऑनलाइन अपलोड करके सरकारी ऑफिस में नहीं पहुंचाया जा सकता। अब या तो आदमी सरकारी दफ्तर आए या फिर सरकार आदमी के घर जाए। अगर फिजिकल वेरिफिकेशन होगा तो इसमें से एक काम तो करना पड़ेगा।' मनीष सिसोदिया ने बैजल की 'पिज्जा डाउनलोड नहीं कर सकते' की बात पर ये जवाब दिया है।
डोरस्टेप सर्विसेज को लेकर है खींचतान
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल एलजी अनिल बैजल के बीच डोरस्टेप सर्विसेज को लेकर वार-पलटवार का सिलसिला चल रहा है। डोरस्टेप सर्विसेज को एलजी की मंजूरी नहीं मिलने के बाद सिसोदिया ने कहा था कि अगर पिज्जा की घर में डिलिवरी हो सकती है तो लोगों की जरूरत के सर्टिफिकेट घर जाकर क्यों नहीं बनाए जा सकते? इसके जवाब में एलजी ने पूछा था कि क्या पिज्जा और ई-कॉमर्स उत्पादों को डाउनलोड किया जा सकता है? एलजी की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि पिज्जा डिलिवरी और ई-कामर्स के साथ डोरस्टेप सर्विसेज की तुलना अनुचित है और दस्तावेजों के उलट पिज्जा डाउनलोड नहीं किया जा सकता। इस पर अब मनीष सिसोदिया ने जवाब दिया है।
लोगों की समस्या देंखें एलजी साहब
एक और ट्वीट करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा है 'मैंने एलजी साहब से अनुरोध किया है कि वे, मैं और मुख्यमंत्री जी, तीनों कुछ जन-संपर्क वाले सरकारी दफ्तरों में, बिना पूर्व सूचना के एक साथ चलें और वहां लाइन में लगे लोगों से बात करें। उनकी समस्याओं को समझें। तब इस डोर-स्टेप डिलीवरी सिस्टम के प्रस्ताव पर फैसला करेंगे।'
एलजी और सरकार आमने-सामने
एलजी का कहना है कि इस योजना को लेकर 18 दिसंबर 2017 को सीएम की ओर भेजी गई फाइल मिली थी। 26 दिसंबर को इसे फिर से विचार के लिए लौटा दिया गया। दिल्ली सरकार ने कहा है कि डोरस्टेप डिलिवरी से लोगों का सरकारी दफ्तरों में जाना कम होगा, क्योंकि हर साल करीब 40 सर्विसेज के लिए 25 लाख लोग दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। दिल्ली सरकार इस योजना में सरकारी काम (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना) को लोगों के घर पर उपलब्ध कराना चाहती है।
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