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AIIMS की रिसर्च स्टडी में दावा, एड्स के मरीजों में कम होता है कोरोना का असर

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नई दिल्ली, जून 30: कोरोना की दूसरी लहर ने अपना जमकर कहर बरपाया है। इस बीच जो लोग पहले से ही गंभीर बीमारी से ग्रसित है, उनके लिए यह वायरस मौत बनकर टूटा है, लेकिन हाल ही में एचआईवी एड्स के रोगियों के मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती। दिल्ली (एम्स) के एक अध्ययन के अनुसार सामान्य लोगों के मुकाबले एड्स पीड़ितों में कोरोना का असर कम पाया गया है।

AIIMS

एम्स की नई स्टडी के मुताबिक पिछले साल 1 सितंबर से 30 नवंबर के बीच एचआईवी-एड्स से पीड़ित लोगों में एंटीबॉडी की उपस्थिति या SARS-CoV-2 के खिलाफ सीरो-प्रविलेंस कम पाया गया है। ऑब्जर्वेशनल प्रॉस्पेक्टिव कोहोर्ट अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 164 पीएलएचए या एचआईवी/एड्स (औसतन 41 वर्ष की आयु) ग्रसित लोगों का अध्ययन किया, जिन्हें एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र से भर्ती किया गया था।

एचआईवी/एड्स से ग्रसित 164 व्यक्तियों में एंटीबॉडी का प्रसार 14 प्रतिशत पाया गया, जो अपनी एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी के लिए अस्पताल आए थे। अध्ययन में कुल 164 रोगियों को भर्ती किया गया था, जिसमें 14 प्रतिशत रोगियों में कोरोना के खिलाफ पॉजिटिव सीरोलॉजी का पता चला था। उनमें से 23 (14 प्रतिशत) कोरोना के लिए सेरो पॉजिटिव थे। कुल 16.3 प्रतिशत पुरुष और 8.3 प्रतिशत महिलाएं थीं।

अध्ययन में टीम ने यह भी बताया कि अधिकांश सीरो पॉजिटिव रोगियों ने COVID-19 के लिए न्यूनतम या कोई लक्षण अनुभव नहीं किया। आपको बता दें कि सितंबर और नवंबर 2020 के दौरान जब एचआईवी से पीड़ित लोगों के सैंपल इकट्ठा किए गए, उस समय दिल्ली में सीरो पॉजिटिविटी 25.7 प्रतिशत थी। शोधकर्ताओं ने ध्यान दिया कि कम प्रसार के पीछे अधिकांश रोगी घर के अंदर थे, सामाजिक संपर्क से परहेज करते हुए कोरोना के डर के कारण कोविड व्यवहार का पूरा पालना किया गया।

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बता दें कि सीरो-प्रविलेंस आबादी में किसी बीमारी के सटीक प्रसार का अनुमान लगाने में मदद करता है। अध्ययन में कहा कि इसका एक अन्य कारण यह हो सकता है कि इन रोगियों ने कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी उत्पन्न नहीं की हो या संक्रमित होने के बाद इसे बनाए नहीं रखा हो। हालांकि इस कम सीरो-प्रविलेंस की व्याख्या करने के सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं।

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English summary
delhi AIIMS study on HIV AIDS People living corona found to be lower among
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