AIIMS के बाद दिल्ली सफदरजंग अस्पताल पर साइबार अटैक का खुलासा, पूरे एक दिन सर्वर था डाउन

दिल्ली केअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)पर साइबर हमले के एक दिन बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल प्रशानन ने खुलासा किया कि उनके अस्पताल का सर्वर भी नवंबर माह में पूरे दिन डाउन रहा। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी सेवाएं मैन्युअल रूप से चलती है इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ ये सर्वर डाउन रहने का असर गंभीर नहीं रहा।
नवंबर महीने में पूरे एक दिन सर्वर था डाउन
अस्पताल प्रशासन ने अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि नवंबर महीने में अस्पताल साइबर हमले के अंडर था लेकिन नुकसान उतना गंभीर नहीं था जितना कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल को हुआ था। उन्होंने कहा अस्पताल ओपीडी सेवाएं मैन्युअल रूप से चलाता है इसलिए यह गंभीर नहीं थी।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने भी साइबर अटैक की पुष्टि करते हुए कहा
हां हॉस्टिपल पर भी साइबर हमला हुआ था। नवंबर में भी हमारा सर्वर एक दिन के लिए डाउन हुआ था, लेकिन डेटा सुरक्षित है। इसे आईटी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा नियंत्रित किया गया था, जिसने सिस्टम को फिर से चालू किया। उन्होंने बताया कि साइबर हमला रैंसमवेयर नहीं था। अस्पताल के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आईपी को ब्लॉक कर दिया गया था।
डॉक्टर शेरवाल ने बताया एएनआई की टीम ने अधिक जानकारी के लिए अस्पताल के आईटी से भी संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं अस्पताल के एक डॉक्टर ने भी कहा नवंबर में केवल एक दिन के लिए, हमने सुना कि सर्वर कुछ समय के लिए डाउन है लेकिन बाद में वे फिर से चालू हो गए। ज्यादातर समय हम अपना काम मैन्युअल रूप से करते हैं।
11 वें दिन दिल्ली एम्स का डाउन रहा सर्वर
बता दें दो दिन पहले दिल्ली एम्स साइबर अटैक का खुलासा हुआ था। जिसके चलते शनिवार को 11वें दिन भी सर्वर डाउन रहा। एम्स दिल्ली के अनुसार अगले सप्ताह के मध्य में अस्पताल में मैन्युअल मोड में सर्विस शुरू हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार अभी तक अस्पताल के लगभग 3000 कंप्यूटरों को स्कैन किया गया है और भविष्य की सुरक्षा के लिए एंटीवायरस भी अपलोड किया गया है लेकिन इंटरनेट सेवाएं अभी भी अवरुद्ध हैं और प्रशासन द्वारा अस्पताल के फैकल्टी और कर्मचारियों से कोई भी और जानकारी शेयर नहीं की है।
AIIMS
के
बाद
बड़ी
साइबर
चोरी
का
खुलासा,
इस
अस्पताल
के
1.5
लाख
मरीजों
का
ऑनलाइन
बेचा
गया
डेटा