राष्ट्रीय पार्टी बनने के करीब पहुंचे AAP के कदम , गुजरात विधानसभा चुनाव अहम
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद इस सूची आम आदमी पार्टी का नाम जुड़ने की पूरी संभावना है।
दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने पिछले दिनों कई राज्यों में अपने संगठन मजबूत किए हैं। पंजाब में कांग्रेस और भाजपा का पटखनी देने बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी अन्य राजनीतिक दलों के परंपरागत वोट बैंक के लिए खतरा बन चुकी है। गुजरात में जिस दमदारी से पहली बार 'आप' अपनी उपस्थिति दर्ज करा है, उससे भाजपा को भी बड़ा खतरा है। गुजरात विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए कई मायनों में अहम है। पिछले दिन पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के बाद अब पार्टी राष्ट्रीय दल बनने के करीब पहुंच चुकी है। अगर गुजरात में आप को अनुमाम के मुताबिक मत प्राप्त हो जाते हैं, ये दल देश के उन दलों की सूची में शामिल हो जाएगा जो राष्ट्रीय स्तर के हैं।
भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक अगर किसी राजनीतिक दल को चार राज्यों में "राज्य स्तरीय दल" का दर्जा मिलता है, तो वह स्वतः ही राष्ट्रीय दल बन जाता है। आम आदमी पार्टी को दिल्ली, पंजाब और गोवा में राज्य स्तरीय दल की मान्यता प्राप्त है। ऐसे में अगर उसे गुजरात में छह प्रतिशत वोट और दो सीटें भी मिल जाती हैं तो उसे राष्ट्रीय दल का दर्जा मिल जाएगा।
शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने दल के जल्द राष्ट्रीय दल बनने का दावा किया। केजरीवाल ने कहा कि 10 साल पहले आज ही के दिन आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई थी। उस वक्त अरविंद केजरीवाल, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और आनंद कुमार ने पार्टी की स्थापना की थी। पार्टी का स्थापना दिवस के लिए ये दिन इसलिए भी चुना गया क्योंकि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 के दिन ही भारत का संविधान लागू हुआ था। पार्टी की स्थापना के 10 साल हो चुके हैं। इन दस सालों में पार्टी ने कई उंचाइयों को छुआ है। दिल्ली में दो बार और पंजाब में पहली बार 'आप' की सरकार बनी। राज्यसभा में भी आम आदमी पार्टी स्थिति पिछले चुनाव की मुकाबले मजबूत हुई। वर्तमान में पार्टी के 10 राज्यसभा सांसद हैं।
पिछले दिनों विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शनों की तुलना करें तो अब 'आप' के राष्ट्रीय दल बनने में पार्टी के सामने कोई मुश्किल चुनौती नहीं है। हाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ये दावा भी किया कि 26 नवंबर, 2012 को अस्तित्व में आने के बाद से भारतीय राजनीति में कई इतिहास रचे। उन्होंने गुजरात में आम आदमी पार्टी के जीत का भी दावा किया। हालांकि गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन ये दल अगर गुजरात में अनुमान के मुताबित वोट प्रतिशत पाने में सफल होता है तो राष्ट्रीय पार्टी बनने का दावा कर सकता है।
अब तक देश में केवल कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी और टीएमसी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल प्राप्त है। लेकिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद इस सूची आम आदमी पार्टी का नाम जुड़ने की पूरी संभावना है। 'आप' राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से निर्धारित राष्ट्रीय पार्टी होने की पात्रता पूरी कर लेगी। संभावना है कि इसी साल यानी 2022 में ही आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय दल बनने का दावा करे और उसे मान्यता मिल भी जाए।
AAP के राष्ट्रीय दल बनने होंगे ये फायदे
- किसी भी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता मिलने से देश में राजनीतिक दल का स्तर बढ़ जाता है।
- राष्ट्रीय पार्टी के बनने के बाद राजनीतिक दल को अखिल भारतीय स्तर पर एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है।
- दल को निर्वाचन सूची मुफ्त और अनिवार्य रूप प्राप्त करने की सुविधा मिलती है।
- राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण की अनुमति
- राष्ट्रीय स्तर की मीडिया पर फ्री एयरटाइम।