सीएम तीरथ सिंह रावत ने फटी जींस पहनने वाली महिलाओं के संस्कार पर उठाया सवाल, पूछा- क्या यह सही है?
देहरादून। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार सुर्खियों में बने हुए है। पहले अपने फैसले के कारण चर्चाओं में आए तो वहीं, अब महिलाओं पर दिए अपने एक बयान के कारण तीरथ सिंह रावत चर्चाओं में है। दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं के कपड़ों को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि महिलाएं फटी हुई जीन्स पहनकर चल रही हैं, क्या ये सब सही है..ये कैसे संस्कार हैं।

ये बात उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान कहीं। इस दो दिवसीय कार्यशाला का टॉपिक है, 'बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृति, रोकथाम और पुनर्वास'। इस दौरान तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नई पीढ़ी में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। बच्चों को नशा सहित तमाम विकृतियों से बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। संस्कारित बच्चे जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं होते। कहते-कहते वो महिलाओं के कपड़ों पर कमेंट कर बैठे।
क्या कहा सीएम तीरथ सिंह रावत ने...
दरअसल, कार्यशाल में बोलते हुए सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अगर बच्चों को नशे की लत से बचाना है, तो उन्हें संस्कार देने होंगे। वेस्टर्न कल्चर के प्रभाव से बचाना होगा। सीएम ने कहा, 'पश्चिमी देश भारतीय संस्कृति की महानता को समझ चुके हैं। इसलिए अब वो हमारी संस्कृति का पालन कर रहे हैं। योग कर रहे हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि हमारे देश के युवा पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित होते जा रहे हैं। नग्न घुटने दिखाए जा रहे हैं, फटे डेनिम पहने जा रहे हैं, ये सारे संस्कार आजकल दिए जा रहे हैं। ये सब कहां से आ रहा है? अगर घर से नहीं आ रहा, तो क्या स्कूल और टीचर्स की गलती है?'
#WATCH मैं एक दिन हवाई जहाज से जयपुर से आ रहा था। मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थी। मैंने उनकी तरफ देखा नीचे गम बूट थे। जब और ऊपर देखा तो जींस घुटने से फटी हुई थी। 2 बच्चे उनके साथ में थे। महिला NGO चलाती है। समाज के बीच में जाती हो। क्या संस्कार दोगे?: उत्तराखंड CM तीरथ सिंह रावत pic.twitter.com/sGri6pPH7K
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 17, 2021
महिलाओं के कपड़ों को लेकर दिया बयान
सीएम ने कहा, 'जब वो जहाज से एक बार उड़ान भर रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक महिला अपने दो बच्चों के साथ बिल्कुल पास में ही बैठी थी, वो फटी हुई जीन्स पहनकर बैठी थी। मैंने उनसे पूछा कि बहनजी कहां जाना है, तो महिला ने जवाब दिया कि दिल्ली जाना हैं, उनके पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं और वो खुद एनजीओ चलाती थीं।' मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने आगे बताया कि मैंने सोचा जो महिला खुद एनजीओ चलाती हो और फटी हुई जींस पहनी हो, वह समाज में क्या संस्कृति फैलाती होंगी। जब हम स्कूलों में पढ़ते थे, तो ऐसा नहीं होता था।
बच्चों को संस्कारवाना बनाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की
बच्चे स्कूल से अधिक समय अपने घर पर बिताते हैं। लिहाजा बच्चों को संस्कारवान बनाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है। उन्हें बच्चों की गतिविधियों पर बराबर नजर बनाने की जरूरत है, ताकि उन्हें गलत दिशा में जाने से रोका जा सके। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए इच्छा शक्ति जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति नशे की गिरफ्त में आ चुका है तो दृढ़ इच्छा शक्ति के बूते ही वह नशे को छोड़ सकता है।
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