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कर्नाटक की टुरिस्ट को बचाने वाले उत्तराखंड के शहीद की अनदेखी

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नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) भले ही उत्तराखण्ड सरकार प्रदेश को पर्यटन प्रदेश बनाने के नाम पर तमाम दावे करे, पर पर्यटक की जान बचाने के लिए खुद शहीद हुए पर्यटक मार्गदर्शक पुष्कर सिंह को सरकार न मरणोपरांत सम्मानित कर रही है व नहीं उनके परिजनों की सुध ले रही है।

बता दें विगत 24 जून 2015 को रूपकुण्ड ट्रेक पर पर्यटकों के दल की एक महिला पर्यटक वर्षा में फिसल कर खाई में गिरी। इसी बीच अदम्य साहस दिखाते हुए पुष्कर सिंह उसको बचाने के लिए गया। तब उसने उस पर्यटक को तो बचा लिया परन्तु अपने आप गहरी खाई में गिरने से प्राण गॅवा बैठा।

हो गए शहीद

जानकारों ने बताया कि इस केस की सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा पर गहरी नाराजगी जताते हुए प्रदेश में पर्यटन उद्योग को नयी दिशा देने में वर्षो से जुटे दीप इंडिया के ट्रस्टी परमवीर सिंह रावत ने कहा कि कर्नाटक की एक महिला पर्यटक को बचाने के लिए अपनी जान पर खेलने वाले जनपद चमोली के देवाल विकासखण्ड के वाण गांव के 24 वर्षीय साहसिक पर्यटक मार्गदर्शक शहीद पुष्कर सिंह शहीद हो गये। परन्तु सरकार ने न तो उसको उचित सम्मान ही दिया व नहीं उनके असहाय हो चूके परिवार की सुध ही ली।

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नहीं ली सुध

वऱिष्ठ पत्रकार डी.एस.रावत कहते हैं कि हैरानी की बात है कि उत्तराखण्ड सरकार ने इस जांबाज शहीद की सुध नहीं ली। जबकि पर्यटन के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद पुष्कर सिंह ने अपनी शहादत से जहां पर्यटक मार्गदर्शकों का नाम रोशन किया वहीं उत्तराखण्ड को नाम के अनुरूप चरितार्थ करते हुए महिला पर्यटक को अपनी जान बचाने के लिए अपनी शहादत दी।

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English summary
Uttarakhand government failed to recognize the heroic effort of a guide. The guide lost his life while saving the tourist from Karnataka.
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