बढ़ने वाला है छत्तीसगढ़ में विधायकों का वेतन, भूपेश कैबिनेट में लिए गए कई बड़े फैसले !
रायपुर, 14 जुलाई। छत्तीसगढ़ में विधायकों का वेतन बढ़ने जा रहा है। गुरुवार को सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में विधायकों के वेतन और भत्तों की वृद्धि से सम्बंधित प्रस्तावित संशोधन विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है । इसके अलावा कर्मचारियों के तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाने संबंधी फैसलों के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का भी गठन किया गया है। भूपेश कैबनेट की बैठक में मछुआ नीति और भूगर्भ जल नीति को भी स्वीकृति मिल गई है।
30 से 40 हजार रुपए बढ़ाये जाने का प्रस्ताव
मिली जानकारी के मुताबिक विधायकों की वेतनवृद्धि के लिए तीन संशोधन विधेयकों का प्रारूप में विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के लिए विशेष विधेयक है। मुख्यमंत्री, मंत्रियों और संसदीय सचिवों के लिए भी एक अन्य विधेयक है,जिसमे विधायकों के वेतन में 30 से 40 हजार रुपए बढ़ाये जाने का प्रस्ताव है।
मानसून सत्र में लाएगी भूपेश सरकार संशोधन विधेयक
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के विधायकों की सैलरी दिल्ली जैसे प्रदेशों में विधायकों के वेतन भत्ते से कम ही हाेगा। प्रयास इस दिशा में हो रहा है कि वेतन और भत्ता कम से कम मध्य प्रदेश में विधायकों को मिलने वाले वेतन भत्ते और सुविधाओं की तरह हो जाए। भूपेश बघेल सरकार इस संबंध में संशोधन विधेयक 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में लाएगी।
कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध हटाने पर होगा विचार
(1)
राज्य
में
प्रचलित
मछली
नीति
के
स्थान
पर
नई
मछली
पालन
नीति
लागू
करने
के
प्रस्ताव
अनुमोदन
किया
गया।
(2) प्रदेश में स्वीकृत सहायक आरक्षकों के पदों को समाप्त कर डिस्ट्रिक्ट स्ट्राईक फोर्स संवर्ग के सृजन की स्वीकृत के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इससे पुलिस विभाग के सहायक आरक्षकों के वेतन संबंधी विसंगति को दूर होगी और प्रदेश के समस्त सहायक आरक्षकों को नियमित वेतनमान प्राप्त होगा।
(3) स्थानांतरण नीति 2022 के परिपेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया कि इस संबंध में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया जाएगा, जिसके सुझाव/अनुशंसा के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।
(4) प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-2023 का विधान सभा में उपस्थापन बाबत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2022 के प्ररूप का अनुमोदन किया गया।
(5) विधान सभा के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं सदस्यों के वेतन एवं भत्तों संशोधन विधेयक 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
(6) छत्तीसगढ़ मंत्री (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम, 1972 में संशोधन विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
(7) मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद में प्रावधानित वार्षिक राशि 40 करोड रूपए की सीमा को बढ़ाकर 70 करोड़ रूपए किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया
(8) क्षेत्र संयोजक से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के पद पर पदोन्नति हेतु न्यूनतम कालावधि 05 वर्ष में 06 माह की छूट प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
आबकारी शुल्क में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन
(9) वर्ष 2022-23 के लिये आबकारी राजस्व लक्ष्य एवं गौठान के विकास तथा अन्य विकास गतिविधियों के लिये अतिरिक्त राशि की आवश्यकता की प्रतिपूर्ति हेतु ''अतिरिक्त आबकारी शुल्क'' में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
(10)
विघटित
परिवहन
निगम
के
अधिकारियों/कर्मचारियों
की
असामयिक
मृत्यु
होने
पर
आश्रित
परिवार
के
सदस्य
को
अनुकम्पा
नियुक्ति
प्रदान
करने
की
प्रक्रिया
में
आवश्यक
संशोधन
किया
गया।
(11) छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधन और विनियमन) विधेयक-2022, के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
(12) छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व एवं पश्चात् मोटरयानों पर बकाया कर के एकमुश्त निपटान योजना-2020 की मियाद अवधि एक अप्रैल 2022 से माह मार्च 2023 तक बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
(13) अप्रैल 2020 से मार्च 2022 कुल 24 माह का सिटी बसों पर बकाया रोड टैक्स की राशि 99.95 लाख को छूट प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
(14) औद्योगिक एवं आर्थिक मंदी के दुष्प्रभाव के कारण एचव्ही-4 श्रेणी के स्टील उद्योग अंतर्गत स्टेंड एलोन रोलिंग मिल को प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए राज्य शासन द्वारा विशेष राहत पैकेज अंतर्गत ऊर्जा प्रभार में 01 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 तक छूट दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
(15) छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क अधिनियम, 1949 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
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