जानिए, 95 वर्षीय विमला देवी की व्यथा, 6000 रुपये की पेंशन के लिए करती हैं 900 किलोमीटर का सफर !
जानिए 95 वर्षीय विमला देवी की व्यथा, 6000 रुपये की पेंशन के लिए करती हैं 900 किलोमीटर का सफर
बिलासपुर, 20 मई। जिस उम्र में चलना फिरना मुश्किल हो जाता है,उसमे एक सैनिक की 95 साल की विधवा पत्नी पेंशन के लिए दो राज्यों का चक्कर लगाने लिए मजबूर हैं,वह ऐसा 20 सालों से कर रही हैं। जब यह मामला प्रकाश में आया तो सूबे में हड़कंप मच गया है।
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6000 की पेंशन के लिए 900 किलोमीटर का सफर
मिली जानकारी के मुताबिक बिलासपुर निवासी ललिता देवी द्वितीय विश्व युद्ध के शहीद सैनिक रंजीत सिंह की पत्नी हैं ,जिनकी उम्र 95 वर्ष हो चुकी है। सिस्टम में बैठे लोगों की असंवेदनशीलता देखिये कि ललिता देवी को पेंशन के लिए 6000 हर तीन महीने बाद 900 किलोमीटर की दूरी तय करके बलिया (उत्तर प्रदेश) जाना पड़ता है।
Chhattisgarh | A World-War 2 soldier's 95 yrs old widow compelled to travel from Bilaspur to Ballia in UP to collect her pension from last 20 yrs
We requested pension be given in Bilaspur but that didn't happen. Now, district officials has taken cognisance of it, says her son pic.twitter.com/BJ99sQbOzR
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 20, 2022
दरअसल वह पहले उत्तर प्रदेश के बलिया में ही थीं, लेकिन बीते 20 सालों से उनका निवास स्थान छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हैं। समस्या यह है कि ललिता देवी को 95 साल की उम्र में भी अपने जीवित होने का सबूत देने बलिया जाना पड़ रहा है।
ससुर भी रह चुकें हैं फ्रीडम फाइटर
वह बीते एक दशक में कई बार सरकार के समक्ष अपनी पेंशन बलिया से बिलासपुर शिफ्ट करवाने की अर्जी लगा चुकीं हैं, लेकिन बिलासपुर में अधिकारियों ने उनके आवेदन को कभी गंभीरता से नहीं लिया।यह भी जानना रोचक है कि ललिता देवी के पति के अलावा उनके ससुर भी यूपी में स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं। ललिता देवी के पति रंजीत सिंह राजपूत ने रेजिमेंट के सैनिक रहते हुए 1942 से 1945 तक दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था ,उनकी मृत्यु 2003 में हुई थी ।
बेटे की नजर हुई कमजोर ,पेंशन से ही होता है गुजरा
ललिता देवी का कहना है कि आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण उनका गुजारा पेंशन से ही होता है, लेकिन पेंशन के लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से उत्तर प्रदेश के बलिया जाना अब मुश्किल होने लगा है। उनका कहना है कि पहले मै अपने बेटे के साथ बलिया चली जाती थी ,लेकिन अब उसकी आंखो की रौशनी कमजोर हो जाने के कारण समस्या बढ़ गई है।
Bilaspur, Chhattisgarh | Woman was regularly supposed to prove she's alive. There was no need for her to go to Ballia every 6 months. We've sent officials from the board and will ensure, that she gets the pension here itself:Kuldeep Sehgal, District official, Sainik Welfare Board pic.twitter.com/9dFQAYUDx4
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 20, 2022
इस मामले में सैनिक कल्याण बोर्ड के जिला अधिकारी कुलदीप सहगल का कहना है,यह मामला हमारे संज्ञान में आया है, बुजुर्ग महिला को अब बलिया जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि उनकी शिकायत बोर्ड के अधिकारियों के पास भेजा दी गई है।
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