रायगढ़ जिले के इन दो गांवों में लोगों ने झरने से बनाई बिजली, 26 घरों में पहुंचेंगे बिजली के कनेक्शन
रायपुर, जून 06। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में धरमजयगढ़ ब्लॉक में पहाड़ी पर उरांव जनजाति के दो गांव है। थोड़े पहाड़ी और जंगल से सटे इलाके में बसे इन गांवों के लोगों ने झरने के पानी से खुद ही बिजली का निर्माण कर लिया है। ग्रामीणों का झरने से बिजली उत्पादन का काम सफल रहा है। गांववालों के इस प्रयोग के सफल रहने के बाद अब गांव के हर घर को 5-5 बल्ब की बिजली का कनेक्शन मिलने की तैयारी है।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, छाता नाला के दोनों किनारे पर बसे माली कछार और बेलसिंगा गांव में ग्रिड के जरिए बिजली पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने झरने के पानी से खुद ही बिजली का निर्माण कर लिया। सामाजिक वैज्ञानिक प्रो. डी. एस. मालिया की मदद से गांववालों ने बिजली का निर्माण कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर मालिया को यह आइडिया 20 साल पहले आया था, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वो सफल नहीं हो पाया था।
प्रोफेसर मालिया के मुताबिक, इस साल उन्होंने अपनी टीम और गांववालों के साथ मिलकर इस एक्सपेरिमेंट को पूरा किया और दोस्तों से आर्थिक मदद मिलने के बाद यह काम शुरू भी हुआ और फिर पूरा भी हुआ। प्रोफेसर के मुताबिक, एक सप्ताह तक गांव के 25-30 लोगों की मदद की वजह से यह प्रयोग चला और सफल भी हुआ। झरने के पानी की मदद से 10 टरबाइन चलते हैं। टरबाइन से जुड़े जेनरेटर की मदद से 100-100 वॉल्ट के बल्ब भी जलने लगे।
प्रो. मालिया का कहना है, उनकी यह टीम अगले 15 दिनों में गांव के सभी 26 घरों में 5-5 बल्ब का कनेक्शन जोड़ देगी। वहीं गांव के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र को भी इस बिजली से रोशन किया जाएगा।