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कैंसर से लड़ रहे हैं पिता, बेटी बनी छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर, दुर्ग की हिषा बघेल का Indian Navy में चयन

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की हिषा बघेल का चयन इंडियन नेवी में हुआ है। हिषा बघेल छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बन गई है।

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छत्तीसगढ़ में अग्निवीर भर्ती में दुर्ग जिले की बिटिया हिषा बघेल का चयन हो गया है। जिसके बाद हिषा प्रदेश की पहली 'महिला अग्निवीर' बन गई है। हिषा का चयन इंडियन नेवी के लिए हुआ है। कैंसर से पीड़ित पिता की बेटी ने बचपन से ही अपने अन्दर सैन्य सेवा में जाने का जज्बा बनाये रखा, जिसकी बदौलत हिशा अन्य किसी क्षेत्र में करियर बनाने के बजाय, देश सेवा को ही चुना।

ओडिसा में हो रही कड़ी ट्रेनिंग

ओडिसा में हो रही कड़ी ट्रेनिंग

ओडिशा के चिल्का में इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट की कड़ी प्रशिक्षण ले रही हैं। मार्च तक प्रशिक्षण के पश्चात देश की सुरक्षा के लिए तैनात हो जाएंगी। लेकिन बचपन से ही हिषा ने अग्निवीर बनने के लिए खुद से ही खुद को प्रशिक्षित किया है। इसके लिए वह हर दिन लड़कों के साथ दौड़ और एक्ससाइज के जरिए प्रैक्टिस कर रही थीं।

कैंसर से संघर्ष कर रहें हैं पिता

कैंसर से संघर्ष कर रहें हैं पिता

हिषा के पिता ऑटो चालक है, पिछले 12 साल से कैंसर से संघर्ष कर रहें हैं। मां सती बघेल ने पति के इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए ऑटो को ही बेच दिया। और घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। इन संघर्षों के आगे मां ने हार नहीं मानी और बेटी को पढ़ाया। हिषा की मां ने बताया कि वह बहुत मेहनती है, और ट्रेनिंग के लिए सुबह 4 बजे उठ जाती थी। हमने अपनी जमीन और कार बेच दी है।

स्कूल में सबसे तेज धाविका थी हिषा

स्कूल में सबसे तेज धाविका थी हिषा

हिषा बघेल की स्कूल टीचर ने कहा,हिषा बहुत अनुशासित और मेघावी बालिका थी। हमेशा दौड़ में आगे रहती थीं। टीचर कहते हैं कि पूरे स्कूल को उन पर गर्व हैं कि हमारे स्कूल की एक छात्रा को पहली महिला अग्निवीर के रूप में चुना गया है। वह खेलों में भी अच्छी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उसने कामयाब हासिल की है।

कॉलेज में एनसीसी कैडेट बनी

कॉलेज में एनसीसी कैडेट बनी

दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव बोरीगारका की रहने वाली हिषा बघेल प्रदेश के बालिकाओं के लिए मिसाल बन गई है। भाइयों को फॉर्म भरते देख देख उसने भी फॉर्म भरना और सेना की तैयारी शुरू की। स्कूली शिक्षा पूरी कर उतई महाविद्यालय में प्रवेश लिया तो उनके सपनों को उड़ान मिली। यहां पर हिषा पहले एनसीसी कैडेट बनी। इसके बाद गांव में युवकों के साथ दौड़ने का अभ्यास किया। ऐसा करने वाली वह गांव की पहली और अकेली लड़की थी।

पहले चरण में 200 महिलाओं का हुआ चयन

पहले चरण में 200 महिलाओं का हुआ चयन

भारतीय नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत कुल 560 पदों पर महिलाओं की भर्ती होनी थी। पहले चरण में 200 महिलाओं का चयन किया गया, जिसमें हिषा बघेल का चयन छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर के रूप में मेरिट और फिजिकल टेस्ट के आधार पर हुआ है। हिषा का चयन होने के बाद गांव में अन्य बालिकाएं भी इस तैयारी में जुट गईं हैं। जिले के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने परिवार और हिषा को बधाई दी है।

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English summary
Father fighting cancer, daughter became Chhattisgarh's first woman Agniveer, Durg's Hisha Baghel selected in Indian Navy
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