CG: हसदेव अरण्य में पेड़ कटाई की आहट, तिरंगा लेकर ग्रामीणों ने किया विरोध, मंत्री सिंहदेव से करेंगे शिकायत
हसदेव क्षेत्र के कोल माइंस एरिया में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर केते बासेन कोल ब्लॉक फेस टू खनन क्षेत्र में पोकलेन से रास्ता बनाते देख ग्रामीण इसका विरोध करने पहुंच गए हैं।
अम्बिकापुर, 09 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित हसदेव अरण्य कुछ समय से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था। यहाँ के ग्रामीण इसके खनन के लिए पेड़ काटने का विरोध कर रहें हैं। एक बार फिर जंगलों को बचाने ग्रामीण सक्रिय हो गए हैं। हसदेव क्षेत्र के कोल माइंस एरिया में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर केते बासेन कोल ब्लॉक फेस टू खनन क्षेत्र में पोकलेन से रास्ता बनाते देख ग्रामीण इसका विरोध करने पहुंच गए हैं। जबकि राज्य सरकार ने विधानसभा में सर्वसम्मति से हसदेव की सारी खदानों के आबंटन को रद्द करने का संकल्प पारित किया था।
हांथो
में
तिरंगा
लेकर
पेड़
कटाई
का
विरोध
इस
दौरान
महिलाएं
और
पुरुष
हाथ
में
लाठी-डंडा
लिए
पेंडो
की
हो
रही
कटाई
और
जेसीबी
से
बनाए
जा
रहे
रास्ते
को
बंद
कराने
पहुंच
गए।
वहीं
15
गांव
के
लोग
हाथ
में
तिरंगा
झंडा
लिए
तीसरे
दिन
भी
पेड़ों
की
रक्षा
के
लिए
जंगल
में
डेरा
जमाए
हैं।
जबकि
इसके
पूर्व
आंदोलन
के
दौरान
अधिकरियों
ने
ग्रामीणों
की
सहमति
के
बिना
पेड़
नहीं
काटने
का
आश्वासन
दिया
गया
था।
फिर
भी
पेड़
काटने
की
जा
रही
तैयारी
है।
जंगल
में
पहरा
दे
रहें
हैं
गांवों
के
ग्रामीण
पेड़
कटाई
की
आहट
मिलते
ही
ग्राम
घाटबरी,
बासेन,
साल्ही,
हरियरपुर,
फतेहपुर
व
परोगीया
के
रामलाल
करियाम,
जनसाय
पोया,
अमृत
मरावी,
सुनीता
पोर्ते
व
नानदाई
श्याम
के
नेतृत्व
में
ग्रामीण
धरना
स्थल
पर
डटे
हुए
हैं।
मुनेश्वर
सिंह
आर्मों
ने
कहा
दो
दिन
पहले
कोयला
खदान
से
जंगल
की
ओर
करीब
500
मीटर
की
दूरी
तक
पोकलेन
से
रास्ता
बनाया
जा
रहा
था।
राजस्थान
विद्युत
निगम
को
आबंटित
है
कोल
ब्लॉक
दरअसल
सरकार
ने
6
अप्रैल
2022
को
हसदेव
अरण्य
क्षेत्र
के
परसा
कोल
ब्लॉक
के
परसा
ईस्ट
केते
बासन
ब्लॉक-II
के
विस्तार
को
आधिकारिक
रूप
से
मंजूरी
दे
दी
थी।
ये
दोनों
कोल
ब्लॉक
राजस्थान
राज्य
विद्युत
निगम
को
आबंटित
है।
जिसे
एमडीओ
के
जरिये
अडानी
समूह
को
खनन
की
ठेकेदारी
सौंपी
गई
है।
जिसके
बाद
से
ही
मध्य
भारत
का
फेफड़ा
कहे
जाने
वाले
हसदेव
अरण्य
में
पेड़ों
की
कटाई
और
कोल
ब्लॉक
आबंटन
को
लेकर
2
मार्च
2022
से
ही
हसदेव
में
हरिहरपुर
गाँव
में
स्थानीय
लोग
अनिश्चितकालीन
धरने
पर
बैठे
हैं।
हसदेव अरण्य की जंग हुई दिलचस्प, क्या केंद्र सरकार रद्द करेगी Coal Block ?
अब
मंत्री
टीएस
सिंहदेव
से
करेंगे
मुलाकात
पिछली
बार
आंदोलन
के
दौरण
स्वास्थ्य
मंत्री
टीएस
सिंहदेव
ने
भी
आंदोलनकारियों
को
समझाने
की
कोशिश
की
थी
लेकिन
ग्रामीणों
ने
अपना
विरोध
खत्म
नही
किया
था।
अब
इस
तरह
की
आंख
मिचौली
कर
पेड़ों
की
कटाई
की
सूचना
देने
आंदोलनकारी
मंत्री
टीएस
सिंहदेव
से
मुलाकात
करेंगे।
'हसदेव बचाओ आंदोलन’ को युवाओं का अनोखा समर्थन
ग्रामीणों
की
सहमति
पर
ही
काटेंगे
पेड़
इस
तरह
ग्रामीणों
के
सक्रिय
हो
जाने
के
बाद
सरगुजा
जिले
के
वन
अधिकारी
फिर
से
ग्रामीणों
को
समझाने
की
कोशिश
कर
रहें
है।
डीएफओ
पंकज
कमल
का
कहना
है
कि
आदेश
में
हसदेव
क्षेत्र
के
43
हेक्टेयर
पर
8000
पेड़
कटने
हैं,
जिसमें
मई
में
सौ
पेड़
काटे
हैं।
बाकी
के
लिए
आदेश
नहीं
मिला
है।
सरकार
के
निर्देश
के
अनुसार
ग्रामीणों
की
सहमति
पर
ही
पेड़
काटी
जाएगी।