बालोद: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया 20 साल से बन रहा "आमाडुला बांध", खेतों में भरा पानी, लीपापोती में लगे अधिकारी
छत्तीसगढ़ के बालोद और कांकेर जिले के वनांचल क्षेत्र डौंडीलोहारा विकासखंड में निर्माणाधीन आमाबाहरा बांध का गेट भारी बारिश से टूट गया, इस गेट के टूटने से बांध का पानी आसपास गांवो और खेत खलिहानों में भर गया है
बालोद/कांकेर, 23 अगस्त। छत्तीसगढ़ के बालोद और कांकेर जिले के वनांचल क्षेत्र डौंडीलोहारा विकासखंड में निर्माणाधीन आमाबाहरा बांध का गेट भारी बारिश से टूट गया, इस गेट के टूटने से बांध का पानी आसपास गांवो और खेत खलिहानों में भर गया है जबकि 20 साल से बन रहे बांध का काम आज तक पूरा नही हो सका। आखिरकार भारी बारिश ने इस बांध के अधूरे निर्माण की पोल खोल कर रख दी। वहीं इस बांध के फूटने के बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
20
साल
में
भी
नहीं
बन
पाया
बांध
दल्ली
राजहरा
क्षेत्र
के
आमडुला
गांव
के
सरपंच
गायत्री
गावड़े
के
अनुसार
आमबाहरा
बांध
का
निर्माण
सन्
1989
में
राहत
कार्य
के
तहत
इसकी
शुरुआत
को
गई,
फिर
12
साल
बाद
2002
में
1
करोड़
23
लाख
की
राशि
का
इस
बांध
के
निर्माण
के
लिए
स्वीकृत
की
गई।
जिस
पर
निर्माण
कार्य
शुरू
हुआ।
बीते
दिनों
हुई
तेज
बारिश
से
बांध
छलक
रहा
था।
सोमवार
सुबह
बांध
के
गेट
को
तोड़ते
हुए
पानी
खेतों
में
भर
गया।
सैकड़ो
एकड़
में
लगी
फसलें
बर्बाद
ग्रामीणों
के
अनुसार
लगभग
बारिश
की
शुरुआत
से
ही
एक
बांध
का
पानी
सीपेज
हो
रहा
था।
इसके
लिए
लोगों
ने
विभाग
को
पत्र
भी
लिखे,
लेकिन
जल
संसाधन
विभाग
ने
इसे
रोकने
ठोस
कदम
नहीं
उठाया,
जिससे
सोमवार
को
बांध
फूट
गया।
सोमवार
सुबह
5
बजे
बांध
फूटने
से
खेतों
में
पानी
भरने
लगा।
जिससे
किसानो
कि
सैकड़ो
एकड़
में
लगी
फसलें
बर्बाद
हो
गऊ
है।
4
से
5
गांवो
तक
पानी
घुस
गया
है
।
पानी
से
भरे
बन्द
रास्तों
पर
लोग
जान
जोखिम
में
डालकर
आवागमन
कर
रहे
हैं।
ग्रामीणों
के
अनुसार
20
साल
से
बन
रहे
बांध
का
निर्माण
अब
तक
पूरा
नहीं
हो
पाया
है।
ग्रामीणों
ने
शासन-प्रशासन
से
गुहार
लगाई,
लेकिन
कोई
सुनवाई
नहीं
हुई।
कांकेर-दल्ली
मार्ग
बंद,जान
जोखिम
ने
डाल
रहे
लोग
ग्रामीणों
ने
बताया
कि
प्रशासनिक
की
लापरवाही
की
वजह
से
आज
तक
बांध
अधूरा
है।
इससे
किसानों
को
हर
साल
कुछ
ना
कुछ
नुकसान
झेलना
पड़ता
है।
बांध
टूटने
से
आमाडुला
गांव
में
सड़क
के
ऊपर
3
फीट
पानी
आ
गया
है।
कांकेर
के
चारमा
से
बालोद
को
जोड़ने
वाली
दल्ली-चारमा
मार्ग
में
3
फिट
पानी
भरा
हुआ
है।
जिससे
जान
जोखिम
में
डालकर
लोग
यात्रा
कर
रहे
हैं।
शासन-प्रशासन
इस
बांध
का
काम
को
जल्द
पूरा
कराए,
ताकि
समस्याओं
से
निजात
मिल
सके।
बांध
खाली
होने
के
बाद
होगी
मरम्मत
सिंचाई
विभाग
के
ईई
टीसी
वर्मा
ने
बताया
कि
सुरक्षा
की
दृष्टि
से
टूटे
हुए
हिस्से
के
पास
बैरिकेड
लगाया
गया
है।
बांध
पूरी
तरह
खाली
होने
पर
मरम्मत
की
जाएगी।
उन्होंने
इसकी
जानकारी
मुख्य
अभियंता,
महानदी
गोदावरी
कछार
जल
संसाधन
विभाग,
रायपुर
व
कलेक्टर
बालोद
एवं
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
डौंडीलोहारा
को
पत्र
लिखकर
दी
है।
दो
करोड़
खर्च
फिर
भी
नही
बन
पाया
बांध
अविभाजित
मध्यप्रेदश
के
समय
आमाडुला
बांध
निर्माण
की
प्रशासकीय
स्वीकृति
राहत
मद
से
24
जनवरी
1989
को
दी
गई
थी,
तब
लागत
24.12
लाख
थी।
छत्तीसगढ़
राज्य
बनने
के
बाद
22
जुलाई
2002
को
1
करोड़
23
लाख
की
प्रशासकीय
स्वीकृति
दी
गई।
फिर
3
दिसंबर
2007
को
पुनरीक्षित
प्रशासकीय
स्वीकृति
2
करोड़
5
लाख
की
मिली।
6
साल
से
हो
रहा
था
सीपेज,
लेकिन
नहीं
हुआ
संधारण
सिंचाई
विभाग
के
मुताबिक
15
साल
पहले
बांध
का
निर्माण
हुआ
था,
लेकिन
अन्य
कार्य
शेष
हैं।
सिंचाई
विभाग
डौंडी
के
एसडीओ
एल
लाल
ने
बताया
कि
बांध
में
सीपेज
का
सिलसिला
अभी
से
नहीं
बल्कि
6
साल
से
चल
रहा
है।
एक
माह
से
इसमें
तेजी
दिखाई
दे
रही
थी।
योजना
के
अंतर्गत
मुख्य
बांध
एवं
बायीं
तट
नहर
स्लूस
गेट
का
निर्माण
पूर्ण
हो
चुका
है।
वेस्ट
वियर,
स्पील
चैनल,
नहरों
के
मिट्टी
एवं
पक्कीकारण
कार्य
शेष
है।
योजना
के
शेष
कार्यों
को
पूर्ण
करने
4
करोड़
58
लाख
75
हजार
का
पुन:
पुनरीक्षित
प्रशासकीय
स्वीकृति
प्राक्कलन
शासन
को
भेजा
गया
है।