पंजाब चुनाव के लिए नवजोत सिंह सिद्धू का साथ क्यों चाहती है कांग्रेस, ये हैं 5 वजहें
ओपिनियन पोल में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें। सिद्धू का साथ मिलने से होगा फायदा।
चंडीगढ़। पंजाब चुनाव में भाजपा-शिरोमणि अकाली दल गठबंधन, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में कांटे की टक्कर होने की संभावना है। ऐसी चुनावी फिजा में भाजपा का साथ छोड़ चुके पूर्व क्रिकेटर और आवाज ए पंजाब के नेता नवजोत सिद्धू काफी अहम किरदार के रूप में उभरे हैं।
भाजपा से अलग होने के बाद सिद्धू नई पार्टी की तलाश में पहले आम आदमी पार्टी की तरफ मुड़े लेकिन वहां बात नहीं बनी तो कांग्रेस उनको लपक लेने की कोशिशों में लग गई।
कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत कई अहम नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी से जोड़ना चाहते हैं क्योंकि सत्ता के शतरंज की बिसात पर भाजपा-शिअद गठबंधन को मात देने की कोशिशों में लगी पार्टी के मंसूबों को पूरा करने में सिद्धू अहम मोहरा साबित हो सकते हैं।
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कांग्रेस की सीटों में इजाफा कर सकते हैं सिद्धू
पंजाब चुनाव के परिणामों पर आए ओपिनियन पोल ने त्रिशंकु विधानसभा होने की भविष्यवाणी करते हुए बाकी दलों की अपेक्षा कांग्रेस को ज्यादा सीटें दी हैं।
पंजाब में सत्ता हासिल करने को बेताब कांग्रेस मेँ इस ओपिनियन पोल की वजह से काफी उत्साह जगा है। एक ओपिनियन पोल ने कांग्रेस को 49 से 55 सीटें दी हैं और आम आदमी पार्टी को 42-46 सीटें दी हैं।
अगर ओपिनियन पोल की उम्मीदों के मुताबिक चुनाव परिणाम आए तो नवजोत सिंह सिद्धू का साथ मिलने से कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं।
एक
ओपनियन
पोल
के
परिणाम
कांग्रेस
-49-55
आप
-
42-46
भाजपा-शिअद
-
17-21
कांग्रेस के लिए बेहद अहम हैं पंजाब चुनाव
कांग्रेस पार्टी की हालत देशभर में खराब है और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए पार्टी के लिए पंजाब चुनाव बेहद अहम हैं।
अगले साल उत्तर प्रदेश में भी चुनाव होनेवाले हैं लेकिन वहां की अपेक्षा पंजाब चुनाव से कांग्रेस को ज्यादा उम्मीदें हैं। इसलिए पार्टी पंजाब चुनाव पर बहुत ज्यादा फोकस कर रही है और इसको जीतने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती।
सिद्धू का साथ मिलने से कांग्रेस को फायदा होता दिख रहा है इसलिए किसी भी सूरत में उनको साथ लाने की कोशिशों में कांग्रेस जुटी हुई है।
एंटी अकाली वोट पर कांग्रेस की नजर
नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में अकाली विरोधी वोट पड़ सकते हैं। इस वजह से भी सिद्धू कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सिद्धू को मनाने के लिए कांग्रेस ने उनको डिप्यूटी सीएम पद का ऑफर दिया, ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं। सिद्धू के साथ डील अभी फाइनल नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहते हैं कि सिद्धू अपनी पार्टी आवाज ए पंजाब का कांग्रेस में विलय करें।
अमरिंदर सिंह को डर है चुनाव परिणाम आने के बाद सत्ता समीकरण बिठाने के चक्कर में सिद्धू कांग्रेस का साथ छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं।
सिद्धू के सेलिब्रिटी स्टेटस का फायदा
सिद्धू सेलिब्रिटी हैं और युवाओं का वोट उनकी तरफ आकर्षित हो सकता है। सिद्धू के सेलिब्रिटी स्टेट्स का लाभ भी कांग्रेस को मिल सकता है।
पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू को यूथ आइकॉन और अच्छा इंसान बताया है। बाजवा ने उनको कांग्रेस पार्टी मं शामिल करने का जोरदार समर्थन किया है।
आम आदमी पार्टी में विवाद, कांग्रेस और सिद्धू
पंजाब में आम आदमी पार्टी, पूर्व कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर को लेकर विवादों में घिरी और उसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं पर महिलाओं के शोषण के आरोप लगे।
आम आदमी पार्टी की छवि इन विवादों से धूमिल हुई है जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलने की संभावना है। इन सारी परिस्थियों में कांग्रेस को सिद्धू का साथ मिलने से और फायदा हो सकता है।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को कांग्रेस से कुछ ही कम सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। सत्ता समीकरणों के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के साथ नहीं जाना चाहेगी लेकिन सिद्धू की पार्टी से वह सामंजस्य बिठा सकती है।
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