चंडीगढ़ का रंगकर्मी कर रहा था बच्चों का यौन शोषण
नई दिल्ली( ब्यूरो) चंडीगढ़ के 'थिएटर एज' गैर सरकारी संगठन के कर्ताधर्ता तथा तमाम पुरस्कारों से नवाज़े गए रंगकर्मी ज़ुल्फ़िकार पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप लगने से सनसनी फैल गई है। वे काफी सालों से चंडीगढ में रंगकर्मी के रूप में काम कर रहे हैं। ये कोई पहला मामला नहीं हैं जब बेसहारा, गरीब बच्चे हैवानियत का शिकार बने हैं।
रोहतक में भी हुआ
रोहतक का अपना घर मामला भी ऐसा ही था जहाँ रसूखदारों की शह पे अनाथ बच्चों का शोषण होता रहा। साल 2012 में ये मामला सामने आया और तब से अब तक ये मामला अदालत में चल ही रहा है तमाम आरोपी छूट चुके हैं और जो गिरफतारी में हैं उन्हें अभी तक सजा नहीं हुई है।
मन वितृष्णा से भरा
वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र कौर ने कहा है कि इस खबर को सुनकर मन वितृष्णा से भर गया। मासूम बच्चों के लिए करुणा से भर गया। बेहद लाचारी महसूस हुई। कैसी विकृत मानसिकता वाले लोग हैं जो बच्चों को अपनी हैवानियत का शिकार बना रहें हैं।
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सफेदपोश चेहरों के पीछे छिपे इन घिनौने चेहरों को पहचाना कैसे जाये जो बेहद शरीफ बन कर हमारे बीच मौजूद है और बच्चों को अपना शिकार बना रहें हैं। जानकार कहते हैं कि बच्चों को यौन शोषण से बचाने वाला क़ानून POCSO (protection of children against sexual offence) बच्चों की सुरक्षा सिर्फ कागज़ों में ही सुनिश्चित कर पा रहा है।
पहले भी
सूत्रों ने बताया कि जुल्फिकार को लेकर पहले भी कुछ आरोप तो लगे थे दबी जुबान से पर किसी ने यह नहीं सोचा था कि जो शख्स रंगकर्मी के रूप में स्थापित हो चुका है, वह बच्चों का यौम शोषण करेगा।