लोकसभा चुनाव 2019: 'आप' के गढ़ फरीदकोट का हाल, जानें किसके बीच मुकाबले के हैं आसार
फरीदकोट। पंजाब की फरीदकोट सीट मोगा, फरीदकोट, मुक्तसर व भठिंडा इलाके में सिमटी है। फरीदकोट से आप के प्रत्याशी प्रो. साधु सिंह जोकि इस क्षेत्र से दूसरी बार चुनाव में उतरे हैं, उन्होंने पिछले चुनावों में परमजीत कौर गुलशन को 1 लाख 72 हजार मतों से हराया था। इस बार उनके मुकाबले कांग्रेस की ओर से पंजाबी गायक पूर्व विधायक मोहम्मद सदीक चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पंजाब एकता पार्टी के प्रत्याशी मास्टर बलदेव सिंह हैं। वह जैतों से मौजूदा विधायक हैं। अभी तक यहां मोहम्मद सदीक व मास्टर बलदेव सिंह के बीच ही मुकाबले के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं।
शिरोमणी अकाली दल से गुलजार सिंह राणी मैदान में
शिरोमणी अकाली दल की ओर से पूर्व मंत्री गुलजार सिंह राणी के मैदान में हैं। वह चार बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन उनका नाता अमृतसर से है, लिहाजा उन्हें बाहरी प्रत्याशी माना जा रहा है। लेकिन अकाली दल के खिलाफ लोगों का गुस्सा उनके लिए मुसीबत बनता जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान अकालियों के खिलाफ बने महौल की वजह से आप ने पंजाब में चार सीटें जीत ली थीं, जिनमें फरीदकोट भी शामिल थी।
दोबारा मैदान में 78 साल साधु सिंह
प्रोफेसर साधु सिंह राजनीति में नए आए थे, व चुनाव जीतकर उन्होंने सबको चौंका दिया था। इस बार अपनी गिरती सेहत को लेकर प्रो. साधू सिंह दोबारा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन आप के गिरते ग्राफ व सुखपाल खैहरा फैक्टर को देखते हुए इस बार पार्टी में उम्मीदवार के संकट को देखते हुए पार्टी ने फिर से प्रो. साधू सिंह को दोबारा मैदान में उतारने का फैसला लिया है। वह 78 साल के हो चुके हैं, लेकिन इस बार फरीदकोट में प्रो. साधू सिंह के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। इस बार यहां आप की लहर नहीं है। भले ही उनकी छवि साफ सुथरी रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी में बिराव के बाद खैहरा गुट की ओर से अलग राजनैतिक पार्टी के गठन से मौजूदा चुनावों में आप का भविष्य खतरे में है। साधु सिंह के लिए भी यहां चुनाव जीतना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
'आप' भी लगाएगी पूरा जोर
9 विधानसभा क्षेत्र वाले फरीदकोट में सात विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का और दो में आप का दबदबा है। फरीदकोट में फरीदकोट, कोटकपूरा, जैतो, गिद्दड़बाहा, रामपुरा फूल, मोगा, बाघापुराना, धर्मकोट, निहाल सिंह वाला विधानसभा क्षेत्र आते हैं। लिहाजा लोकसभा चुनावों में आप हर हाल में चाहेगी कि वह इस सीट को बचाए रखे। उधर, कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है और कांग्रेस हर हाल में यह सीट जीतना चाहेगी।
फरीदकोट संसदीय सीट पर 12वीं बार हो रहा चुनाव
1977 में बनी फरीदकोट संसदीय सीट, 12वीं बार हो रहा है चुनाव। 1977 में फरीदकोट संसदीय सीट बनी थी तो उस समय जनता दल गठजोड़ की चली आंधी के कारण इस हल्के से परकाश सिंह बादल शिअद के सांसद चुने गए थे। उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया गया था, लेकिन प्रकाश सिंह बादल ज्यादा समय दिल्ली नहीं टिक पाए और वह फिर से राज्य की सियासत में सक्रिय हो गए। उनके सीट छोड़ने के बाद उप चुनाव भी शिअद के बलवंत सिंह रामूवालिया ने जीता था।
साधु सिंह ने विकास के लिए बांटे रुपए
साधु सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने 25 करोड़ के एमपी फंडों में मिले 22.32 करोड़ रुपए ग्रांट के रूप में संसदीय हल्के के सभी 9 विधानसभा हल्कों में विकास के लिए बांटें हैं। उन्होंने मोगा जिले के गांव फतेहगढ़ कोरोटाना को गोद लिया था, जिसके चलते उसको आदर्श गांव का रुतबा मिला और केंद्र सरकार ने यहां डिग्री कॉलेज बनाने को प्राथमिकता दी। हालांकि, बीच में उनके पीए पर एमपी फंडों से छेड़छाड़ की बात उठी थी।
कब किसने हासिल की जीत
शिअद 7, कांग्रेस 3, शिअद (मान) 1 व आप 1 बार जीती। 1977 में प्रकाश सिंह बादल (शिअद), 1978 (उपचुनाव) बलवंत सिंह रामूवालिया (शिअद)। 1980 में गुरविंदर कौर बराड़ (कांग्रेस)। 1984 में शमिंदर सिंह (शिअद)। 1989 में जगदेव सिंह खुडियां (शिअद-मान)। 1991 में जगमीत सिंह बराड़ (कांग्रेस)। 1996 में सुखबीर सिंह बादल (शिअद)। 1998 में (उपचुनाव) सुखबीर सिंह बादल (शिअद)। 1999 (उपचुनाव) जगमीत सिंह बराड़ (कांग्रेस)। 2004 में सुखबीर सिंह बादल (शिअद)। 2009 में परमजीत कौर गुलशन (शिअद) और 2014 प्रो. साधू सिंह (आम आदमी पार्टी)।
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