जोमैटो और स्विगी दोनों की एक ही कमजोरी, ग्राहकों पर क्या होगा असर?
ई दिल्ली, 5 मार्च। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Comeptition Commission Of India) ने देश की दो बड़ी ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनियों जोमैटो और स्विगी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। वहीं फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, जोमैटो और स्विगी रेस्तरां के पार्टनर सीसीआई की जांच के बाद एक जुट होते दिख रहे हैं।
दो बड़ी ऑनलाइन फूड डिलिवरी चेन जोमैटो और स्विगी के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी (Comeptition Commission Of India) की ओर से जांच के आदेश दिए जाने के कई कारण हैं। देरी से पेमेंट और अनुचित कीमत इसका इसका प्रमुख कारण है। वहीं जोमैटो और स्विगी की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। जिसकी सीसीआई ने गहनता से जांच के आदेश जारी किए हैं।
वहीं फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, जोमैटो और स्विगी रेस्तरां भागीदार सीसीआई की जांच के बाद एक सूप में उतरते दिख रहे हैं। यह जांच का आदेश नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) द्वारा दायर एक शिकायत पर आया था। मामले की जांच वॉचडॉग के जांच शाखा महानिदेशक (DG) को सौंपी गई है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से कहा गया है कि मौजूदा रेस्टोरेंट पार्टनर्स के लिए उचित शर्तों पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए बाधाएं पैदा हो सकती हैं। प्रतिस्पर्धा के समग्र रूप से विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
वॉचडॉग की ओर से कहा गया है कि जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) दोनों ही प्लेटफॉर्म के रूप में काम करते हैं। दोनों कंपनियां बाजार पर मजबूत पकड़ रखती हैं इसलिए ये उल्टा असर डाल सकती हैं और कामकाज के बराबरी के अवसर को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में ग्राहकों को इसका नुकसान हो सकता है।
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नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया National Restaurant Association of India (NRAI) ने पिछले साल जुलाई में ही स्विगी और जोमैटो को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि जोमैटो और स्विगी के समझौतों में मूल्य समानता उपनियम शामिल है जिसके मुताबिक जो रेस्टोरेंट कंपनी के पार्टनर हैं वो खुद या किसी दूसरे चैनल के जरिए अधिक छूट या कम कीमत पर खाना नहीं बेच सकते। ये सरासर बाजार प्रतिस्पर्धा के खिलाफ है।