जानें कितनी सही, कितनी गलत है WhatsApp की शेयरिंग पॉलिसी
नयी दिल्ली। अगर आप व्हाट्सएप इस्तेमाल करते हैं तो आपकी निजी जानकारी अब सुरक्षित नहीं रहेगी। मैसेंजिग एप व्हाट्सएप ने कहा है कि वो अब अपने यूजर्स की जानकारी फेसबुक के साथ शेयर करेगी। व्हाट्सएप आपकी मोबाईल नंबर और आपकी जानकारी को अपनी पैतृक कंपनी फेसबुक के साथ शेयर करने वाली है।
इस प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के पीछे का मकसद है व्हाट्सअप को विज्ञापन फ्री बनाना है। इस कदम से जहां फेसबुक को अपने मंच पर और लक्षित विज्ञापन देने में मदद मिलेगी, वहीं व्हाट्सएप विज्ञापन फ्री बना रहेगा। व्हाट्सएप पर वायरल हुई सोनिया गांधी की आपत्तिजनक फोटो, झड़प में एक की मौत
कितनी सही, कितनी गलत
फेसबुक के द्वारा अधिग्रहण किए जाने के बाद व्हाट्सएप ने साफ किया था कि वो एक इंडिविजुअल बॉडी के तौर पर काम करेगी और यूजर्स का डेटा , कॉन्टैक्ट नंबर को सुरक्षित अपने पास रखेगी, लेकिन इस शेयरिंग पॉलिसी ने कंपनी के इस दावे को गलत साबित कर दिया है। कानून के जानकारों की मानें तो व्हाट्सएप अपने यूजर्स को इस पॉलिसी के बारे में सूचित करके ऐसा कर सकता है। अगर बिना सूचित किए वो ऐसा करते हैं तो ये कानूनी अपराध के दायरे में आएगा। इस बदलाव से पहले यूजर्स को इस बारे में जानकारी देनी जरूरी होगी। कंपनी को इस बदलाव के बारे में अपने यूजर्स को नेटिफेकशन भेजना होगा और उन्हें चुनने का विकल्प देना होगा।
विरोध शुरू
व्हाट्सएप के इस बदलाव का कई लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि फेसबुक डेटा के लिए व्हाट्सएप उपयोक्ताओं के एकाउंट में तांकझांक करेगी। जो उनकी निजता के अधिकार के खिलाफ है। आपको बता दें साल 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को खरीद लिया था, लेकिन दोनों ही कंपनियों का परिचालन अलग-अलग है। दुनियाभर में करीब 1 अरब लोग व्हाट्सअप का इस्तेमाल करते हैं। भारत में इसकी तादात काफी अधिक है।