इन बैंकों में रुपए जमा करने पर होगा ज्यादा फायदा, पर थोड़ा संभल कर कीजिए शुरुआत
अभी जिन बैंकों में आप का बचत खाता है, क्या वहां पर आपको रुपए जमा करने पर कम फायदा होता है? अगर आपका जवाब भी हां में है, तो आपको खुद के पैसों को इन बैंकों में जमा करने पर ज्यादा फायदा मिल सकता है।
नई दिल्ली। अभी जिन बैंकों में आप का बचत खाता है, क्या वहां पर आपको रुपए जमा करने पर कम फायदा होता है? अगर आपका जवाब भी हां में है, तो आपको खुद के पैसों को इन बैंकों में जमा करने पर ज्यादा फायदा मिल सकता है।
कैसे बैंकों से मिल रहा है फायदा
डिजिटल बैंकिंग और टेलिकॉम सेक्टर के बीच चल रही जोरदार प्रतियोगिता का फायदा ग्राहकों को हो रहा है। देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक बचत खाते पर कम ब्याज लोगों को दे रहे हैं। वहीं इनकी तुलना में नए पेमेंट्स बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक बचत खातों पर 7.25 फीसदी तक ब्याज लोगों को दे रहे हैं। जोकि 3 फीसदी तक ज्यादा है।
ग्राहकों को जोड़ने के लिए शुरु की हैं ऐसी स्कीम
ईटी की खबर के मुताबिक बैंकों को ज्यादा से ज्यादा ग्राहक खुद के साथ जोड़ने के लिए ऐसी योजनाओं से फायदा होता है। पर क्या यह स्कीम ज्यादा समय तक चलती रहेंगी, इस पर सवाल जरूर उठ रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकारों का मानना है कि पेमेंटस बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक अभी ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए बचत खाता धारकों को अधिक ब्याज ऑफर कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि आगे चलकर वे इसे कम कर सकते हैं। उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि बचत खाते ट्रांजैक्शंस के लिए होते हैं। पर हमारा मानना है कि लोग इन बचत खातों की ब्याज दर को लेकर बहुत चिंता नहीं करते। उन्होंने कहा कि लुभावने ऑफर देकर बैंक को कम समय में ज्यादा ग्राहक बनाने में मदद मिल सकती है। पर लंबे समय के लिए यह फायदेमंद न हो।
क्या ग्राहक करेंगे निवेश
अधिकतर बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि पेमेंट्स बैंकिंग व्यापार का फोकस अधिक से अधिक ग्राहक बनाने पर है, पर यह ई-कॉमर्स की तरह महंगा हो सकता है। बड़ा सवाल यह है कि ऐसे ऑफर वापस ले लिए जाने पर क्या ग्राहक बैंक के साथ बने रहेंगे। एक अन्य कंपनी के अधिकारी ने बताया कि वित्तीय समावेश का हमारा अनुभव बताता है कि ऐसे ग्राहकों को जोड़ने के लिए दिए गए ऑफर्स को वापस लेना बहुत मुश्किल होता है। पर जब एक बार लोग इन बैंक के बिजनेस मॉडल को लेकर सवाल खड़ा करना शुरु कर देते हैं तो संस्थान पर ग्राहकों का भरोसा कम हो सकता है।
आरबीआई के नियम
छोटे और मझोले बैंक लोन देकर पैसा बना सकते हैं, पर नियमों के मुताबिक पेमेंट्स बैंक अभी कर्ज नहीं दे सकते। आरबीआई के नियमों के मुताबिक पेमेंट्स बैंक को 75 फीसदी जमा धनराशि को सरकारी बॉन्ड में रखना होगा। वे दूसरे कमर्शियल बैंकों के पास 25 फीसदी से अधिक जमा धनराशि भी नहीं रख सकते।